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हरीश रावत निकाय चुनाव में चाह कर भी नहीं कर पाए वोट, इसे ठहराया जिम्मेदार, जानिए ईटीवी भारत से क्या बोले हरदा - UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2025

निकाय चुनाव 2025 में हरीश रावत चाह कर भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए. दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत भी परेशान.

UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2025
पूर्व सीएम हरीश रावत. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 23, 2025, 12:54 PM IST

Updated : Jan 23, 2025, 1:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 के लिए आज 23 जनवरी सुबह से ही मतदान जारी है. बड़ी संख्या में वोटर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन कई ऐसे वीआईपी भी हैं, जो उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 में अपना वोट नहीं डाल पा रहे हैं. ऐसे ही एक नेता हैं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत निकाय चुनाव के दौरान अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट नहीं कर पाए. दरअसल, हरीश रावत मतदान के लिए उत्सुक तो थे, लेकिन चाह कर भी वो मतदान नहीं कर पाए. ऐसा इसलिए क्योंकि हरीश रावत का मतदाता सूची में नाम ही दर्ज नहीं किया गया था. हैरत की बात यह है कि काफी खोजबीन के बाद भी हरीश रावत को अपना नाम मतदाता सूची में नहीं मिल पाया.

हरीश रावत निकाय चुनाव में चाह कर भी नहीं कर पाए वोट (ETV Bharat)

निकाय चुनाव में मतदान के बीच हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को एक नया संदेश दिया है. हरीश रावत ने कहा कि अब मतदाताओं को अपने मतदान सूची में नाम की सुरक्षा खुद करनी होगी. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने की है, लोग उस गलती को ना दोहराएं और मतदाता सूची में उनका नाम दर्ज है, इसकी खुद निगरानी करें.

जानकारी के मुताबिक हरीश रावत का वोट देहरादून नगर निगम के वार्ड नंबर वार्ड नंबर 76 में है. गुरुवार 23 जनवरी को उन्होंने अपने बूथ पर वोट डालने के लिए पार्टी कार्यकर्तओं से अपनी मतदाता सूची से पर्ची लाने के लिए कहा. जब पार्टी के कार्यकर्ता मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदाता सूची में उनका नाम ढूंढने लगे तो पता चला कि हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में मौजूद ही नहीं था. काफी कोशिश के बाद भी मतदाता सूची में हरीश रावत का नाम नहीं मिला.

इसके बाद हरीश रावत ने राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से भी बातचीत की तो उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि फिलहाल आयोग की वेबसाइट धीमी चल रही है और वह उनके नाम को लेकर मौजूदा स्थिति देखने की कोशिश करेंगे.

ईटीवी भारत ने इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि-

मुझे पहले से ही सचेत रहना चाहिए था. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में किसी भी स्तर पर जीत पाने के लिए कदम उठा सकती है. उन्हें पहले ही इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाना चाहिए था कि कहीं मतदाता सूची में उनका नाम काट तो नहीं दिया गया है.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि-

आयोग जैसी एजेंसी को निष्पक्ष होना चाहिए और वह इस मामले में राज्य के अधिकारियों पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. लेकिन इतना जरूर है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कई लोगों की तरफ से ऐसी शिकायत आती रही है कि उनके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

बीजेपी ने आरोपों का दिया जवाब: वहीं हरीश रावत के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत मतदान के प्रति कितने जागरूक है, इसका पता इससे लगता है कि वो वोटिंग के दिन ही अपने मत को ढूंढने निकले है. शायद हरीश रावत को पता ही नहीं है कि वो कहा के वोटर हैं.

dehradun
दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत (ETV Bharat)

हरीश रावत के अलावा दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत भी एक से दूसरे बूथ के चक्कर काट रहे हैं. उनका कहना है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमकेपी कॉलेज में अपना वोट डाला था, लेकिन अब उनका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं मिल पा रहा है. उनके परिवार में चार सदस्य हैं. किसी का भी नाम मतदाता सूची में उन्हें नहीं मिल पा रहा है और वह दो से तीन बूथों के चक्कर सवेरे से काट रहे हैं. लेकिन उनका नाम नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें इस अधिकार से वंचित किया जा रहा है.

पढ़ें---

देहरादून: उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 के लिए आज 23 जनवरी सुबह से ही मतदान जारी है. बड़ी संख्या में वोटर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन कई ऐसे वीआईपी भी हैं, जो उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 में अपना वोट नहीं डाल पा रहे हैं. ऐसे ही एक नेता हैं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत निकाय चुनाव के दौरान अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट नहीं कर पाए. दरअसल, हरीश रावत मतदान के लिए उत्सुक तो थे, लेकिन चाह कर भी वो मतदान नहीं कर पाए. ऐसा इसलिए क्योंकि हरीश रावत का मतदाता सूची में नाम ही दर्ज नहीं किया गया था. हैरत की बात यह है कि काफी खोजबीन के बाद भी हरीश रावत को अपना नाम मतदाता सूची में नहीं मिल पाया.

हरीश रावत निकाय चुनाव में चाह कर भी नहीं कर पाए वोट (ETV Bharat)

निकाय चुनाव में मतदान के बीच हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को एक नया संदेश दिया है. हरीश रावत ने कहा कि अब मतदाताओं को अपने मतदान सूची में नाम की सुरक्षा खुद करनी होगी. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने की है, लोग उस गलती को ना दोहराएं और मतदाता सूची में उनका नाम दर्ज है, इसकी खुद निगरानी करें.

जानकारी के मुताबिक हरीश रावत का वोट देहरादून नगर निगम के वार्ड नंबर वार्ड नंबर 76 में है. गुरुवार 23 जनवरी को उन्होंने अपने बूथ पर वोट डालने के लिए पार्टी कार्यकर्तओं से अपनी मतदाता सूची से पर्ची लाने के लिए कहा. जब पार्टी के कार्यकर्ता मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदाता सूची में उनका नाम ढूंढने लगे तो पता चला कि हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में मौजूद ही नहीं था. काफी कोशिश के बाद भी मतदाता सूची में हरीश रावत का नाम नहीं मिला.

इसके बाद हरीश रावत ने राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से भी बातचीत की तो उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि फिलहाल आयोग की वेबसाइट धीमी चल रही है और वह उनके नाम को लेकर मौजूदा स्थिति देखने की कोशिश करेंगे.

ईटीवी भारत ने इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि-

मुझे पहले से ही सचेत रहना चाहिए था. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में किसी भी स्तर पर जीत पाने के लिए कदम उठा सकती है. उन्हें पहले ही इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाना चाहिए था कि कहीं मतदाता सूची में उनका नाम काट तो नहीं दिया गया है.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि-

आयोग जैसी एजेंसी को निष्पक्ष होना चाहिए और वह इस मामले में राज्य के अधिकारियों पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. लेकिन इतना जरूर है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कई लोगों की तरफ से ऐसी शिकायत आती रही है कि उनके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

बीजेपी ने आरोपों का दिया जवाब: वहीं हरीश रावत के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत मतदान के प्रति कितने जागरूक है, इसका पता इससे लगता है कि वो वोटिंग के दिन ही अपने मत को ढूंढने निकले है. शायद हरीश रावत को पता ही नहीं है कि वो कहा के वोटर हैं.

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दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत (ETV Bharat)

हरीश रावत के अलावा दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत भी एक से दूसरे बूथ के चक्कर काट रहे हैं. उनका कहना है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमकेपी कॉलेज में अपना वोट डाला था, लेकिन अब उनका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं मिल पा रहा है. उनके परिवार में चार सदस्य हैं. किसी का भी नाम मतदाता सूची में उन्हें नहीं मिल पा रहा है और वह दो से तीन बूथों के चक्कर सवेरे से काट रहे हैं. लेकिन उनका नाम नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें इस अधिकार से वंचित किया जा रहा है.

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Last Updated : Jan 23, 2025, 1:11 PM IST
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