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जौनसार-बावर में नहीं थम रही ओवरलोडिंग, लगातार बढ़ रहे हादसे

यूटिलिटी वाहन में चालक सहित पांच सवारी बैठाने का प्रावधान है. वहीं अन्य छोटे बंद बॉडी के वाहनों में 8 से 9 सवारी की स्वीकृति है. लेकिन जौनसार बावर क्षेत्र में इन नियमों को ताक पर रखकर सफर किया जा रहा है.

जौनसार-बावर में नहीं थम रही ओवरलोडिंग
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Published : Oct 28, 2019, 8:38 PM IST

विकासनगर: जौनसार-बावर में ओवरलोडिंग के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी वाहन चालक इससे बाज नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण आये दिन दुर्घटना का खबरें सामने आ रही हैं. बावजूद इसके वाहन चालक सबक लेने को तैयार नहीं हैं.

जौनसार बावर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह छोटे वाहनों पर निर्भर है. यहां लोगों को मुख्य मार्ग से लेकर संपर्क मार्गों तक छोटे वाहनों से ही सफर करना पड़ता है. जौनसार बावर क्षेत्र में बसों का संचालन ना के बराबर होने के कारण लोग पूरी तरह से छोटे वाहनों पर निर्भर हैं. जिसके कारण यहां ओवरलोडिंग एक प्रमुख समस्या बन गई है. ओवरलोडिंग के कारण यहां आये दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

जौनसार-बावर में नहीं थम रही ओवरलोडिंग

पढ़ें-विधि-विधान से बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, हजारों श्रद्धालु बने गवाह

इस क्षेत्र में यूटिलिटी वाहन में चालक सहित पांच सवारी बैठाने का प्रावधान है. वहीं अन्य छोटे बंद बॉडी के वाहनों में 8 से 9 सवारी की स्वीकृति है. लेकिन जौनसार बावर क्षेत्र में इन नियमों को ताक पर रखकर सफर किया जा रहा है. यहां यूटिलिटी में 20 से 30 सवारियां बैठाई जा रही हैं. बावजूद इसके प्रशासन इस मामले में सिर्फ अभियान मात्र चलाकर इतिश्री कर देता है. हालांकि कुछ दिनों तक प्रशासन की कार्रवाई का असर दिखता है लेकिन कुछ दिनों बाद स्थिति फिर से ढाक के तीन पात ही नजर आती है.

पढ़ें-गरीब बच्चों के साथ मंत्री ने पांच सितारा होटल में की दीपावली सेलिब्रेट, लोगों ने कहा GOOD

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि ओवरलोडिंग के कारण दुर्घटनाएं चिंता का विषय हैं. इस पर जल्द से जल्द विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस इलाके के इस गंभीर मुद्दे को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए तब जाकर ही यहां होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लग सकेगी.

विकासनगर: जौनसार-बावर में ओवरलोडिंग के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी वाहन चालक इससे बाज नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण आये दिन दुर्घटना का खबरें सामने आ रही हैं. बावजूद इसके वाहन चालक सबक लेने को तैयार नहीं हैं.

जौनसार बावर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह छोटे वाहनों पर निर्भर है. यहां लोगों को मुख्य मार्ग से लेकर संपर्क मार्गों तक छोटे वाहनों से ही सफर करना पड़ता है. जौनसार बावर क्षेत्र में बसों का संचालन ना के बराबर होने के कारण लोग पूरी तरह से छोटे वाहनों पर निर्भर हैं. जिसके कारण यहां ओवरलोडिंग एक प्रमुख समस्या बन गई है. ओवरलोडिंग के कारण यहां आये दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

जौनसार-बावर में नहीं थम रही ओवरलोडिंग

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इस क्षेत्र में यूटिलिटी वाहन में चालक सहित पांच सवारी बैठाने का प्रावधान है. वहीं अन्य छोटे बंद बॉडी के वाहनों में 8 से 9 सवारी की स्वीकृति है. लेकिन जौनसार बावर क्षेत्र में इन नियमों को ताक पर रखकर सफर किया जा रहा है. यहां यूटिलिटी में 20 से 30 सवारियां बैठाई जा रही हैं. बावजूद इसके प्रशासन इस मामले में सिर्फ अभियान मात्र चलाकर इतिश्री कर देता है. हालांकि कुछ दिनों तक प्रशासन की कार्रवाई का असर दिखता है लेकिन कुछ दिनों बाद स्थिति फिर से ढाक के तीन पात ही नजर आती है.

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सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि ओवरलोडिंग के कारण दुर्घटनाएं चिंता का विषय हैं. इस पर जल्द से जल्द विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस इलाके के इस गंभीर मुद्दे को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए तब जाकर ही यहां होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लग सकेगी.

Intro:विकासनगर जौनसार बावर में ओवरलोडिंग लगातार जारी है शासन प्रशासन इस ओर नहीं दे रहा है कोई ध्यान आए दिन हो रहे हादसों से नहीं ले रहे हैं सबक


Body:जौनसार बावर मैं यातायात व्यवस्था पूरी तरह छोटे वाहनों पर निर्भर है यहां मुख्य मार्ग से लेकर संपर्क मार्गों पर छोटे वाहनों पर ग्रामीणों को अवर लोड होकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है सरकार व शासन प्रशासन द्वारा जौनसार बावर क्षेत्र में बसों का संचालन ना के बराबर होने के कारण छोटे वाहनों में ओवरलोडिंग के कारण आए दिन दुर्घटनाएं घटती रहती है जिसमें अकाल मृत्यु में कहीं जाने चली जाती है जहां यूटिलिटी वाहन में मात्र वाहन चालक सहित पांच सवारी बैठाने का प्रावधान है वही अन्य छोटे बंद बॉडी वाहनों में 8 वह 9 सवारी का बैठाने का स्वीकृति है वही जौनसार बावर क्षेत्र में तमाम कायदे कानून दाव पर रखकर यूटिलिटी वाहन में 20 से 30 सवारियां बैठाकर औवर लोडिंग की जाती है बावजूद इसके शासन प्रशासन आए दिन हादसों के इंतजार मैं रहता है हादसों के बाद जहां शासन प्रशासन हरकत में आकर एक-दो दिन ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाकर इतिश्री कर देता है उसके बाद वही स्थिति देखने को मिलती है कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों है सामाजिक संगठनों ने शासन प्रशासन को जौनसार बावर के मुख्य मार्गों पर छोटी बसों का संचालन करने की मांग की बावजूद इसके क्षेत्र के लोगों की आवाज को अनसुना कर दिया जाता है


Conclusion:वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि ओवरलोडिंग के खिलाफ हो रही दुर्घटनाएं चिंता का विषय है लेकिन शासन प्रशासन को चाहिए कि क्षेत्र में लोगों की सुविधा के लिए छोटी बसों का संचालन किया जाए जिससे की आम जनमानस को अपने गंतव्य तक पहुंचने में विश्वविद्या ना हो जबकि ओवरलोडिंग के खिलाफ सघन अभियान चलाकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग अकाल मृत्यु के ग्रास ना बने

बाइट_ सुरेंद्र सिंह चौहान _सामाजिक कार्यकर्ता साहिया
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