वाराणसी: कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम शुरू हो गया है. मंगलवार को शुरू हुए इस काम के चलते कई ट्रैकों पर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया है. ऐसे में सात जोड़ी ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है. उत्तर रेलवे ने ट्रेनों के कैंसिलेशन के अलावा रूट में भी परिवर्तन किए हैं. यात्रियों को ट्रेनों के कैंसिल होने और रूट डायवर्जन की सूचना लगातार दी जा रही है, उन्हें असुविधा को लेकर मैसेज भेजा गया है.
बता दें कि लगभग 30 साल बाद बनारस कैंट रेलवे स्टेशन नए कलेवर में नजर आएगा. यह स्टेशन यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा है. 568 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट है, जिसमें 150 परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं के तहत बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन की तस्वीर को बदला जाएगा. 45 दिन बाद वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की एक नई तस्वीर सामने आएगी. मंगलवार को इसके अगले चरण की शुरुआत की गई है. इसके लिए कई ट्रैक्स पर ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया है. साथ ही कई ट्रेनों को निरस्त भी किया गया है.
इन गाड़ियों का परिचालन रेलवे ने किया रद्द: स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने बताया कि 2 से 6 अक्टूबर तक बनारस-नई दिल्ली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस (15127-28), बनारस-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस (22541-42) और बनारस-देहरादून जनता एक्सप्रेस (15119-20) गाड़ियां रद्द कर दी गई हैं. वहीं 3 से 6 अक्टूबर तक बनारस-प्रतापगढ़ स्पेशल एक्सप्रेस (05117-18) और बनारस-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस (15107-08) को रद्द किया गया है. इसके साथ ही कोलकाता-अमृतसर दुर्गियाना एक्सप्रेस (12357-58) 3 से 16 अक्टूबर, हावड़ा-बीकानेर साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12371-72) 2 से 12 अक्टूबर तक रद्द रहेगी.
इन ट्रेनों का किया गया रूट डायवर्जन: इसके साथ ही 3 से 15 अक्टूबर तक नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस (20503-04 और 20505-06) छपरा-गोरखपुर-बाराबंकी-लखनऊ होकर जाएगी. यह ट्रेन कैंट स्टेशन नहीं आएगी. इसके अलावा 3 से 6 अक्टूबर तक बनारस-एलटीटी कामायनी एक्सप्रेस (11071-72) और बनारस-ग्वालियर बुंदेलखंड एक्सप्रेस (11107-08) माधोसिंह-ज्ञानपुर रोड-प्रयागराज जंक्शन से होते हुए जाएंगी. गौरव दीक्षित ने बताया कि यात्रियों को ट्रेनों के कैंसिल होने और रूट डायवर्जन की सूचना लगातार दी जा रही है. उन्हें मैसेज भेजा गया है. वेबसाइट व एप पर भी अपडेट किया गया है.
साल 1994 के बाद बदला जा रहा स्वरूप: बता दें कि वाराणसी कैंट पर यार्ड रि-मॉडलिंग की परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए रेलवे विभाग लगातार काम कर रहा है. इसके तहत आगामी 45 दिनों में एक मेगा ब्लॉक लिया जाएगा. इसके तहत कुछ ट्रेनों को रद्द किया जाएगा, और कुछ को डायवर्ट किया जाएगा. इसके साथ ही कुछ ट्रेनों के स्टेशनों के ओरिजन प्वाइंट्स को बदला भी जाएगा. रेलवे के डीआरएम का कहना है कि यात्रियों को नई सुविधा देने के लिए काम किया जा रहा है. साल 1994 के बाद कैंट स्टेशन के स्वरूप को बदलने की तैयारी चल रही है.
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