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मेले पर लॉकडाउन की मार, वृद्ध जागेश्वर मंदिर में बैसाखी मेला रद्द - बैसाखी पर्व

अल्मोड़ा के वृद्ध जागेश्वर मंदिर में हर साल बैसाखी पर्व पर लगने वाला मेला लॉकडाउन के चलते रद्द हो गया है. मेला रद्द होने के कारण इससे आजीविका कमाने वाले लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

Vriddha Jageshwar Temple
लॉकडाउन के कारण बैसाखी मेला रद्द.
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Published : Apr 13, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Apr 13, 2020, 6:59 PM IST

अल्मोड़ा: कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन का असर स्थानीय मेलों पर भी पड़ा है. अल्मोड़ा के वृद्ध जागेश्वर मंदिर में बैसाखी पर्व पर लगने वाला ऐतिहासिक बिखौती मेला इस बार रद्द कर दिया गया. बैसाखी मेले में हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे.

लॉकडाउन के कारण बैसाखी मेला रद्द.

जागेश्वर मंदिर के पुजारी पंकज भट्ट ने बताया कि 13वीं सदी से हर वर्ष बैसाखी के दिन वृद्ध जागेश्वर मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता रहा है. इस मंदिर में दूर-दूर से हजारों लोग पूजा-पाठ करने आते हैं.

पढ़ें: कोरोना ने छीनी फूलों की 'खुशबू', किसानों के चेहरे का उड़ा 'रंग'

मंदिर के पुजारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहली बार मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. ये मेला रीठागाड़ पट्टी के लोगों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है. हर साल लगने वाले मेले की तैयारी ब्रह्ममुहूर्त से ही शुरू हो जाती थी. लेकिन, इस बार मेला रद्द होने के कारण मेले से आजीविका करने वालों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जागेश्वर धाम से उत्तर की दिशा में 2 किलोमीटर दूर वृद्ध जागेश्वर महादेव का मंदिर विराजमान है. जिनका विष्णु स्वरूप में पूजन किया जाता है. इस मंदिर का निर्माण 13 वीं सदी के मध्य बताया जाता है. हरे-भरे बांज, बुरांश, काफल आदि के घने जंगलों के बीच ऊंची पर्वतशिला पर यह प्राचीन मंदिर स्थित है.

अल्मोड़ा: कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन का असर स्थानीय मेलों पर भी पड़ा है. अल्मोड़ा के वृद्ध जागेश्वर मंदिर में बैसाखी पर्व पर लगने वाला ऐतिहासिक बिखौती मेला इस बार रद्द कर दिया गया. बैसाखी मेले में हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते थे.

लॉकडाउन के कारण बैसाखी मेला रद्द.

जागेश्वर मंदिर के पुजारी पंकज भट्ट ने बताया कि 13वीं सदी से हर वर्ष बैसाखी के दिन वृद्ध जागेश्वर मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता रहा है. इस मंदिर में दूर-दूर से हजारों लोग पूजा-पाठ करने आते हैं.

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मंदिर के पुजारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पहली बार मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. ये मेला रीठागाड़ पट्टी के लोगों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है. हर साल लगने वाले मेले की तैयारी ब्रह्ममुहूर्त से ही शुरू हो जाती थी. लेकिन, इस बार मेला रद्द होने के कारण मेले से आजीविका करने वालों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जागेश्वर धाम से उत्तर की दिशा में 2 किलोमीटर दूर वृद्ध जागेश्वर महादेव का मंदिर विराजमान है. जिनका विष्णु स्वरूप में पूजन किया जाता है. इस मंदिर का निर्माण 13 वीं सदी के मध्य बताया जाता है. हरे-भरे बांज, बुरांश, काफल आदि के घने जंगलों के बीच ऊंची पर्वतशिला पर यह प्राचीन मंदिर स्थित है.

Last Updated : Apr 13, 2020, 6:59 PM IST
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