श्रीनगर : 36 साल पहले सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए सेना के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इन्हीं देशभक्तों को याद करते हुए भारतीय सेना के अधिकारियों ने सोमवार को उन जवानों को श्रद्धांजलि दी.
इस संबंध में रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि यह 36वां सियाचिन दिवस था, जो भारतीय सेना के जवानों द्वारा दुनिया में सबसे ऊंचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को हासिल करने के लिए दिखाए गए साहस को याद करता है.
ऑपरेशन मेघदूत
भारतीय सेना ने 1984 में इस दिन, पाकिस्तानी आक्रमण से सल्टोरो रिगलाइन पर बिलाफोंड ला और अन्य दर्रे को सुरक्षित करने के लिए 'ऑपरेशन मेघदूत' शुरू किया था. रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि तब से हर साल कठिन इलाके और ग्लेशियर पर जलवायु परिस्थितियों को चुनौती देने के लिए अद्वितीय वीरता की गाथा गाई जा रही है.
भारतीय सेना ने ट्विटर पर जवानों को दी सलामी
भारतीय सेना ने भी ट्विटर पर ऑपरेशन मेघदूत के शौर्य का बखान किया. सोशल मीडिया पर सियाचिन के ग्लेशियर की तीन तस्वीरें पोस्ट की गई. इसमें एक तस्वीर में भारतीय सैनिक हाथ में तिरंगा लिए ऊंची चोटी पर खड़े हैं. वहीं अन्य तस्वीरों में सेना ने दिखाया कि, सियाचिन की स्थिति कितनी जटिल है. इसके बावजूद भारतीय सैनिक जी-जान से देश की सुरक्षा में डटे रहते हैं.