मेरठ : जिले में स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में जल्द ही टेस्टिंग, ट्रेंनिंग, लर्निंग सेंटर की स्थापना होने जा रही है. यह प्रदेश का पहला ऐसा सेंटर होगा, जहां पर युवाओं को विभिन्न ऐसे प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे न सिर्फ देश में बल्कि देश के बाहर भी रोजगार मिल सके.
क्षेत्रीय सेवायोजन विभाग के मेरठ मंडल के सहायक निदेशक शशिभूषण उपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया कि जब इजराइल में निर्माण श्रमिक भेजे जा रहे थे, उस वक्त ये चुनौती सामने आई. वह बताते हैं कि उस दौरान ये बात सामने आई कि स्किल, लर्निंग ट्रेनिंग प्रोसेस के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. उस वक्त इस बात का विश्लेषण किया गया कि एक कंपनी है जो बहुत सारी कंपनियों को मैनपावर सप्लाई करती है, वह कम्पनियों के अनुरूप ही सबसे पहले युवाओं को ट्रेंड करती है, उनकी लर्निंग स्किल सुधारती है, सॉफ्ट स्किल उनका अपग्रेड करती है, ताकि वह आगे जो कम्पनी हैं उन्हीं के अनुरूप मैनपावर सप्लाई के तौर पर उपलब्ध करा सके. इसमें उनका निर्धारित शुल्क भी होता है, रोजगार सेवाएं निःशुल्क होती हैं.
तैयार कर ली गई रुपरेखा : उन्होंने बताया कि इस विषय पर निदेशालय में गंभीरता के साथ बीते सप्ताह मंथन भी किया गया है, जिसमें यह बात रखी गई कि प्रदेश के मेरठ में स्किल ट्रेनिंग और लर्निंग का एक प्रमुख केंद्र विकसित किया जाए, जिसमें युवक-युवतियों को ट्रेंड किया जा सके और उनकी स्किल सुधारने से लेकर लर्निंग और ट्रेनिंग के बाद उन्हें अच्छे अवसर मिल सकें. इसका मकसद यही है कि फिर चाहे देश के बाहर विभिन्न नौकरियां हों या फिर देश के ही अपने राज्य में ही अलग-अलग क्षेत्रों में मैनपावर के तौर पर युवाओं के लिए अवसर मिल सके. इसके लिए मेरठ के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय परिसर में ही इस विशेष स्किल, लर्निंग, ट्रेनिंग प्रोग्राम को चलाने के लिए पूरी रुपरेखा तैयार कर ली गई है. इसको लेकर पूरी रुपरेखा तैयार कर ली गई है. इस प्रक्रिया को पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है.
स्थापना को लेकर हो चुकी है बैठक : उन्होंने बताया कि सेवायोजन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में ही यह खास केंद्र स्थापित किया जाएगा. यह प्रदेश का अपने तरह का पहला केंद्र होगा. इसकी स्थापना को लेकर उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है, प्रस्ताव भी बनाया जा चुका है. शासन स्तर से इसको लेकर निदेशालय लखनऊ से भी कुछ निर्देश मिले हैं, उन निर्देशों का पालन करते हुए इसे अमलीजामा पहनाने को कवायदें तेज हो गई हैं. सभी जनपदों से भी समन्वय बनाकर इसको लेकर चर्चा हो चुकी है. बीते वर्ष नवंबर माह में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन द्वारा रोजगार मिशन का प्रस्तुतीकरण दिया गया था, जिसमें तब इस दिशा में भी प्रयास तेज करने को लेकर निर्णय हुआ था.
बता दें कि सेवायोजन विभाग का गठन सन् 1945 में बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए सरकारी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ किया गया था. समय के साथ हुए बदलावों के बाद देश व विदेश के बदलते परिवेश व रोजगार की आवश्यकताओं को देखते हुए निजी क्षेत्र एवं विदेशों में रोजगार के अवसर ने विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ाई है. इस बारे में जनपद एवं निदेशालय स्तर के सेवायोजन कार्यालयों को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप अपग्रेड किये जाने का निर्णय लिया गया था, जिससे कि देश व विदेश में नौकरियों के लिए टेस्टिंग सेंटर बनाया जाना, विभिन्न देशों की भाषा का ज्ञान प्रदान करने की व्यवस्था, रोजगार प्राप्त अभ्यर्थियों को पोस्ट प्लेसमेंट सपोर्ट की व्यवस्था, आधुनिक व्यवस्था के अनुरूप कम्प्यूटर लैब, वीडियो कांफ्रेंसिंग हॉल, अभ्यर्थियों के पंजीयन के लिए कियोस्क आदि आवश्यक व्यवस्थाएं कराई जाएंगी. दावा किया जा रहा है कि मेरठ में स्थापित होने वाला यह अपने तरह का बेहद ही अलग केंद्र होगा. फिलहाल इसको लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं, वहीं इसके लिए प्रस्ताव भी बनाकर भेज दिया गया है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ सकारात्मक है और इसके बाद न सिर्फ कुशल और योग्य युवाओं को उनकी योग्यता और हुनर के आधार पर अच्छे अवसर मिल सकेंगे.