हरिद्वार: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब गोवंश की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. योगी सरकार गौवध निवारण संशोधन अध्यादेश-2020 लेकर आई है. जिसमें इस अध्यादेश के तहत पांच लाख के जुर्माने और दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है. जिसे लेकर साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 का स्वागत किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में यूपी गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी गई है. इसके तहत गोकशी और तस्करी पर 10 साल तक की जेल हो सकेगी. साथ ही 5 लाख जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. अध्यादेश के मुताबिक, दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा होगी. यह अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा.
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वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गोवंश के अध्यादेश पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है गोवंश संरक्षण के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहसिक फैसला लिया है. उनके द्वारा लाए गए इस अध्यादेश का देश के सभी संत-महात्मा स्वागत और समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से गोवध करने वाले लोगों के मन में भय होगा और लोग गौ हत्या करने से डरेंगे.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि इस अध्यादेश के लागू होने से यूपी में गौ माता पूरी तरह से सुरक्षित हैं. उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी मांग की है कि यूपी की तर्ज पर सभी राज्यों में गौ संरक्षण के लिए अध्यादेश लाया जाए जिससे गौ माता की पूरे देश में रक्षा हो सके. महंत नरेंद्र गिरि ने सभी अखाड़ों के संत महात्माओं की ओर से इस फैसले के लिए पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी का आभार जताया है.