सहारनपुर: तेलंगाना सरकार ने रमजान के दौरान मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को एक घंटे पहले छुट्टी देने की घोषणा की है. इसे समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सराहा जा रहा है. इस फैसले का विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के प्रमुख उलेमाओं ने स्वागत किया है. प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इसकी सराहना करते हुए तेलंगाना सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए सहूलत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि रमजान मुसलमानों के लिए एक पवित्र और खास महीना है, जिसमें रोजा रखना, इबादत करना और परहेज अपनाना बहुत अहम है. इस दौरान रोजेदारों को शाम के समय इफ्तार की तैयारी और इबादत के लिए समय की आवश्यकता होती है. ऐसे में तेलंगाना सरकार द्वारा दी गई यह एक घंटे की छुट्टी रोजेदार कर्मचारियों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत के अन्य राज्यों की सरकारें भी इसी प्रकार के फैसले लेंगी. ताकि रोजेदारों को अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने में सहूलियत मिले.
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मौलाना कारी इसहाक गोरा ने यह भी कहा कि इस प्रकार के फैसले सामाजिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं. इस पहल से न केवल रोजेदार कर्मचारियों को सहूलत मिलेगी, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और भाईचारा भी मजबूत होगा.
उलेमाओं ने तेलंगाना सरकार के इस फैसले को एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि यह प्रशासन की संवेदनशीलता और धार्मिक विविधता के प्रति सम्मान को दर्शाता है. रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को उनकी धार्मिक आवश्यकताओं के प्रति यह सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण न केवल एक सहूलियत है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की सच्ची भावना का परिचायक भी है.
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