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पहल: महिलाएं रद्दी से तैयार कर रही डेकोरेटिव सामान, मार्केट में अच्छी खासी डिमांड

महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था के साथ जुड़कर ये महिलाएं आज रद्दी अखबारों से कई प्रकार के सजावटी समान तैयार कर रही हैं.अखबारों से तैयार किए गए विभिन्न सजावट के सामानों की मार्केट में काफी अच्छी खासी डिमांड है

पहाड़ की महिलाएं रद्दी अखबारों से तैयार कर रही सजावटी सामान.
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Published : Oct 18, 2019, 7:40 PM IST

कोटद्वार: घर की सजावट के लिए आज तक आप लोग बाजार से मिट्टी,ग्लास, मार्बल और लकड़ी से बने कई फूलदान और फोटो फ्रेम इत्यादि खरीदते होंगे. आज ईटीवी भारत आपको घर के ही रद्दी अखबारों से फूलदान, फोटो फ्रेम और सजावट का सामान बनाने वाली महिलाओं से मिलवाने जा रहा है.

महिलाएं रद्दी से तैयार कर रही डेकोरेटिव सामान.

बता दें कि महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था बीते कई सालों से पहाड़ की महिलाओं को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्य में जुटी हुई है. वर्तमान में इस संस्था के साथ जुड़कर पहाड़ की हजारों महिलाएं कपड़ों की सिलाई के साथ ही कई तरह के सजावटी सामान तैयार कर रही हैं. जिसमें सबसे खास रद्दी पड़े अखबारों से तैयार किए गए फूलदान और अन्य सजावट के सामान हैं.

महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था के साथ जुड़कर ये महिलाएं आज रद्दी अखबारों से कई प्रकार के सजावटी समान तैयार कर रही हैं. ऐसी ही एक महिला रजनी बताती हैं कि वर्तमान में उनके द्वारा अखबारों से तैयार किए गए विभिन्न सजावट के सामानों की मार्केट में काफी अच्छी खासी डिमांड है. उनके द्वारा तैयार किए गए फूलदान, फोटो फ्रेम, दीयों की होटल व्यापारी खूब खरीदारी कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रजनी ने बताया कि सभी तैयार किये गये सजावटी सामान रद्दी पड़े अखबारों से तैयार किए गए हैं इसलिए इनकी कीमत अन्य की तुलना में कम होती है. बाजार में अन्य फूलदान या फोटोफ्रेम अक्सर 400-500 रुपए में खरीदते हैं. वहीं, रद्दी कागजों से बने ये फूलदान और फोटो फ्रेम महज 100-200 रुपए में आसानी से मिल जाते हैं.

कोटद्वार: घर की सजावट के लिए आज तक आप लोग बाजार से मिट्टी,ग्लास, मार्बल और लकड़ी से बने कई फूलदान और फोटो फ्रेम इत्यादि खरीदते होंगे. आज ईटीवी भारत आपको घर के ही रद्दी अखबारों से फूलदान, फोटो फ्रेम और सजावट का सामान बनाने वाली महिलाओं से मिलवाने जा रहा है.

महिलाएं रद्दी से तैयार कर रही डेकोरेटिव सामान.

बता दें कि महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था बीते कई सालों से पहाड़ की महिलाओं को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्य में जुटी हुई है. वर्तमान में इस संस्था के साथ जुड़कर पहाड़ की हजारों महिलाएं कपड़ों की सिलाई के साथ ही कई तरह के सजावटी सामान तैयार कर रही हैं. जिसमें सबसे खास रद्दी पड़े अखबारों से तैयार किए गए फूलदान और अन्य सजावट के सामान हैं.

महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था के साथ जुड़कर ये महिलाएं आज रद्दी अखबारों से कई प्रकार के सजावटी समान तैयार कर रही हैं. ऐसी ही एक महिला रजनी बताती हैं कि वर्तमान में उनके द्वारा अखबारों से तैयार किए गए विभिन्न सजावट के सामानों की मार्केट में काफी अच्छी खासी डिमांड है. उनके द्वारा तैयार किए गए फूलदान, फोटो फ्रेम, दीयों की होटल व्यापारी खूब खरीदारी कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रजनी ने बताया कि सभी तैयार किये गये सजावटी सामान रद्दी पड़े अखबारों से तैयार किए गए हैं इसलिए इनकी कीमत अन्य की तुलना में कम होती है. बाजार में अन्य फूलदान या फोटोफ्रेम अक्सर 400-500 रुपए में खरीदते हैं. वहीं, रद्दी कागजों से बने ये फूलदान और फोटो फ्रेम महज 100-200 रुपए में आसानी से मिल जाते हैं.

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FTP Folder- uk_deh_02_newspaper_products_pkg_7201636

कोटद्वार- आपने अब तक बाज़ारों में मिट्टी , ग्लास, मार्बल और लकड़ी से बने कई फूलदान , फोटो फ्रेम इत्यादि देखे होंगे । लेकिन क्या आपने कभी रद्दी में पड़े अखबारों से बने फूलदान, फोटो फ्रेम और घर की सजावट से जुड़े अन्य सामान देखे हैं ?

बता दे कि महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था बीते कई सालों से पहाड़ की महिलाओं को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्य में जुटी हुई है । वर्तमान में इस संस्था के साथ जुड़कर पहाड़ की हज़ारों महिलाएं कपड़ों की सिलाई के साथ ही कई तरह के सजावटी सामान तैयार कर रही हैं । जिसमें सबसे खास रद्दी में पड़े अखबारों से तैयार किए गए फूलदान और अन्य सजावट के सामान है ।

महिला कल्याण एवं बाल उत्थान संस्था के साथ जुड़कर आज अखबारों से कई प्रकार के सजावटी समान तैयार कर रही रजनी बताती हैं कि वर्तमान में उनके द्वारा अखबारों से तैयार किए गए विभिन्न सजावट के सामानों की मार्केट में काफी अच्छी खासी डिमांड है । उनके द्वारा तैयार किए गए फूलदान , फ़ोटो फ्रेम , दियों की होटल व्यापारी खूब खरीदारी कर रहे हैं ।




Body:ईटीवी भारत से बात करते हुए रजनी ने बताया कि क्योंकि यह सभी सजावट के सामान रद्दी में पड़े अखबारों से तैयार किए गए हैं इसलिए इनकी कीमत भी बाजारों में बिकने वाले अन्य सजावट के सामानों से काफी कम है । जो फूलदान या फोटोफ्रेम अक्सर हम बाजार से 400-500 रुपए में खरीदते हैं ।वहीं फूलदान और फ़ोटो फ्रेम अखबार से बने होने की वजह से महज 100 -200 में आप खरीद सकते हैं ।

रजनी बताती हैं कि इन सजावट के सामानों को तैयार कर आज न सिर्फ वह आत्मनिर्भर हैं । बल्कि इसके होने वाली कमाई से वह अपने परिवार को भी आर्थिक सहयोग दे पा रही हैं ।







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