देहरादून: केदारघाटी में इन दिनों पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. लिहाजा मंदिर परिसर और मंदिर में कोई भी काम बिना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति के करने पर रोक लगाई गई है. इस संबंध में राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है. बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर के कपाट पर चांदी से बनी कुछ वस्तुएं लगाई जा रही हैं. जिस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को नोटिस जारी किया है.
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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ धाम का परिसर काफी प्राचीन है. इसलिए वहां की हर चीज की अपनी ही मान्यता है. बदरी-केदार मंदिर समिति के पास इसके सभी अधिकार हैं कि यहां किस तरीके से व्यवस्थाओं का संचालन किया जाना है. उन्होंने कहा कि फिलहाल केदारधाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये जा रहे हैं. यही नहीं एक मास्टर प्लान के तहत तीर्थ पुरोहितों के आवासों का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां होने वाली हर एक चीज मास्टर प्लान के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में हो रही है.
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लिहाजा पुरातत्व कमेटी या अन्य लोगों की धारणा है कि मंदिर या फिर मंदिर परिसर के साथ कोई भी छेड़छाड़ न की जाए. यही नहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसी तरह की सिफारिश भी की थी. जिसके बाद इस मामले में शासन ने आदेश जारी किए थे कि मंदिर परिसर के अंतर्गत कोई भी ऐसा काम न किया जाए जिससे मंदिर के स्ट्रक्चर पर कोई भी असर पड़े.
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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि बावजूद इसके केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर के कपाट पर चांदी से बने कुछ चीजें लगाई. जिसकी सूचना उन्हें मिली है. जिसे देखते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ से जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जवाब आने के बाद ही प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.