वाराणसी: NEET-UG की परीक्षा में दो माह पूर्व पकड़े गए सॉल्वर गैंग के संपर्क में आये 16 अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ गई है. कमिश्नरेट पुलिस ने इन 16 कैंडिडेट्स को सफीना (नोटिस) जारी कर 15 नवंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है.
पुलिस कमिश्नर, कमिश्नरेट वाराणसी ए. सतीश गणेश ने बताया कि इन अभ्यर्थियों का फिंगर प्रिंट भी लिया जाएगा और उनके सैम्पल को लखनऊ स्थित स्टेट फिंगर प्रिंट ब्यूरो भेजा जाएगा. यदि 15 नवंबर तक यह सभी कैंडिडेट्स अपना पक्ष रखने नहीं आएंगे तो फिर न्यायालय के माध्यम से इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इन सभी 16 कैंडिडेट्स के संबंध में NEET-UG परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी NTA से भी सूचना साझा की गई है. वहीं पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि जिन 16 कैंडिडेट को सफीना (नोटिस) जारी किया गया है. वह यूपी, बिहार और त्रिपुरा के 9 जिलों के रहने वाले हैं. इनमें से 1 लखनऊ, 1 सोनभद्र, 1 झांसी, 1 भोजपुर, 1 मधेपुरा 2 पटना, 1 ढलाई त्रिपुरा, 4 नॉर्थ त्रिपुरा और 3 साउथ त्रिपुरा के रहने वाले हैं.
इन सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को कैंडिडेट्स के बारे में चिट्ठी भेज कर सफीना (नोटिस) तामील कराने के लिए कहा गया है. वहीं वाराणसी के भी कुछ कैंडिडेट संदिग्धों की सूची में शामिल हैं. उनकी तस्दीक करके उन्हें कमिश्नरेट की पुलिस ही सफीना (नोटिस) तामील कराएगी.
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वहीं आपको बता दें कि NEET-UG की परीक्षा बीते 12 सितम्बर को आयोजित की गई थी. वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र स्थित एक स्कूल में भी इसका सेंटर था. जहां से वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने त्रिपुरा की कैंडिडेट हिना विश्वास की जगह बीएचयू की बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी को परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया था. पटना की रहने वाली जूली के साथ परीक्षा केंद्र से उसकी मां बबिता भी गिरफ्तार की गई थी. बता दें की इस गैंग का सरगना बिहार का नीलेश सिंह उर्फ PK अभी भी फरार है.
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