देहरादून : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस हाईकमान पर जो हमला बोला है, उसकी तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है. पार्टी में हरीश रावत किससे नाराज हैं और वह कौन व्यक्ति है जिस पर उन्होंने कटाक्ष किया है ? इन सवालों का जवाब भले ही खुद हरीश रावत सीधा न दें, लेकिन उनकी नाराजगी से परदा उनके सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने हटाया है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस का टकराव (uttarakhand congress rift) और हरीश रावत के 'बागी तेवर' पर उनके सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस में कोई तो है जो भाजपा के हाथों में खेल रहा है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. अगर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है. संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों.
सुरेंद्र अग्रवाल ने बिना नाम लिए कहा कि, कांग्रेस की कोई बड़ी ताकत बीजेपी के हाथों में खेल रही है, जो कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं में बाधा पैदा कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सब के लिए सम्मानित हैं. प्रभारी का काम होता है सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में सामंजस्य बैठाए. लेकिन यदि प्रभारी किसी का पक्ष लेते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को इसका आभास भी हो रहा है, उससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों को बीजेपी अपने जाल में फंसा रही है. हालांकि, प्रभारी देवेंद्र यादव वैसे तो काफी सम्मानित हैं, लेकिन कार्यकर्ता जो इशारा कर रहे हैं, वो बड़ा गंभीर मामला है.
अग्रवाल ने संदेह जताया कि, बीजेपी ने कांग्रेस के किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा. उन्होंने हरीश रावत और कांग्रेस के सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए हमारे सहयोगी को गुमराह किया होगा. बीजेपी ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है.
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दरअसल, हरीश रावत की नाराजगी का जो पूरा मामला राहुल गांधी की देहरादून रैली से जुड़ रहा है. बीती 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली हुई थी. बताया जा रहा है कि इस रैली में राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के अलावा हरीश रावत के भी पोस्टर लगाए गये थे, लेकिन हरीश रावत के पोस्टरों को हटा दिया गया और ये सब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने हुआ.
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हरीश रावत ने कुछ महीनों पर पहले पार्टी हाईकमान के मांग की थी कि वो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीएम चेहरे की घोषणा करें, लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने उनकी इस मांग को नकाराते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी.
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फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand @INCUttarakhand
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हरीश रावत का पोस्ट-
चुनाव रूपी समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है'. 'जिस समुद्र में तैरना है, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'. (Harish Rawat time to rest) चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है, 'न दैन्यं न पलायनम. बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया साल शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे.