काशीपुर: इलाके में सूदखोरी का कारोबार चरम पर है. ब्याज पर पैसा देकर कर्जदार का सबकुछ लूट लेने वाले सूदखोरों की हनक उनके जीवन पर भारी पड़ रही है. बीते दिनों काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में इसी के चलते एक टेंपो चालक धर्मेंद्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद शनिवार को धर्मेंद्र के परिजनों ने थाने पहुंचकर पुलिस अधीक्षक का घेराव किया. इस दौरान दूसरे पक्ष ने थाने पहुंचकर अपना पक्ष रखा. जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर वापस भेजा.
काशीपुर के नारायण नगर के रहने वाले टेंपो चालक धर्मेंद्र सिंह की आत्महत्या सूदखोरों के आतंक की कहानी बयां करती है. धर्मेंद्र ब्याजखोरों से इस कदर परेशान था कि ब्याज उतारने का प्रयास करते-करते वह उनके बिछाये जाल में जा फंसा. आखिरकार धर्मेंद्र ने परेशान होकर घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जिसके बाद धर्मेंद्र की पत्नी उसके तीन वर्षीय बच्चे को गोद में उठाये पुलिस से न्याय की गुहार लगाने के लिए घूम रही है.
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मृतक धर्मेंद्र की पत्नी चांदनी ने आईटीआई थाने में तहरीर देकर बताया कि उसके पति ने चार साल पहले एक व्यक्ति से बीस हजार रुपये दस प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज पर लिए थे. उसके पति ने पचास हजार रुपये ब्याज और बीस हजार रुपए मूलधन लौटा दिए थे. जिसके बाद सूदखोर ने डेढ़ लाख रुपये और देने की बात कहते हुए चेक और स्टाम्प वापस नहीं किये. जिसके कारण बीते दो सितम्बर की शाम को सूदखोर ने घर आकर मकान उसके नाम कराने की धमकी देते हुए चेक को कोर्ट में लगाकर पैसा वसूल करने की चेतावनी दी. जिसके कारण धर्मेंद्र तनाव में गया और उसने आत्महत्या कर ली.
वहीं इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ने दोनों पक्षों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सूदखोरी के मामलों की विस्तार से गोपनीय जांच की जा रही है.