वाराणसी : देशभर के टोल प्लाजा पर कैश लेन देन पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा फैसला लिया गया है. इसके बाद बिना फास्टैग वाले वाहन पास नहीं होंगे. कैशलेस लेनदेन पर पेनाल्टी लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है. इस समय डाफी टोल प्लाजा पर कहने को सभी लेन फास्टैग है. लेकिन बड़ी संख्या में कैश टोल देने वाले वाहन गुजर रहे हैं. ईंधन व समय की बचत सहित जाम से मुक्ति को लेकर नोटबंदी के बाद सरकार ने कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए फास्टैग पर जोर दिया था.
आरएफआईडी का होता है इस्तेमाल
टोल प्लाजा पर कैशलैस ट्रांजैक्शन के लिए फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल होता है. जिसमें चिप के माध्यम से वाहन के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है. जैसे ही गाड़ी आती है टोल प्लाजा पर लगा फास्टैग सेंसर चिप को स्कैन कर लेता है. जिससे चलती गाड़ी से ऑनलाइन टोल के पैसे कट जाते हैं. फास्टैग के लिए इसे रिचार्ज और बैंक अकाउंट से जोड़ा जाता है. पैसे खत्म हो जाने पर रिचार्ज या अकाउंट में पैसे डालने पड़ते हैं.
ऐसे मिलता है फास्टैग
वाहन पर फास्टैग लगाने के लिए नजदीकी टोल प्लाजा या वो बैंक जो सरकार के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल से अधिकृत हैं वहां जाकर आवेदन फॉर्म भरना पड़ता है. इसमें भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसी बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी बैंक सहित एक्सिस बैंक शामिल है. पेटीएम व ऑनलाइन माध्यम से भी फास्ट लिया जा सकता है.
जमा करना होता है यह डॉक्यूमेंट
फास्टैग लेने के लिए फॉर्म के ऑनलाइन आवेदन में केवाईसी दस्तावेज विवरण जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट या आधार कार्ड में से एक आईडी आवश्यक होती है. वहीं वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो की भी आवश्यकता होती है.
यह है नियम-
- देश भर के टोल प्लाजा पर नए साल में कैश लेनदेन हो जाएगा बंद
- डाफी टोल प्लाजा पर बड़ी संख्या में गुजरते हैं कैश टोल देने वाले वाहन