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आईआईटी बीएचयू में रेडियो सम्मेलन का आयोजन, जुटे देशभर के वैज्ञानिक - वाराणसी में रेडियो सम्मलेन का आयोजन

यूपी के वाराणसी जिले में आईआईटी बीएचयू ने विज्ञान एंव अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लेकर रेडियो सम्मेलन की शुरुआत की गई. इसमें देश और दुनिया के लगभग 400 रेडियो व अंतरिक्ष वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं. वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं.

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आईआईटी बीएचयू में रेडियो सम्मेलन का आयोजन.
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Published : Feb 14, 2020, 8:48 AM IST

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में विज्ञान एंव अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लेकर रेडियो सम्मेलन की शुरुआत की गई. इसमें देश और दुनिया के लगभग 400 रेडियो व अंतरिक्ष वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेडियो साइंस आईआईटी बीएचयू ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उपग्रह की स्थिति का अनुमान लगाने को भारत आडवीक घड़ी का विकास किया जा रहा है, जिससे समय की सटीक गणना कर कई बड़ी चुनौतियों से निपटा जा सकता है.

आईआईटी बीएचयू में रेडियो सम्मेलन का आयोजन.

सम्मेलन के पहले दिन 250 शोध पत्र रखे गए. इनके लिए 5 छात्रों और युवा वैज्ञानिक को सम्मानित किया जाएगा. सम्मेलन के दूसरे दिन भी वक्ताओं ने अपनी बात रखी और बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रेडियो फ्रीक्वेंसी के लिए बढ़िया तरीके से काम किया जा सकता है.

आईआईटी बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम चटर्जी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते बताया कि रेडियो साइंस का एक कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया है, इसका आयोजन इंडिया में चौथी बार किया जा रहा है. कार्यक्रम में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान 5G टेक्नोलॉजी, एंटीना इंटरनेट ऑफ टीन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: कार्यकर्ताओं ने धूमधाम से मनाया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का जन्मदिन

रेडियो साइंस का यह कार्यक्रम चौथी बार भारत में आयोजित किया जा रहा है. इसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आए हैं. कार्यक्रम में 5G टेक्नोलॉजी, एंटीना इंटरनेट ऑफ टीन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है. एंटीना के साथ जो डाटा रेट है, उसे कॉर्पोरेट करके हाई बैंडविथ किया जाए. इससे हाई डाटा रेट कम किया जा सकता है. इस पर चर्चा की जा रही है.
शुभम चटर्जी, असिस्टेंट प्रोफेसर,आईआईटी बीएचयू

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में विज्ञान एंव अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लेकर रेडियो सम्मेलन की शुरुआत की गई. इसमें देश और दुनिया के लगभग 400 रेडियो व अंतरिक्ष वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेडियो साइंस आईआईटी बीएचयू ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उपग्रह की स्थिति का अनुमान लगाने को भारत आडवीक घड़ी का विकास किया जा रहा है, जिससे समय की सटीक गणना कर कई बड़ी चुनौतियों से निपटा जा सकता है.

आईआईटी बीएचयू में रेडियो सम्मेलन का आयोजन.

सम्मेलन के पहले दिन 250 शोध पत्र रखे गए. इनके लिए 5 छात्रों और युवा वैज्ञानिक को सम्मानित किया जाएगा. सम्मेलन के दूसरे दिन भी वक्ताओं ने अपनी बात रखी और बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रेडियो फ्रीक्वेंसी के लिए बढ़िया तरीके से काम किया जा सकता है.

आईआईटी बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम चटर्जी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते बताया कि रेडियो साइंस का एक कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया है, इसका आयोजन इंडिया में चौथी बार किया जा रहा है. कार्यक्रम में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान 5G टेक्नोलॉजी, एंटीना इंटरनेट ऑफ टीन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

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रेडियो साइंस का यह कार्यक्रम चौथी बार भारत में आयोजित किया जा रहा है. इसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आए हैं. कार्यक्रम में 5G टेक्नोलॉजी, एंटीना इंटरनेट ऑफ टीन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है. एंटीना के साथ जो डाटा रेट है, उसे कॉर्पोरेट करके हाई बैंडविथ किया जाए. इससे हाई डाटा रेट कम किया जा सकता है. इस पर चर्चा की जा रही है.
शुभम चटर्जी, असिस्टेंट प्रोफेसर,आईआईटी बीएचयू

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