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बीकेटीसी ने केदारनाथ मंदिर के कपाट पर लगाई चांदी, शासन ने CEO को जारी किया नोटिस - Uttarakhand News

केदारनाथ मंदिर के कपाट पर चांदी से बनी कुछ वस्तुएं लगाई जा रही हैं. जिस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को नोटिस जारी किया है.

बीकेटीसी को जारी हुआ नोटिस.
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Published : Oct 17, 2019, 7:52 PM IST

देहरादून: केदारघाटी में इन दिनों पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. लिहाजा मंदिर परिसर और मंदिर में कोई भी काम बिना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति के करने पर रोक लगाई गई है. इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है. बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर के कपाट पर चांदी से बनी कुछ वस्तुएं लगाई जा रही हैं. जिस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को नोटिस जारी किया है.

बीकेटीसी को जारी हुआ नोटिस.
साल 2013 में आई आपदा के बाद केदार घाटी पूरी तरह तहस नहस हो गयी थी. भीषण आपदा के बाद इस सबसे पुराने धार्मिक स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए केंद्र और राज्य सराकरें पूरे जोर शोर से लगी हैं. यहां हो रहा पुनर्निर्माण कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है.

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम का परिसर काफी प्राचीन है. इसलिए वहां की हर चीज की अपनी ही मान्यता है. बदरी-केदार मंदिर समिति के पास इसके सभी अधिकार हैं कि यहां किस तरीके से व्यवस्थाओं का संचालन किया जाना है. उन्होंने कहा कि फिलहाल केदारधाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये जा रहे हैं. यही नहीं एक मास्टर प्लान के तहत तीर्थ पुरोहितों के आवासों का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां होने वाली हर एक चीज मास्टर प्लान के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में हो रही है.

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लिहाजा पुरातत्व कमेटी या अन्य लोगों की धारणा है कि मंदिर या फिर मंदिर परिसर के साथ कोई भी छेड़छाड़ न की जाए. यही नहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसी तरह की सिफारिश भी की थी. जिसके बाद इस मामले में शासन ने आदेश जारी किए थे कि मंदिर परिसर के अंतर्गत कोई भी ऐसा काम न किया जाए जिससे मंदिर के स्ट्रक्चर पर कोई भी असर पड़े.

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर के कपाट पर चांदी से बने कुछ चीजें लगाई. जिसकी सूचना उन्हें मिली है. जिसे देखते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ से जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जवाब आने के बाद ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: केदारघाटी में इन दिनों पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. लिहाजा मंदिर परिसर और मंदिर में कोई भी काम बिना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति के करने पर रोक लगाई गई है. इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है. बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर के कपाट पर चांदी से बनी कुछ वस्तुएं लगाई जा रही हैं. जिस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को नोटिस जारी किया है.

बीकेटीसी को जारी हुआ नोटिस.
साल 2013 में आई आपदा के बाद केदार घाटी पूरी तरह तहस नहस हो गयी थी. भीषण आपदा के बाद इस सबसे पुराने धार्मिक स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए केंद्र और राज्य सराकरें पूरे जोर शोर से लगी हैं. यहां हो रहा पुनर्निर्माण कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है.

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम का परिसर काफी प्राचीन है. इसलिए वहां की हर चीज की अपनी ही मान्यता है. बदरी-केदार मंदिर समिति के पास इसके सभी अधिकार हैं कि यहां किस तरीके से व्यवस्थाओं का संचालन किया जाना है. उन्होंने कहा कि फिलहाल केदारधाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये जा रहे हैं. यही नहीं एक मास्टर प्लान के तहत तीर्थ पुरोहितों के आवासों का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां होने वाली हर एक चीज मास्टर प्लान के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में हो रही है.

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लिहाजा पुरातत्व कमेटी या अन्य लोगों की धारणा है कि मंदिर या फिर मंदिर परिसर के साथ कोई भी छेड़छाड़ न की जाए. यही नहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसी तरह की सिफारिश भी की थी. जिसके बाद इस मामले में शासन ने आदेश जारी किए थे कि मंदिर परिसर के अंतर्गत कोई भी ऐसा काम न किया जाए जिससे मंदिर के स्ट्रक्चर पर कोई भी असर पड़े.

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर के कपाट पर चांदी से बने कुछ चीजें लगाई. जिसकी सूचना उन्हें मिली है. जिसे देखते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ से जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जवाब आने के बाद ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:केदारघाटी के पुनर्निर्माण का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। यही नहीं पुनर्निर्माण के कार्यों का निरीक्षण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं लिहाजा मंदिर के परिसर और मंदिर में कोई भी काम बिना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुमति के करने पर रोक लगाई गई है। लिहाजा इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर के कपाट पर चांदी से बनी कुछ वस्तुएं लगाई जा रही है। जिस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर ने बद्री केदार मंदिर समिति किस सीओ को नोटिस जारी किया है।


Body:साल 2013 में केदारघाटी में आपदा के बाद यू तो पूरी केदार घाटी पूरी तरह तहत नहस हो गयी थी। भीषड़ आपदा के बाद भी खड़ी रही उत्तराखंड के सबसे पुराने धार्मिक स्थलों में शामिल केदारनाथ धाम के परिसर का सौंदर्यकरण किया जा रहा है। हालांकि केदारनाथ धाम के परिसर और मंदिर दोनों के सौन्दर्यकरण का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है। ताकि केदारनाथ मंदिर को और बेहतर बनाया जा सके। 


पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम का जो परिसर है। वह काफी प्राचीन और वहां के हर चीज की मान्यता है। बद्री केदारनाथ मंदिर समिति के पास इसके सभी अधिकार हैं कि किस तरीके से व्यवस्थाओं का संचालन किया जाना है लेकिन वर्तमान समय में पुनर्निर्माण का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जा रहा है। यही नहीं एक मास्टर प्लान के तहत तीर्थ पुरोहितों का पुनर्वास भी किया जा रहा है। और मंदिर परिसर का सौंदर्यकरण भी हो रहा है। 


लिहाजा जो पुरातत्व कमेटी या अन्य लोगों की धारणा है कि जो मंदिर है या फिर मंदिर का परिसर है उसके साथ कोई भी छेड़छाड़ ना किया जाए। यही नही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा भी इसी तरह की सिफारिश की गई थी। लिहाजा इसे देखते हुए शासन की तरफ से आदेश जारी किए गए थे कि मंदिर परिसर के अंतर्गत कोई भी काम ना किये जाए, जिससे मंदिर के स्ट्रक्चर पर कोई भी असर पड़े या फिर मंदिर के स्ट्रक्चर में कोई भी बदलाव हो।


Conclusion:साथ ही सचिव ने बताया कि बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर समिति के कपाट पर चांदी से बने कुछ चीजें लगाई जाने की सूचना मिल रही है। जिसको देखते हुए बद्रीकेदार मंदिर समिति के सीओ से जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

बाइट - दिलीप जावलकर, सचिव, पर्यटन


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