अल्मोड़ा: जिले के स्याल्दे तहसील अंतर्गत छबोलाछना गांव में सात महीने की मासूम बच्ची चूल्हे की आग से झुलस गई. आनन-आनन में ग्रामीणों की मदद से बच्ची को इलाज के लिए सीएचसी देघाट ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसटीएफ हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया, लेकिन बच्ची ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार, ग्राम उप्राड़ी छबोलाछना में निवासी खीमराम की सात महीने की पुत्री लक्षिता की गुरुवार सुबह घर के भीतर चूल्हे की आग से झुलने के कारण मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बच्ची की मां सुबह उठने के बाद चूल्हे में आग जलाकर उसे चूल्हे के पास सोता छोड़कर गौशाला में जानवरों को घास देने चली गई. जब वह गौशाला से कमरे में लौटी तो देखा कि उसकी सात महीने की मासूम बच्ची चूल्हे की आग से बुरी तरह झुलस चुकी थी.
पढ़ें- श्रीनगर गढ़वाल में SSB का दीक्षांत समारोह संपन्न, देश को मिले 58 जांबाज
वहीं, बच्ची का पिता खीम राम बगल के कमरे में ही सो रहा था लेकिन पिता भी बच्ची की चीख नहीं सुन सका. बच्ची की हालत देखकर घर में चीख पुकार मची तो पड़ोसियों की सहायता से आनन-फानन में बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देघाट लाया गया. जहां डॉक्टर एसके विश्वास ने प्राथमिक उपचार कर बच्ची को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया. वहीं, हल्द्वानी ले जाते वक्त बच्ची में बच्ची ने बीच रास्ते में ही एंबुलेंस में दम तोड़ दिया.