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पाक मूल की अमेरिकी महिला को कोर्ट से मिली सशर्त जमानत, इंडो-नेपाल बॉर्डर से किया था गिरफ्तार

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Published : Jan 13, 2020, 10:27 AM IST

बॉर्डर पार करते वक्त बनबसा में बिना वीजा और पासपोर्ट के पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला को हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमानत मिल गई है.

पाक मूल
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अल्मोड़ाः इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बिना वीजा और पासपोर्ट के पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला को हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमानत मिल गई है. महिला को उनके वकील अपनी सुपुर्दगी में ले गये हैं. कोर्ट की शर्तों के अनुसार उसे केस निस्तारण तक अल्मोड़ा में ही निवास करना होगा. महिला के रिहा होने के बाद अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसकी हर गतिविधियों पर नजर रखेगी.

गौर हो कि 12 जुलाई 2019 को इंडो-नेपाल बॉर्डर पर चंपावत जिले के बनबसा में शाम को नेपाल से भारत आने वाली बस की चेकिंग की जा रही थी. चेकिंग में नेपाली नागरिक बताकर एक महिला ने भारत में प्रवेश करना चाहा.

शक होने पर इमीग्रेशन चेक करने पर उससे पूछताछ की और आईडी दिखाने को कहा तो वह सकपका गई. कड़ाई से पूछताछ करने पर वह पाक मूल की अमेरिकी नागरिक निकली. जांच करने पर महिला पासपोर्ट और बीजा नहीं दिखा पाई.

सख्ती से पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक है. वह पाकिस्तान में पैदा हुई और अपने परिवार के साथ वर्ष 1992 में अमेरिका की नागरिकता ले ली थी, तब से वह अमेरिका में ही रहती है.

उसने बताया कि उसका पासपोर्ट काठमांडू में रह गया है, वह दिल्ली जा रही है. संदिग्ध प्रतीत होने पर इमीग्रेशन चेक पोस्ट अधिकारी ने उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया. चोरी छुपे बनबसा बॉर्डर से भारत आने के पीछे उसका उद्देश्य क्या था, इसका खुलासा नहीं हो सका है.

यह भी पढ़ेंः 20 जनवरी को रायवाला के छात्र हर्षवर्धन के सवालों का जवाब देंगे पीएम मोदी

पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. तभी से वह अल्मोड़ा जेल में बंद थी. वहीं हाइकोर्ट के आदेश पर उसे जमानत मिली है लेकिन वह फिलहाल अल्मोड़ा में ही रहेगी. पुलिस और खुफिया विभाग की उस पर नजर रहेगी.

अल्मोड़ाः इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बिना वीजा और पासपोर्ट के पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला को हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमानत मिल गई है. महिला को उनके वकील अपनी सुपुर्दगी में ले गये हैं. कोर्ट की शर्तों के अनुसार उसे केस निस्तारण तक अल्मोड़ा में ही निवास करना होगा. महिला के रिहा होने के बाद अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसकी हर गतिविधियों पर नजर रखेगी.

गौर हो कि 12 जुलाई 2019 को इंडो-नेपाल बॉर्डर पर चंपावत जिले के बनबसा में शाम को नेपाल से भारत आने वाली बस की चेकिंग की जा रही थी. चेकिंग में नेपाली नागरिक बताकर एक महिला ने भारत में प्रवेश करना चाहा.

शक होने पर इमीग्रेशन चेक करने पर उससे पूछताछ की और आईडी दिखाने को कहा तो वह सकपका गई. कड़ाई से पूछताछ करने पर वह पाक मूल की अमेरिकी नागरिक निकली. जांच करने पर महिला पासपोर्ट और बीजा नहीं दिखा पाई.

सख्ती से पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक है. वह पाकिस्तान में पैदा हुई और अपने परिवार के साथ वर्ष 1992 में अमेरिका की नागरिकता ले ली थी, तब से वह अमेरिका में ही रहती है.

उसने बताया कि उसका पासपोर्ट काठमांडू में रह गया है, वह दिल्ली जा रही है. संदिग्ध प्रतीत होने पर इमीग्रेशन चेक पोस्ट अधिकारी ने उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया. चोरी छुपे बनबसा बॉर्डर से भारत आने के पीछे उसका उद्देश्य क्या था, इसका खुलासा नहीं हो सका है.

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पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. तभी से वह अल्मोड़ा जेल में बंद थी. वहीं हाइकोर्ट के आदेश पर उसे जमानत मिली है लेकिन वह फिलहाल अल्मोड़ा में ही रहेगी. पुलिस और खुफिया विभाग की उस पर नजर रहेगी.

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बॉर्डर पार करते वक्त बनबसा में बीजा और पासपोर्ट बगैर पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अल्मोड़ा जेल से रिहा कर दिया है। महिला को उनके वकील अपनी सुपुर्दगी में ले गये हैं। कोर्ट की शर्तो के अनुसार उसे केस निस्तारण न होने तक अल्मोड़ा में ही निवास करना होगा। महिला के रिहा होने के बाद अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसकी हर गतिविधियों पर नजर रखेगी।
Body:12 जुलाई 2019 को इंडो नेपाल बॉर्डर पर चम्पावत जिले के बनबसा में शाम को नेपाल से भारत आने वाली बस की चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग में नेपाली नागरिक बताकर एक महिला ने भारत में प्रवेश करना चाहा। शक होने पर इमीग्रेशन चेक पर उससे पूछताछ की और आइडी दिखाने को कहा तो वह सकपका गई। कड़ाई से पूछताछ करने पर वह पाक मूल की अमेरिकी नागरिक निकली। उसके पास न तो पासपोर्ट था और न ही वीजा। सख्ती से पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक है। वह पाकिस्तान में पैदा हुई और अपने परिवार के साथ वर्ष 1992 में अमेरिका की नागरिकता ले ली थी। तब से वह अमेरिका में ही रहती है। उसने बताया कि उसका पासपोर्ट काठमाडू में रह गया है। वह दिल्ली जा रही है। संदिग्ध प्रतीत होने पर इमीग्रेशन चेक पोस्ट अधिकारी ने उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया। चोरी छुपे बनबसा बॉर्डर से भारत आने के पीछे उसका उद्देश्य क्या था, इसका खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। तभी से वह अल्मोड़ा जेल में रह रही थी। पिछले दिनों हाइकोर्ट के से उसको जमानत मिलीं है लेकिन वह फिलहाल अल्मोड़ा में ही रहेगी। पुलिस और खुफिया विभाग की उस पर नज़र रहेगी।
Conclusion:
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