देहरादून: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में अब सरकार आंगनबाड़ी केंद्र को विद्युत सप्लाई कर रही है. इसी के तहत आज राजधानी देहरादून के झाझरा में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की ओर से प्रदेश के पहले डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र का शुभारंभ किया गया.
डिजिटल आंगनबाड़ी में ये है खास: बता दें कि एम्परसेंड ग्रुप के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के इस पहले डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र की शुरुआत की गई है. इस डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र में सीसीटीवी कैमरे और वर्चुअल माध्यम से जोड़ने की पूरी व्यवस्था है. जहां नेटवर्क सम्बंधी दिक्कत होगी वहां सेटेलाइट के माध्यम से भी इसे संचालित किया जा सकता है. इसके साथ ही इस डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास के साथ ही सप्ताह के 6 दिन का प्रीलोडेड कंटेंट भी तैयार किया गया है.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश के इस पहले डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा है, उसको आंगनबाड़ी वर्कर्स आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में इसका सीधा लाभ बच्चों को मिलेगा. वहीं इस डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र की शुरुआत केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के लिए मील का पत्थर साबित होगी. वहीं जल्दी ही प्रदेश के सभी जनपदों में मौजूद अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को भी डिजिटलाइज किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा.
बांटी गई महालक्ष्मी किट: डिजिटल आंगनबाड़ी केंद्र के उद्घाटन के साथ ही 28 मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का भी वितरण किया गया और 15 महिलाओं की गोद भराई भी की गई. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के अंतर्गत प्रसव के दौरान महिलाओं को एक महालक्ष्मी किट प्रदान की जाती है. इस किट का उपयोग करके राज्य की महिलाएं और बालिका शिशु अपनी जरूरतों को पूरा कर सकेंगी. इस किट में वह सभी चीजें उपलब्ध होती हैं जो प्रसव के दौरान जरूरी होती हैं. योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य है कि बेटी के जन्म होने पर मां और बेटी दोनों की देखरेख अच्छे से की जाए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना से हर साल 50 हजार महिलाओं और नवजात कन्या शिशुओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है.
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट में गर्भवती महिलाओं के लिए 250 ग्राम बादाम गिरी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब, एक स्कार्फ कॉटन, दो तौलिया, एक ब्लैंकेट गर्म, एक गर्म शॉल फुल साइज, दो बेड शीट, दो पैकेट सेनेटरी नैपकिन, 500 मिली. सरसों तेल, नहाने के चार साबुन, कपड़े धोने के चार साबुन होता है. जबकि कन्या शिशु को दो जोड़ी शिशु के कपड़े, एक पैकेट सूती लंगोट के कपड़े, एक बेबी तौलिया, एक रबर शीट, दो बेबी ब्लैंकेट, एक टीकाकरण कार्ड, एक पोषाहार कार्ड, एक सामग्री पैक करने के लिए बैग दिया जाता है.
योजना का ऐसे लें लाभ: योजना के लाभ के लिए महिलाओं का आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकरण जरूरी है. उन्हें सरकारी या निजी अस्पताल की माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति भी देनी होगी. इसके अलावा पहले, दूसरे एवं जुड़वां बेटियों के जन्म के लिए स्वप्रमाणित घोषणा पत्र देना होगा. वहीं, नियमित सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा.