वाराणसीः अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के आवास मालवीय भवन में विशेष आयोजन होगा. यहां योग अभ्यास के साथ ही योग करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए जाएंगे. यहां पर सन् 1975 से लगातार योग की साधना हो रही है. यहीं नहीं योग के साथ ही यहां पर श्रीमद् भागवत गीता का भी ज्ञान दिया जाता है. इस योग केंद्र में देश के कोने-कोने से प्रशिक्षण लेने के लिए युवा आ रहे हैं.
महामना ने सन् 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. मालवीय भवन में मालवीय जी शाम को गीता का पाठ करते थे. उनकी स्मृति में आज भी यहां गीता का पाठ जारी है. यहीं नहीं मालवीय जी की प्रेरणा से 1975 में यहां योग साधना की शुरुआत की गई थी. तबसे यह साधना अनवरत जारी है.
प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि मालवीय भवन के प्रथम नामित निदेशक प्रोफेसर टीआर रमन ने 1975 में इस योग साधना केंद्र की स्थापना की थी. तब से यहां योग की कक्षाएं अनवरत जारी हैं. यहां 400 छात्र-छात्राएं योग का प्रशिक्षण ले रहे हैं. उनके मुताबिक इस केंद्र में एक वर्ष का योग डिप्लोमा कोर्स और चार महीने का सर्टिफिकेट कोर्स कराया जा रहा है.
प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि मौजूदा वक्त में 200 छात्र योग का डिप्लोमा कोर्स और 200 छात्र योग का सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं. उनके मुताबिक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को प्रवेश में वरीयता दी जाती है. बची हुई सीटों पर अन्य का प्रवेश लिया जाता है. डिप्लोमा कोर्स की फीस पांच हजार रुपए और सर्टिफिकेट कोर्स की फीस पांच सौ रुपए है. अप्रैल और दिसंबर में योग के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आवेदन होते हैं. वहीं, जून में योग के डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन होते हैं. संस्थान में चार योग अध्यापक हैं.
प्रोफेसर के मुताबिक योग केंद्र में श्रीमद्भगवद्गीता और योग शास्त्र की पढ़ाई कराई जाती है. पतंजलि योग दर्शन के साथ भारतीय संस्कार और भारतीय संस्कृति का प्रशिक्षण दिया जाता है. उनके मुताबिक यहां के कई छात्रों ने देश और विदेश में योग और संस्थान का नाम बढ़ाया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप