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ऋषिकेश में नहीं पहुंचे रिश्तेदार तो पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार - कोरोना ने रिश्ते भुलाए

कहते हैं कि रिश्तेदार होते हैं संकट की घड़ी में मदद करने के लिए. लेकिन कोरोना ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है. स्थितियां ऐसी बन गई हैं कि पुलिस को कोरोना से मरे हुए लोगों का अंतिम संस्कार भी करना पड़ रहा है.

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पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया
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Published : Apr 30, 2021, 2:52 PM IST

ऋषिकेश: कहते हैं रिश्तेदार इसलिए होते हैं कि जब जरूरत पड़े तो संकट की घड़ी में साथ दें. लेकिन रानीपोखरी क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनने और देखने के बाद रिश्तेदारों से जैसे मोहभंग सा हो गया है.

कोरोना काल ने दिखाई कड़वी हकीकत.

दरअसल रानीपोखरी में रहने वाले एक सेना से रिटायर्ड फौजी की माता का अचानक निधन हो गया. सूचना के बावजूद कोविड-19 के कहर की वजह से रिश्तेदार दाह संस्कार तो दूर घर पर शव के अंतिम दर्शन करने के लिए भी नहीं पहुंचे. ऐसे में शव को उठाने के लिए चार कंधों की जरूरत को भला इकलौता बेटा कैसे पूरी करता. मजबूरी में बेटे ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई. फिर क्या था पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए तत्काल गांव के जनप्रतिनिधियों को एकत्रित किया और मृतक के घर पहुंच गई.

पढ़ें: कोरोनेशन हॉस्पिटल में बिजली गुल, दो घंटे तक सांसत में मरीजों की जान

जनप्रतिनिधियों और पुलिस ने मिलकर शव को कंधा दिया और मुनि की रेती स्थित पूर्णानंद घाट पहुंचाया. दाह संस्कार के बाद मदद करने पर मृतक के बेटे ने पुलिस और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया.

ऋषिकेश: कहते हैं रिश्तेदार इसलिए होते हैं कि जब जरूरत पड़े तो संकट की घड़ी में साथ दें. लेकिन रानीपोखरी क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनने और देखने के बाद रिश्तेदारों से जैसे मोहभंग सा हो गया है.

कोरोना काल ने दिखाई कड़वी हकीकत.

दरअसल रानीपोखरी में रहने वाले एक सेना से रिटायर्ड फौजी की माता का अचानक निधन हो गया. सूचना के बावजूद कोविड-19 के कहर की वजह से रिश्तेदार दाह संस्कार तो दूर घर पर शव के अंतिम दर्शन करने के लिए भी नहीं पहुंचे. ऐसे में शव को उठाने के लिए चार कंधों की जरूरत को भला इकलौता बेटा कैसे पूरी करता. मजबूरी में बेटे ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई. फिर क्या था पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए तत्काल गांव के जनप्रतिनिधियों को एकत्रित किया और मृतक के घर पहुंच गई.

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जनप्रतिनिधियों और पुलिस ने मिलकर शव को कंधा दिया और मुनि की रेती स्थित पूर्णानंद घाट पहुंचाया. दाह संस्कार के बाद मदद करने पर मृतक के बेटे ने पुलिस और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया.

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