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आज से होगा ज्ञानवापी परिसर का सर्वे, 10 मई को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

वाराणसी की ज्ञानवापी (Gyanwapi Masjid) परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज से शुरू होगा. ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. साथ ही सर्वे के दौरान मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है.

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Published : May 6, 2022, 7:37 AM IST

Updated : May 6, 2022, 9:46 AM IST

वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी (Gyanwapi Masjid) परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज से शुरू होगा. ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. साथ ही सर्वे के दौरान मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है. वहीं, इस दौरान वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी होगी. दरअसल, 1992 में अयोध्या विवाद के बाद वाराणसी में ज्ञानवापी श्रीकाशी विश्वनाथ परिसर के विवाद में 2020 से नए मोड़ आया और इसके बाद आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2020 अगस्त के महीने में ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी छोर पर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर 5 महिलाओं की ओर से दायर की गई याचिका पर कोर्ट के आदेश के बाद आज यहां सर्वे का काम शुरू होगा.

कोर्ट के आदेश पर नियुक्त किए गए वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा याचिकाकर्ताओं और दूसरे पक्षकारों के अलावा वकीलों के साथ भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज दोपहर 3 बजे के बाद ज्ञानवापी परिसर और श्रृंगार गौरी मंदिर के आसपास की वीडियोग्राफी के लिए जाएंगे. इसको लेकर बनारस में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही किसी तरह की अफवाह या फिर अनहोनी की घटना से बचने को भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है. बता दें कि अगस्त, 2020 में हिंदू महासभा की ओर से राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन न किए जाने को हिंदू हित में न बताते हुए कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस प्रार्थना पत्र में अंजुमन इस्लामिया मस्जिद, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, वाराणसी जिलाधिकारी समेत उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी पक्ष के तौर पर शामिल किया गया था.

10 मई को सौंपी जाएगी रिपोर्ट: इस प्रकरण में 8 अप्रैल को कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति करके 20 अप्रैल तक इस मामले में वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन 18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन और अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देखकर वीडियोग्राफी को लेकर वास्तु स्थिति तय करने और संख्या बल के साथ ही कई अन्य प्रतिबंधित स्थानों समेत मस्जिद के अंदर गैर मुसलमानों के प्रवेश पर रोक की बात कही थी.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी के मुरीद हुए मुनव्वर राना, मां के साथ फोटो पर लिखा ये शेर

जिसमें मस्जिद के दक्षिणी गेट से सिर्फ वर्ग विशेष और सुरक्षाकर्मियों को ही जाने की अनुमति की बात कह कर अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति न देने की बात भी कही गई थी. जिसे कोर्ट ने 26 अप्रैल को खारिज करते हुए अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद के वकील के कहे गए बयान को आधार मानते हुए कहा कि मस्जिद के अंदर कोई भी प्रवेश कर सकता है. इस आधार पर कोर्ट ने ईद के बाद वीडियोग्राफी की कार्यवाही पूर्ण करते हुए 10 मई को कमीशन की रिपोर्ट तलब की है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कही ये बड़ी बात: इस बारे में श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन प्रकरण में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन की मानें तो न्यायालय में बीते 18 अप्रैल को दायर की गई प्रशासन व विपक्षियों की याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही ईद उल फितर के बाद 6 या 7 मई को वकील कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर और पश्चिमी छोर पर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर की वीडियोग्राफी और सर्वे पूरा करने का आदेश दिया गया और 10 मई को इसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं.

मुस्लिम पक्षकारों का विरोध: इसके लिए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि परिसर के अंदर याचिकाकर्ता उनके वकील और उनके एक सहयोगी जा सकते हैं. यह आदेश विपक्ष के लोगों के लिए भी लागू है, उनकी तरफ से भी याचिकाकर्ता वकील और उनके सहयोगियों को ले जाया जा सकता है. प्रशासन कानून-व्यवस्था व अन्य मुद्दे पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी अपने हिसाब से करेगा. हालांकि, इंतजामियां मसाजिद की तरफ से मामले के पैरोकार यासीन ने इसका विरोध किया है. वहीं, संत समिति ने मुस्लिम पक्षकारों की ओर से किए जा रहे हैं विरोध को गलत करार देते हुए प्रशासन से विरोध करने वालों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की थी, ताकि शांति व्यवस्था कायम रहे.

इधर, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस रखी है. अधिकारियों का कहना है कि मंदिर परिसर के बाहर और संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखी जा रही है.

संतों ने किया पूजा-पाठ

संतों ने किया पूजा-पाठ: वाराणसी के ज्ञानवापी परिषद की वीडियोग्राफी व सर्वे का काम आज से शुरू होगा. यह सर्वे कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. जिला कोर्ट के आदेश पर नियुक्त किए गए वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा, याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षकारों के साथ ही मौके पर सुरक्षा-व्यवस्थाओं के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है. हालांकि, इंतजामियां मसाजिद की ओर से पैरोकार यासीन ने इसका विरोध किया है. वहीं, ज्ञानवापी परिषद की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी बिना किसी रोक-टोक के संपन्न हो इसके लिए काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में दंडी स्वामी और संत समाज के लोगों ने पूरे विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन किया.

संतों ने किया पूजा-पाठ
संतों ने किया पूजा-पाठ

इधर, ईटीवी भारत से बातचीच करते हुए स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि ज्ञानवापी मुक्त हो, भगवान विश्वनाथ और श्रृंगार गौरी मुक्त हो, जो कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं उनकी बुद्धि शुद्ध हो. इसके लिए आज उन्होंने यहां पूजा-पाठ किया है.

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वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी (Gyanwapi Masjid) परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज से शुरू होगा. ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. साथ ही सर्वे के दौरान मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है. वहीं, इस दौरान वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी होगी. दरअसल, 1992 में अयोध्या विवाद के बाद वाराणसी में ज्ञानवापी श्रीकाशी विश्वनाथ परिसर के विवाद में 2020 से नए मोड़ आया और इसके बाद आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2020 अगस्त के महीने में ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी छोर पर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर 5 महिलाओं की ओर से दायर की गई याचिका पर कोर्ट के आदेश के बाद आज यहां सर्वे का काम शुरू होगा.

कोर्ट के आदेश पर नियुक्त किए गए वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा याचिकाकर्ताओं और दूसरे पक्षकारों के अलावा वकीलों के साथ भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज दोपहर 3 बजे के बाद ज्ञानवापी परिसर और श्रृंगार गौरी मंदिर के आसपास की वीडियोग्राफी के लिए जाएंगे. इसको लेकर बनारस में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही किसी तरह की अफवाह या फिर अनहोनी की घटना से बचने को भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है. बता दें कि अगस्त, 2020 में हिंदू महासभा की ओर से राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन न किए जाने को हिंदू हित में न बताते हुए कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस प्रार्थना पत्र में अंजुमन इस्लामिया मस्जिद, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, वाराणसी जिलाधिकारी समेत उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी पक्ष के तौर पर शामिल किया गया था.

10 मई को सौंपी जाएगी रिपोर्ट: इस प्रकरण में 8 अप्रैल को कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति करके 20 अप्रैल तक इस मामले में वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन 18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन और अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देखकर वीडियोग्राफी को लेकर वास्तु स्थिति तय करने और संख्या बल के साथ ही कई अन्य प्रतिबंधित स्थानों समेत मस्जिद के अंदर गैर मुसलमानों के प्रवेश पर रोक की बात कही थी.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी के मुरीद हुए मुनव्वर राना, मां के साथ फोटो पर लिखा ये शेर

जिसमें मस्जिद के दक्षिणी गेट से सिर्फ वर्ग विशेष और सुरक्षाकर्मियों को ही जाने की अनुमति की बात कह कर अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति न देने की बात भी कही गई थी. जिसे कोर्ट ने 26 अप्रैल को खारिज करते हुए अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद के वकील के कहे गए बयान को आधार मानते हुए कहा कि मस्जिद के अंदर कोई भी प्रवेश कर सकता है. इस आधार पर कोर्ट ने ईद के बाद वीडियोग्राफी की कार्यवाही पूर्ण करते हुए 10 मई को कमीशन की रिपोर्ट तलब की है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कही ये बड़ी बात: इस बारे में श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन प्रकरण में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन की मानें तो न्यायालय में बीते 18 अप्रैल को दायर की गई प्रशासन व विपक्षियों की याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही ईद उल फितर के बाद 6 या 7 मई को वकील कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर और पश्चिमी छोर पर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर की वीडियोग्राफी और सर्वे पूरा करने का आदेश दिया गया और 10 मई को इसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं.

मुस्लिम पक्षकारों का विरोध: इसके लिए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि परिसर के अंदर याचिकाकर्ता उनके वकील और उनके एक सहयोगी जा सकते हैं. यह आदेश विपक्ष के लोगों के लिए भी लागू है, उनकी तरफ से भी याचिकाकर्ता वकील और उनके सहयोगियों को ले जाया जा सकता है. प्रशासन कानून-व्यवस्था व अन्य मुद्दे पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी अपने हिसाब से करेगा. हालांकि, इंतजामियां मसाजिद की तरफ से मामले के पैरोकार यासीन ने इसका विरोध किया है. वहीं, संत समिति ने मुस्लिम पक्षकारों की ओर से किए जा रहे हैं विरोध को गलत करार देते हुए प्रशासन से विरोध करने वालों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की थी, ताकि शांति व्यवस्था कायम रहे.

इधर, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस रखी है. अधिकारियों का कहना है कि मंदिर परिसर के बाहर और संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखी जा रही है.

संतों ने किया पूजा-पाठ

संतों ने किया पूजा-पाठ: वाराणसी के ज्ञानवापी परिषद की वीडियोग्राफी व सर्वे का काम आज से शुरू होगा. यह सर्वे कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. जिला कोर्ट के आदेश पर नियुक्त किए गए वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा, याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षकारों के साथ ही मौके पर सुरक्षा-व्यवस्थाओं के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है. हालांकि, इंतजामियां मसाजिद की ओर से पैरोकार यासीन ने इसका विरोध किया है. वहीं, ज्ञानवापी परिषद की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी बिना किसी रोक-टोक के संपन्न हो इसके लिए काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में दंडी स्वामी और संत समाज के लोगों ने पूरे विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन किया.

संतों ने किया पूजा-पाठ
संतों ने किया पूजा-पाठ

इधर, ईटीवी भारत से बातचीच करते हुए स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि ज्ञानवापी मुक्त हो, भगवान विश्वनाथ और श्रृंगार गौरी मुक्त हो, जो कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं उनकी बुद्धि शुद्ध हो. इसके लिए आज उन्होंने यहां पूजा-पाठ किया है.

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Last Updated : May 6, 2022, 9:46 AM IST
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