श्रीनगर: बेस चिकित्सालय के लिए शुक्रवार का दिन डॉक्टरों, नर्सिंग और टेक्निकल स्टाफ की नई टीम के लिए उम्मीदों से भरा रहा. टीम का अरसे पुराना इंतजार शुक्रवार को खत्म हुआ. बेस अस्पताल में चार महीने से डायलिसिस के लिए चल रही कोशिश आखिरकर पूरी हो गई. शुक्रवार को एक महिला एवं एक पुरुष का सफल डायलिसिस हुआ.
डायलिसिस सफल होने पर डॉक्टरों एवं मरीजों ने इसे सुखद अहसास बताया. डॉक्टरों एवं मरीजों ने डायलिसिस सफल होने पर सभी को बधाई दी. वहीं प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बेस अस्पताल में डायलिसिस होने पर मरीजों के साथ ही डायलिसिस टीम को बधाई दी.
बेस अस्पताल में डायलिसिस शुरू कराने को लेकर चार माह से कसरत चल रही थी, वह आज सफल हो पाई है. बेस अस्पताल के डायलिसिस यूनिट की टीम एवं दून से आई टीम ने मिलकर दो मरीजों का सफल डायलिसिस किया है. डायलिसिस करने के बाद दोनों मरीज स्वस्थ्य होकर घर चले गये. डॉ. हरीश बसेरा, डायलिसिस यूनिट हेड दून अस्पताल
डायलिसिस यूनिट का सफल संचालन चिकित्सा शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. महेन्द्र कुमार पंत और दून डायलिसिस यूनिट हेड डॉ. हरीश बसेरा व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की टीम के निर्देशन में हुआ. उनकी देख-रेख में रुद्रप्रयाग के भणज गांव से आयी सतेश्वरी देवी एवं कीर्तिनगर के सिल्काखाल गोनी से आये 84 वर्षीय बुजुर्ग गोकुल सिंह का सफल डायलिसिस हो पाया.
बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में दून से आई टीम एवं श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की डायलिसिस यूनिट की नई टीम को मरीजों के डायलिसिस में जो सफलता मिली है, वह सब कुछ मरीजों के हित में है. इसी तरह आपसी समन्वय व लगातार मॉनिटरिंग व एसओपी के अनुसार ही डायलिसिस यूनिट संचालन किया जायेगा- डॉ. सीएमएस रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर.
चार घंटे के भीतर दोनों मरीजों का डायलिसिस करने में टीम ने सफलता पाई. मरीजों में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आई. डायलिसिस कराने पहुंचे सतेश्वरी देवी एवं गोकुल सिंह ने बेस अस्पताल में डायलिसिस होने पर सभी डॉक्टरों का आभार प्रकट किया और कहा कि डायलिसिस शुरू होने से उन्हें अब अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा. डायलिसिस होने के बाद मरीज एवं उनके परिजनों ने डॉक्टरों व स्टाफ का आभार जताया.
वहीं किसी कार्य को संपादित करने के लिए टीम का मजबूत होना जरूरी होता है. बेस अस्पताल में आज एक नई टीम ने मजबूती एवं आपसी समन्वय बनाकर मरीजों का सफल डायलिसिस किया है. इसके लिए टीम के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं और नई टीम को यह भी सुझाव देना चाहता हूं कि वह एक और नई टीम बनायें. ताकि भविष्य में कोई दिक्कत पेश ना आये. डॉ. महेन्द्र कुमार पंत, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखंड
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