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चुनाव ड्यूटी में लगे वाहन संचालकों को राहत, इस बार मिल सकता है 20% बढ़ा किराया

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान है. चुनाव के दौरान अनेक वाहनों की जरूरत पड़ती है. उत्तराखंड के वाहन संचालक इस बार चुनाव में अपनी गाड़ियां देने के लिए तैयार नहीं थे. इसका कारण उन्हें बहुत कम किराया मिलना था. अब चुनाव ड्यूटी में लगने वाले वाहनों का किराया 20 फीसदी तक बढ़ सकता है. इससे वाहन संचालकों को थोड़ा-बहुत राहत मिलेगी.

demand of vehicles for election
बसों का किराया समाचार
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Published : Jan 21, 2022, 1:31 PM IST

देहरादून: इस बार चुनाव ड्यूटी में अधिग्रहित किये जाने वाले वाहनों का किराया 20 प्रतिशत बढ़ सकता है. बता दें कि 2016 से चुनाव ड्यूटी में लगने वाले वाहनों का किराया नहीं बढ़ा था. इसके चलते इस बार वाहन संचालक अपने वाहन देने से मना कर रहे थे. ऐसे में वाहन संचालकों ने किराया बढ़ाने के लिए परिवहन अधिकारियों को पत्र लिखा था. सरकार की ओर से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए किराया बढ़ोत्तरी के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय में भेज दी है.

बता दें कि 2016 से चुनाव ड्यूटी में लगने वाले वाहनों का किराया नहीं बढ़ा है. जबकि डीजल, बीमा और अन्य खर्चों में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है. वहीं उत्तर प्रदेश ने भी चुनाव ड्यूटी में लगाये जा रहे वाहनों के किराए में बढ़ोत्तरी की है. लेकिन अब वाहनों संचालकों की बगावत के बाद उत्तराखंड में भी किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. सरकार ने चुनाव ड्यूटी में लगाये जा रहे वाहनों को लेकर आरटीओ, आरटीओ प्रवर्तन और एआरटीओ के निर्देशन में एक समिति बनाई थी.

ये भी पढ़ें: चुनाव आयोग को बस देने से कतरा रहे देहरादून के सिटी बस संचालक, ये है वजह


आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि समिति ने सभी ट्रांसपोर्टरों के पक्ष को सुना और उसके बाद किराया बढ़ोत्तरी की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय भेज दी गई है. अब किराये में 2016 में निर्धारित दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है. वाहन चालक चुनाव की सरगर्मियां शुरू होते ही किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे.

देहरादून: इस बार चुनाव ड्यूटी में अधिग्रहित किये जाने वाले वाहनों का किराया 20 प्रतिशत बढ़ सकता है. बता दें कि 2016 से चुनाव ड्यूटी में लगने वाले वाहनों का किराया नहीं बढ़ा था. इसके चलते इस बार वाहन संचालक अपने वाहन देने से मना कर रहे थे. ऐसे में वाहन संचालकों ने किराया बढ़ाने के लिए परिवहन अधिकारियों को पत्र लिखा था. सरकार की ओर से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए किराया बढ़ोत्तरी के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय में भेज दी है.

बता दें कि 2016 से चुनाव ड्यूटी में लगने वाले वाहनों का किराया नहीं बढ़ा है. जबकि डीजल, बीमा और अन्य खर्चों में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है. वहीं उत्तर प्रदेश ने भी चुनाव ड्यूटी में लगाये जा रहे वाहनों के किराए में बढ़ोत्तरी की है. लेकिन अब वाहनों संचालकों की बगावत के बाद उत्तराखंड में भी किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. सरकार ने चुनाव ड्यूटी में लगाये जा रहे वाहनों को लेकर आरटीओ, आरटीओ प्रवर्तन और एआरटीओ के निर्देशन में एक समिति बनाई थी.

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आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि समिति ने सभी ट्रांसपोर्टरों के पक्ष को सुना और उसके बाद किराया बढ़ोत्तरी की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय भेज दी गई है. अब किराये में 2016 में निर्धारित दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है. वाहन चालक चुनाव की सरगर्मियां शुरू होते ही किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे.

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