ETV Bharat / state

लखनऊ में अब नहीं चल पाएगी अवैध बाइक टैक्सी; परमिट और टैक्स फीस तय - BIKE TAXI IN LUCKNOW

परिवहन विभाग ने बाइक टैक्सी परमिट के लिए 1350 रुपये फीस और प्रति सीट 600 रुपये टैक्स का निर्धारण कर दिया है.

लखनऊ ; नहीं चल पाएंगी अवैध बाइक टैक्सी.
लखनऊ ; नहीं चल पाएंगी अवैध बाइक टैक्सी. (Photo Credit : ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 27, 2025, 5:35 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध वाहनों का सड़क पर धड़ल्ले से संचालन हो रहा है, लेकिन अब अवैध बाइक टैक्सी शहर के अंदर संचालित नहीं हो सकेंगी. परिवहन विभाग ने अब ऐसे वाहनों के लिए परमिट अनिवार्य कर दिया है. वाहनों के परमिट और टैक्स की फीस भी तय कर दी गई है. ओला, उबर, इन ड्राइवर और रैपीडो जैसी कंपनियां अब निजी वाहनों के लिए अपना ऐप उपलब्ध नहीं करा पाएंगी और निजी वाहन भी ऐप का इस्तेमाल किसी कीमत पर नहीं कर पाएंगे. हाल ही में आरटीए की बैठक में 500 बाइक टैक्सी के परमिटों पर मुहर लग चुकी है. अब परिवहन विभाग ने बाइक टैक्सी के परमिट के लिए 1350 रुपये फीस और प्रति सीट 600 रुपये टैक्स निर्धारित किया है.

आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी.
आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी. (Photo Credit : ETV Bharat)





शहर के अंदर बाइक टैक्सी के संचालन का रास्ता साफ हो गया है. परिवहन विभाग ने बाइक टैक्सियों पर लगी शर्त हटा दी है जिससे शहर में संचालित हो रहीं अवैध बाइक टैक्सियों पर तो लगाम लगेगी. यही नहीं इससे परिवहन विभाग को राजस्व का भी काफी फायदा होगा. पहले चरण में 500 परमिट जारी किए जाने की तैयारी है. वर्तमान में शहर के अंदर ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपिडो जैसी कंपनियों की बाइक टैक्सी संचालित हो रही हैं. इन कंपनियों के माध्यम से चलाई जा रहीं ज्यादातर बाइक टैक्सियां व्यावसायिक नहीं हैं. यानि इन टैक्सियों की नंबर प्लेट पीली नहीं है. ऐसे में इनका इस्तेमाल तो व्यावसायिक हो रहा है, लेकिन इसके बदले परिवहन विभाग को राजस्व हासिल नहीं हो रहा है.



संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की तरफ से बाइक टैक्सियों को परमिट देने में बाधा बन रही सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त हटा देने से रास्ता साफ हो गया है. इस शर्त के हटने से बाइक टैक्सी के परमिट का आवेदन करने वाले वाहन स्वामियों को आसानी से परमिट मिल जाएगा. साथ ही दोपहिया वाहन को बाइक टैक्सी के तौर पर चलाने के इच्छुक लोगों को रोजगार मिल सकेगा. ऐसे वाहन स्वामियों को अपनी दो पहिया गाड़ी व्यावसायिक गाड़ी में कन्वर्ट करानी होगी. जिसके बाद वह परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे.


छह साल पहले हुई थी बाइक टैक्सी की शुरूआत : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में आयोजित की गई पहली इंवेस्टर समिट के दौरान बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई थी. उस दौरान आरटीओ की ओर से बाइक टैक्सी के 750 परमिट स्वीकृत किए गए थे. इनमें 500 परमिट ओला, 200 परमिट उबर और 50 परमिट एक अन्य कंपनी के स्वीकृत हुए थे. आम जनता को यातायात जाम से निजात दिलाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के मकसद से सीएनजी बाइक टैक्सी को सड़क पर उतारा गया था. बाइक टैक्सी की शुरूआत के दौरान इसमें कई अहम शर्तें भी जोड़ी गई थीं. इसके तहत बाइक टैक्सी को छह माह में सीएनजी में कन्वर्ट किया जाना था. हालांकि आईकैट से मंजूरी न मिलने से इनका कन्वर्जन सीएनजी में नहीं हो सका. उस दौरान सिर्फ 18 परमिट स्वीकृत हुए थे, जो शर्त पूरी न कर पाने के चलते निरस्त हो गए थे. अब आरटीए ने इस शर्त को हटा देने से बाइक टैक्सी को परमिट देना आसान हो गया है.

इलेक्ट्रिक वाहनों को परमिट से है छूट : भारत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही परमिट से छूट मिली हुई है. ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन इस दायरे में नहीं आएंगे. हालांकि इलेक्ट्रिक दोपहिया ऐसे वाहन जो बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित होंगे उन्हें अपना वाहन कामर्शियल में कन्वर्ट कराना होगा. पेट्रोल से संचालित दोपहिया वाहनों को परमिट लेना जरूरी होगा.




यह भी पढ़ें : Rapido ड्राइवर ने राइड के दौरान महिला से की अश्लील हरकत, पीड़िता ने पोस्ट पर सुनाई आपबीती - Rapido Bike Taxi Driver

यह भी पढ़ें : लखनऊ में 500 बाइक टैक्सी के संचालन को ग्रीन सिग्नल, 147 बसों के परमिट को भी मंजूरी - LUCKNOW NEWS

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध वाहनों का सड़क पर धड़ल्ले से संचालन हो रहा है, लेकिन अब अवैध बाइक टैक्सी शहर के अंदर संचालित नहीं हो सकेंगी. परिवहन विभाग ने अब ऐसे वाहनों के लिए परमिट अनिवार्य कर दिया है. वाहनों के परमिट और टैक्स की फीस भी तय कर दी गई है. ओला, उबर, इन ड्राइवर और रैपीडो जैसी कंपनियां अब निजी वाहनों के लिए अपना ऐप उपलब्ध नहीं करा पाएंगी और निजी वाहन भी ऐप का इस्तेमाल किसी कीमत पर नहीं कर पाएंगे. हाल ही में आरटीए की बैठक में 500 बाइक टैक्सी के परमिटों पर मुहर लग चुकी है. अब परिवहन विभाग ने बाइक टैक्सी के परमिट के लिए 1350 रुपये फीस और प्रति सीट 600 रुपये टैक्स निर्धारित किया है.

आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी.
आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी. (Photo Credit : ETV Bharat)





शहर के अंदर बाइक टैक्सी के संचालन का रास्ता साफ हो गया है. परिवहन विभाग ने बाइक टैक्सियों पर लगी शर्त हटा दी है जिससे शहर में संचालित हो रहीं अवैध बाइक टैक्सियों पर तो लगाम लगेगी. यही नहीं इससे परिवहन विभाग को राजस्व का भी काफी फायदा होगा. पहले चरण में 500 परमिट जारी किए जाने की तैयारी है. वर्तमान में शहर के अंदर ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपिडो जैसी कंपनियों की बाइक टैक्सी संचालित हो रही हैं. इन कंपनियों के माध्यम से चलाई जा रहीं ज्यादातर बाइक टैक्सियां व्यावसायिक नहीं हैं. यानि इन टैक्सियों की नंबर प्लेट पीली नहीं है. ऐसे में इनका इस्तेमाल तो व्यावसायिक हो रहा है, लेकिन इसके बदले परिवहन विभाग को राजस्व हासिल नहीं हो रहा है.



संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की तरफ से बाइक टैक्सियों को परमिट देने में बाधा बन रही सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त हटा देने से रास्ता साफ हो गया है. इस शर्त के हटने से बाइक टैक्सी के परमिट का आवेदन करने वाले वाहन स्वामियों को आसानी से परमिट मिल जाएगा. साथ ही दोपहिया वाहन को बाइक टैक्सी के तौर पर चलाने के इच्छुक लोगों को रोजगार मिल सकेगा. ऐसे वाहन स्वामियों को अपनी दो पहिया गाड़ी व्यावसायिक गाड़ी में कन्वर्ट करानी होगी. जिसके बाद वह परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे.


छह साल पहले हुई थी बाइक टैक्सी की शुरूआत : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में आयोजित की गई पहली इंवेस्टर समिट के दौरान बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई थी. उस दौरान आरटीओ की ओर से बाइक टैक्सी के 750 परमिट स्वीकृत किए गए थे. इनमें 500 परमिट ओला, 200 परमिट उबर और 50 परमिट एक अन्य कंपनी के स्वीकृत हुए थे. आम जनता को यातायात जाम से निजात दिलाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के मकसद से सीएनजी बाइक टैक्सी को सड़क पर उतारा गया था. बाइक टैक्सी की शुरूआत के दौरान इसमें कई अहम शर्तें भी जोड़ी गई थीं. इसके तहत बाइक टैक्सी को छह माह में सीएनजी में कन्वर्ट किया जाना था. हालांकि आईकैट से मंजूरी न मिलने से इनका कन्वर्जन सीएनजी में नहीं हो सका. उस दौरान सिर्फ 18 परमिट स्वीकृत हुए थे, जो शर्त पूरी न कर पाने के चलते निरस्त हो गए थे. अब आरटीए ने इस शर्त को हटा देने से बाइक टैक्सी को परमिट देना आसान हो गया है.

इलेक्ट्रिक वाहनों को परमिट से है छूट : भारत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही परमिट से छूट मिली हुई है. ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन इस दायरे में नहीं आएंगे. हालांकि इलेक्ट्रिक दोपहिया ऐसे वाहन जो बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित होंगे उन्हें अपना वाहन कामर्शियल में कन्वर्ट कराना होगा. पेट्रोल से संचालित दोपहिया वाहनों को परमिट लेना जरूरी होगा.




यह भी पढ़ें : Rapido ड्राइवर ने राइड के दौरान महिला से की अश्लील हरकत, पीड़िता ने पोस्ट पर सुनाई आपबीती - Rapido Bike Taxi Driver

यह भी पढ़ें : लखनऊ में 500 बाइक टैक्सी के संचालन को ग्रीन सिग्नल, 147 बसों के परमिट को भी मंजूरी - LUCKNOW NEWS

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.