वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी की गलियों में घूमने वाली दो फीमेल डॉग की किस्मत बदल गई है. वाराणसी की गलियों में घूमने वाले दो स्ट्रीट डॉग, जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं था, उन्हें विदेश जाने का मौका मिल गया. इतना ही नहीं इन्हें विदेश ले जाने के लिए पासपोर्ट भी तैयार किया गया है. इन दोनों का नाम है जया और मोती. मोती पहले ही विदेश जा चुकी है. अब बारी जया की है. उसे ले जाने के लिए नीरदलैंड की मीरल काशी आ गई हैं. काफी लंबे इंतजार के बाद जया को फीट टू फ्लाई का सर्टिफिकेट मिल गया है, जो अब विदेश की गलियों में घूमेगी.
फीट टू फ्लाई का सर्टिफिकेट मिलाः बता दें कि वाराणसी की गलियों में विदेशी नागरिकों को फीमेल स्ट्रीट डॉग्स जया और मोती मिली थी. इन्हें घायल और परेशान अवस्था में पाया था. इन दोनों की स्थिति कभी ऐसी थी कि कोई भी अपने घर न ले जाए, लेकिन किस्मत का खेल ऐसा कि दोनों अब विदेश में रहने जा रह हैं. मोती को उसे गोद लेने वाले पहले ही लेकर चले गए हैं. अब करीब 6 महीने बाद जया को भी वाराणसी से बाहर जाने का मौका मिल गया है. जया को ले जान के लिए लंबे इंतजार के बाद फीट टू फ्लाई का सर्टिफिकेट मिल गया है. अब कल गुरुवार को जया नीदरलैंड के लिए काशी से निकलेगी, जिसे लेने के लिए खुद नीदरलैंड निवासी मीरल वाराणसी पहुंची हैं. मीरल के साथ जया 26 अक्टूबर को नई दिल्ली जाएगी. जहां 31 को वह एम्सटर्डम के लिए उड़ान भरेगी.
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फ्रीलांस फोटोग्राफर और कंटेंट मैनेजर हैं मीरल: गौरलतब है कि एमस्टर्डम की मीरल बांटेनबल 14 अप्रैल को घाटों की तस्वीरें ले रही थीं. इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक कुत्ते को कुछ कुत्ते परेशान कर रहे थे. इसके बाद मीरल ने गूगल से एनीमोटल केयर ट्रस्ट का नंबर लेकर उन्हें सूचना दी. इसके बाद लोग आए और जया को घाट से रेस्क्यू किया गया. मीरल पेशे से एक निजी बीमा कंपनी में कंटेंट मैनेजर हैं और फ्रीलांसर फोटोग्राफर के तौर पर भी काम करती हैं. उन्होंने ही फीमेल डॉग का नाम जया रखा है और उसे गोद लेने की इच्छा जताई थी.
जया को लगवा दिए गए सभी तरह के टीके: एनीमोटल केयर ट्रस्ट के सीईओ संदलीप सेन ने बताया कि जया को खोजकर रेस्क्यू किया और अपने यहां लेकर आए. सबसे पहले हमने जया का सारा वैक्सिनेशन कराया. सेवन इन वन, एंटी रैबीज, डीवार्मिंग और माइक्रोचिप की प्रक्रिया को पूरा किया. इसके बाद मीरल के देश में ही जया का ब्लड सीरम भेजा, जिससे वहां से वेरिफाई किया जा सके कि जया को रैबीज के लक्षण नहीं हैं.
दिल्ली से लेना होगा इंटरनेशनल फिटनेस सर्टिफिकेट: संदलीप बताते हैं कि जया को ले जाने के लिए मीरल के देश नीदरलैंड से ग्रीन चिट मिल चुका है. इसके लिए एक कार्ट आता है, जिसमें जया ट्रैवेल करेगी, वो कार्ट हमारे पास आ चुका है. इसके साथ ही मीरल भी वाराणसी आ गई हैं. 26 अक्टूबर को मीरल और जया दिल्ली जाएंगी. वहां पर क्वारंटीन ऑफिस जाकर फाइनल इंटरनेशनल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा. इसका अपॉन्टमेंट उन्होंने ले लिया है. इसके बाद 31 अक्टूबर की रात नीदरलैंड की इनकी फ्लाइट हैं. यहां से मीरल जया को लेकर अपने देश चली जाएंगी. जया को ले जाने के लिए वाराणसी से सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
जया को मिल गया फिट टू फ्लाई सर्टिफिकेट: पुर्तगाल की लैब में जया के ब्लड सैंपल को रेबीज की जांच के लिए भेजा गया था. जहां से उसका रिजल्ट आ गया है. इसके साथ ही जया को एंटी रेबीज, ‘सेवन इन वन’ वैक्सीन लगी है. डिवार्मिंग के बाद उसे 15 डिजिट के नंबर वाली माइक्रोचिप भी लगाई गई है. इससे एयरपोर्ट पर उसकी पहचान आसान होगी. ऐसी ही प्रक्रिया मोती को भी ले जाने के लिए पूरी की गई थी. स्ट्रीट डॉग्स को ले जाने के लिए टीकों और जांच संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद और सभी रिजल्ट जया के फेवर में होने के बाद पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके चौधरी ने जया को ले जाने के लिए फिट टु फ्लाई सर्टिफिकेट दिया है.
जया और मोती दोनों को डॉग लवर्स ने बचाया: वाराणसी की फीमेल स्ट्रीट डॉग जया और मोती को एक सी ही दिक्कत थी. दोनों रास्ते में भटक रहे थे. एक कॉमन चीज ये भी है कि डॉग लवर्स की नजर इन दोनों पर पड़ी थी. वीरा ने मोती को और मीरल ने जया को देखा था. जया को दूसरे कुत्ते दौड़ाकर काट रहे थे. जैसे ही मीरल की नजर उसपर पड़ी तो उसने तुरंत एनीमोटल केयर को फोन किया. इसी दिन उसकी फ्लाइट भी थी. जया को रेस्क्यू किया गया. इसके बाद मीरल ने जया को अपने साथ ले जाने की इच्छा जताई थी. वहीं, स्ट्रीट डॉग मोती को अपने घर ले जाने वाले कपल राइटर हैं, जो कल्चर पर काम करते हैं.
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