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श्रीलंका पीएम के दौरे से सारनाथ नहीं घूम पाए बच्चे, बोले- मेहमान का स्वागत जरूरी

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Published : Feb 10, 2020, 3:44 AM IST

श्रीलंका के पीएम के सारसाथ दौरे के चलते पूरा परिसर खाली करा दिया गया. इसके चलते न केवल सैलानियों को वहां से लौटना पड़ा, बल्कि स्कूली बच्चे भी अपना एजुकेशनल टूर पूरा नहीं कर पाए. स्कूली बच्चों को सारनाथ बिना देखे ही वापस लौटना पड़ा.

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श्रीलंकाई पीएम के दौरे के चलते सारनाथ नहीं घूम पाए बच्चे,

वाराणसी: रविवार को जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सारनाथ पहुंचने वाले थे, उससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर पूरा सारनाथ परिसर खाली करा दिया गया. इसके चलते न केवल सैलानियों को वहां से लौटना पड़ा, बल्कि स्कूली बच्चे भी अपना एजुकेशनल टूर पूरा नहीं कर पाए. प्रधानमंत्री के आने से ठीक पहले कई स्कूलों के बच्चों को लाइन बनाकर वापस जाते देखा गया.

श्रीलंका पीएम के दौरे के चलते सारनाथ नहीं घूम पाए बच्चे.

दरअसल प्रधानमंत्री राजपक्षे के दौरे से पहले लगभग दो बजे से ही पूरा सारनाथ परिसर खाली कराया जाने लगा था. उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसवाले न केवल सारनाथ की तरफ आने वाली गाड़ियों को लौटा रहे थे, बल्कि उन्होंने पूरा परिसर खाली करा दिया. इसी बीच भदोही के एक स्कूल से आए बच्चे गेट पर लाइन लगाये खड़े थे. तभी उन्हें मालूम पड़ा कि परिसर में जाने की किसी को इजाजत नहीं है. इतना सुनते ही बच्चे लाइन बनाकर अपनी बसों की तरफ लौटने लगे.

पढ़ें: रविदास जयंती की संध्या पर बीएचयू छात्रों ने निकाला समता रथ यात्रा

बच्चों के साथ आए उनके प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे थोड़े मायूस जरूर हैं, लेकिन उनका कहना है विदेश से मेहमान आ रहे हैं, उनका स्वागत जरूरी है. उन्होंने कहा कि दूर से आने के कारण उन्हें मालूम नहीं चल सका कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री आ रहे हैं, नहीं तो वे किसी अन्य दिन का प्रोग्राम बनाते.

वाराणसी: रविवार को जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सारनाथ पहुंचने वाले थे, उससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर पूरा सारनाथ परिसर खाली करा दिया गया. इसके चलते न केवल सैलानियों को वहां से लौटना पड़ा, बल्कि स्कूली बच्चे भी अपना एजुकेशनल टूर पूरा नहीं कर पाए. प्रधानमंत्री के आने से ठीक पहले कई स्कूलों के बच्चों को लाइन बनाकर वापस जाते देखा गया.

श्रीलंका पीएम के दौरे के चलते सारनाथ नहीं घूम पाए बच्चे.

दरअसल प्रधानमंत्री राजपक्षे के दौरे से पहले लगभग दो बजे से ही पूरा सारनाथ परिसर खाली कराया जाने लगा था. उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसवाले न केवल सारनाथ की तरफ आने वाली गाड़ियों को लौटा रहे थे, बल्कि उन्होंने पूरा परिसर खाली करा दिया. इसी बीच भदोही के एक स्कूल से आए बच्चे गेट पर लाइन लगाये खड़े थे. तभी उन्हें मालूम पड़ा कि परिसर में जाने की किसी को इजाजत नहीं है. इतना सुनते ही बच्चे लाइन बनाकर अपनी बसों की तरफ लौटने लगे.

पढ़ें: रविदास जयंती की संध्या पर बीएचयू छात्रों ने निकाला समता रथ यात्रा

बच्चों के साथ आए उनके प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे थोड़े मायूस जरूर हैं, लेकिन उनका कहना है विदेश से मेहमान आ रहे हैं, उनका स्वागत जरूरी है. उन्होंने कहा कि दूर से आने के कारण उन्हें मालूम नहीं चल सका कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री आ रहे हैं, नहीं तो वे किसी अन्य दिन का प्रोग्राम बनाते.

Intro:वाराणसी. रविवार को जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे सारनाथ पहुंचने वाले थे, उससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर पूरा सारनाथ परिसर खाली करा दिया गया. इसके चलते न केवल सैलानियों को वहां से लौटना पड़ा बल्कि स्कूली बच्चे भी अपना एजुकेशनल टूर पूरा नहीं कर पाए. प्रधानमंत्री के आने से ठीक पहले कई स्कूलों के बच्चों को लाइन बनाकर वापस जाते देखा जा सकता था. सारनाथ न देख पाने के कारण बच्चों में मायूसी तो थी लेकिन उन्होंने इसे बड़े ही सकारात्मक ढंग से लिया. बच्चों ने कहा मेहमान रोज नहीं आते, हम लोग फिर आ जायेंगे.
Body:प्रधानमंत्री राजपक्षे के दौरे से पहले लगभग दो बजे से ही पूरा सारनाथ परिसर खाली कराया जाने लगा था. उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसवाले न केवल सारनाथ की तरफ आने वाली गाड़ियों को लौटा रहे थे बल्कि उन्होंने पूरा परिसर खाली करा दिया. इसी बीच भदोही के एक स्कूल से आए बच्चे गेट पर लाइन लगाये खड़े थे. तभी उन्हें मालूम पड़ा कि परिसर में जाने की किसी को इजाजत नहीं है. इतना सुनते ही बच्चे लाइन बनाकर अपनी बसों की तरफ लौटने लगे.

बच्चों के साथ आए उनके प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे थोड़े मायूस जरूर हैं लेकिन उनका कहना है विदेश से मेहमान आ रहे हैं, उनका स्वागत जरूरी है. उन्होंने कहा कि बाहर से आने के कारण उन्हें मालूम नहीं चल सका कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री आ रहे हैं नहीं तो वे किसी अन्य दिन का प्रोग्राम बनाते. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री जबतक वापस जाएंगे अंधेरा होने लगेगा. बच्चे भदोही में भी प्रतापगढ़ बॉर्डर के पास रहते हैं. वहां पहुंचते-पहुंचते रात हो जाएगी तो इनका घर जाना मुश्किल हो जाएगा.Conclusion:ऐसा ही कुछ हाल पडोसी जिले गाजीपुर से आए बच्चों का था. वे भी अपनी बसों की तरफ लौट रहे थे. उन्होंने भी सारनाथ का टूर पूरा न होने पर निराशा जाहिर की. ज्यादातर बच्चे सारनाथ परिसर से लगभग एक किलोमीटर पहले स्थित महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति के पास अपना लंच करते देखे गए. यहाँ भी पुलिसवालों ने आकर वह स्थान खाली करने को कहा. इसके बाद बच्चे अपनी-अपनी बसों में बैठकर वापस चले गए.

यही हाल कई विदेशी सैलानियों का भी था. कई सैलानियों से बात करने की कोशिश की गई तो वे निराश दिखे. हालांकि उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

Byte 1 रूद्र देव कुमार, गाजीपुर से आये छात्र
Byte 2 अनिल कुमार यादव, गाजीपुर से आये अध्यपक
Byte 3 संजय कुमार सिंह, भदोही के स्कूल के प्रिंसिपल
Byte 4 ज्योति राजभर, गाजीपुर से आई छात्रा
Byte 5 कुञ्ज बिहारी गौतम, गाजीपुर से आये छात्र
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