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LAC पर तनाव के बीच भारत-यूएस संयुक्त प्रशिक्षण 'युद्ध अभ्यास 22' उत्तराखंड में

भारत और अमेरिका की सेनाओं ने उत्तराखंड में सैन्य ठिकाने पर दो हफ्ते लंबा युद्धाभ्यास मंगलवार को शुरू किया. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के साथ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों और रणनीतियों का आदान-प्रदान करना है. युद्धाभ्यास पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच 30 महीने से जारी गतिरोध के बीच शुरू हुआ है. यह अभ्यास सालाना तौर पर भारत और अमेरिका के बीच आयोजित होता है. इसके पिछले संस्करण का आयोजन अक्टूबर 2021 में अमेरिका के अलास्का में ज्वाइंट बेस एलमेन्ड्राफ रिचर्डसन में किया गया था.

Indo-US joint training exercise
भारत-यूएस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास
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Published : Nov 15, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 7:47 PM IST

नई दिल्ली : भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 22' का 18वां संस्करण उत्तराखंड में शुरू हो गया. युद्ध अभ्यास सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के उद्देश्य से भारत और अमरीका के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है. रक्षा मंत्रालय ने ये जानकारी दी. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास "युद्ध अभ्यास 22" का 18वां संस्करण इस महीने उत्तराखंड में शुरू हो गया.

'युद्ध अभ्यास' भारत और अमेरिका के बीच प्रतिवर्ष आयोजित होता आया है, जिसका उद्देश्य भारत की सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है. अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में संयुक्त बेस एल्मेंडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (USA) में आयोजित हुआ था. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के अमेरिकी सेना के जवान और असम रेजीमेंट के भारतीय सेना के जवान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे.

आधिकारिक बयान में कहा गया, "प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत एक एकीकृत युद्ध समूह पर केंद्रित है. इसमें शांति स्थापना और शांति प्रवर्तन से संबंधित सभी ऑपरेशन शामिल होंगे. इसके साथ ही दोनों देशों के सैनिक सामान्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम और दोनों देशों के सैनिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर त्वरित और समन्वित राहत प्रयास शुरू करने का अभ्यास करेंगे." रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अभ्यास से दोनों सेनाओं को अपने व्यापक अनुभव और कौशल साझा करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अपनी तकनीकों को बढ़ाने में सुविधा होगी.

  • The 18th edition of Indo-US joint training exercise YUDH ABHYAS 22 is scheduled to be conducted in Uttarakhand this month. Exercise Yudh Abhyas is conducted annually between India & USA with the aim of exchanging best practices: Ministry of Defence pic.twitter.com/qFG2dq591w

    — ANI (@ANI) November 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों के अनुसार इस अभ्यास में अमरीकी सेना की 11वीं एयरबॉर्न डिवीजन की सेकेंड बिग्रेड के जवान और भारतीय सेना की असम रेजीमेंट के जवान भाग लेंगे. सेना ने कहा कि क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास के अंतर्गत एकीकृत युद्ध समूहों का आकलन , फोर्स मल्टीप्लायर्स, निगरानी ग्रिड की स्थापना और संचालन, अभियानगत साजो सामान का आकलन, पर्वतीय युद्ध कौशल आदि शामिल है. प्रशिक्षण के दौरान युद्धक इंजीनियरिंग, अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (यूएएस) और यूएएस का मुकाबला करने वाली तकनीकों का इस्तेमाल सहित युद्ध कौशल की अन्य रणनीति का आदान प्रदान शामिल है.

भारतीय सेना ने कहा कि यह युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को अपने व्यापक अनुभवों, कौशलों को साझा करने तथा सूचना के आदान-प्रदान से अपनी तकनीकों के विस्तार का अवसर प्रदान करेगा. उसने बयान में कहा, 'यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के चैप्टर-7 के अंतर्गत एकीकृत युद्धक समूह के इस्तेमाल पर केंद्रित है. इसके अंतर्गत शांति रक्षण और शांति लागू करने से संबंधित सभी प्रकार की कार्रवाइयां शामिल होंगी.'

बयान के मुताबिक, 'दोनों देशों के सैनिक साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे. संयुक्त अभ्यास के दौरान मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) कार्रवाइयों पर भी ध्यान दिया जाएगा. दोनों देशों की सेनाओं के जवान किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में त्वरित और समन्वित रूप से राहत कार्य शुरू करने का भी अभ्यास करेंगे.'

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 22' का 18वां संस्करण उत्तराखंड में शुरू हो गया. युद्ध अभ्यास सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के उद्देश्य से भारत और अमरीका के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है. रक्षा मंत्रालय ने ये जानकारी दी. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास "युद्ध अभ्यास 22" का 18वां संस्करण इस महीने उत्तराखंड में शुरू हो गया.

'युद्ध अभ्यास' भारत और अमेरिका के बीच प्रतिवर्ष आयोजित होता आया है, जिसका उद्देश्य भारत की सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है. अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में संयुक्त बेस एल्मेंडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (USA) में आयोजित हुआ था. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के अमेरिकी सेना के जवान और असम रेजीमेंट के भारतीय सेना के जवान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे.

आधिकारिक बयान में कहा गया, "प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत एक एकीकृत युद्ध समूह पर केंद्रित है. इसमें शांति स्थापना और शांति प्रवर्तन से संबंधित सभी ऑपरेशन शामिल होंगे. इसके साथ ही दोनों देशों के सैनिक सामान्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम और दोनों देशों के सैनिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर त्वरित और समन्वित राहत प्रयास शुरू करने का अभ्यास करेंगे." रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अभ्यास से दोनों सेनाओं को अपने व्यापक अनुभव और कौशल साझा करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अपनी तकनीकों को बढ़ाने में सुविधा होगी.

  • The 18th edition of Indo-US joint training exercise YUDH ABHYAS 22 is scheduled to be conducted in Uttarakhand this month. Exercise Yudh Abhyas is conducted annually between India & USA with the aim of exchanging best practices: Ministry of Defence pic.twitter.com/qFG2dq591w

    — ANI (@ANI) November 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों के अनुसार इस अभ्यास में अमरीकी सेना की 11वीं एयरबॉर्न डिवीजन की सेकेंड बिग्रेड के जवान और भारतीय सेना की असम रेजीमेंट के जवान भाग लेंगे. सेना ने कहा कि क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास के अंतर्गत एकीकृत युद्ध समूहों का आकलन , फोर्स मल्टीप्लायर्स, निगरानी ग्रिड की स्थापना और संचालन, अभियानगत साजो सामान का आकलन, पर्वतीय युद्ध कौशल आदि शामिल है. प्रशिक्षण के दौरान युद्धक इंजीनियरिंग, अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (यूएएस) और यूएएस का मुकाबला करने वाली तकनीकों का इस्तेमाल सहित युद्ध कौशल की अन्य रणनीति का आदान प्रदान शामिल है.

भारतीय सेना ने कहा कि यह युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को अपने व्यापक अनुभवों, कौशलों को साझा करने तथा सूचना के आदान-प्रदान से अपनी तकनीकों के विस्तार का अवसर प्रदान करेगा. उसने बयान में कहा, 'यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के चैप्टर-7 के अंतर्गत एकीकृत युद्धक समूह के इस्तेमाल पर केंद्रित है. इसके अंतर्गत शांति रक्षण और शांति लागू करने से संबंधित सभी प्रकार की कार्रवाइयां शामिल होंगी.'

बयान के मुताबिक, 'दोनों देशों के सैनिक साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे. संयुक्त अभ्यास के दौरान मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) कार्रवाइयों पर भी ध्यान दिया जाएगा. दोनों देशों की सेनाओं के जवान किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में त्वरित और समन्वित रूप से राहत कार्य शुरू करने का भी अभ्यास करेंगे.'

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Nov 15, 2022, 7:47 PM IST
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