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वाराणसी: लॉकडाउन के दौरान सप्लाई में मददगार बना पूर्वोत्तर रेलवे

लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में सभी काम काज पूरी तरह से ठप हैं. वहीं ऐसी परिस्थिति में भी रेलवे लगातार माल वाहक ट्रेनों के जरिए खाद्य सामग्री की आपूर्ति करा रही है. इसी के तहत पूर्वोत्तर रेलवे ने 85 रैक की अनलोडिंग सुनिश्चित की है. इससे पूर्वांचल समेत बिहार के कई जिलों को सहायता मिल सकेगी.

लॉकडाउन में पूर्वोत्तर रेलवे बना मददगार
लॉकडाउन में पूर्वोत्तर रेलवे बना मददगार
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Published : Apr 17, 2020, 6:34 AM IST

वाराणसी: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन के बाद आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता रहे, इसे देखते हुए लगातार रेलवे, यात्री सेवाओं के बंद होने के बाद भी मालवाहक ट्रेनों के जरिए खाद्यान्न व अन्य सामग्रियों की आपूर्ति करने में जुटा हुआ है. गुरुवार की देर शाम पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के अधीन संचालित होने वाली माल गाड़ियों के जरिए उत्तर प्रदेश और बिहार में खाद्यान्न व अन्य जरूरत की सामग्रियों को लेकर ट्रेन वाराणसी पहुंची. इसमें चावल, गेहूं समेत अन्य खाद्यान्न और चिकित्सकीय सेवाओं से जुड़ी सामग्री मौजूद थी. इन्हें प्रदेश के 12 जिलों में पहुंचाया जाएगा.

दरसअल वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, जौनपुर, गोरखपुर के साथ ही बिहार के पांच जिलों सारण, सीवान, महाराजगंज, गोपालगंज और चंपारण तक सामग्री पहुचाने में पूर्वोत्तर रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन में कुल 85 रैकों की अनलोडिंग हुई है. इनमें 28 रैक (करीब 19,58,544 टन) खाद्यान्न के रूप में गेहूं व चावल आदि थे. 15 रैक (करीब 3,94,110 टन) उर्वरक, 10 रैक पेट्रोल-डीजल, 09 रैक (करीब 2,82,420 टन) कोयला, 14 रैक (3,22,210 टन) सीमेंट, 07 रैक (करीब 1,26,266 टन) बैलास्ट, 01 रैक (करीब 3364 टन) नमक, 01 रैक (करीब 3364 टन) क्लिंकर तथा 5000 किलो छोटे पार्सल उतारे गए हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल से जुड़े जिलों की करीब सात करोड़ आबादी तक यह सामग्री पहुंच रही है, जो सामाजिक व आर्थिक गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों और ट्रकों की कमी के बावजूद माल गोदामों पर लोडिंग और अनलोडिंग सुनिश्चित की जा रही है. वहीं 6 रैक (करीब 4,19,688 टन) चावल लोड किया गया है. इसके साथ ही देश के विभिन्न भागों में लगभग 6500 किलोग्राम छोटे पार्सल और 250 किलोग्राम कोविड-चिकित्सकीय सामग्री भेजी गई हैं. इस प्रक्रिया में औसतन प्रतिदिन चार सौ दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में वाराणसी मंडल के सेक्शन कंट्रोलर, स्टेशन मास्टर, गार्ड्स, शंटिंग स्टाफ, पॉइंट्समैन और क्रू स्टाफ के साथ रेलवे अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: मेडिकल टीम पर हमला मामले में 7 महिला समेत 17 आरोपी गिरफ्तार

वाराणसी: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन के बाद आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता रहे, इसे देखते हुए लगातार रेलवे, यात्री सेवाओं के बंद होने के बाद भी मालवाहक ट्रेनों के जरिए खाद्यान्न व अन्य सामग्रियों की आपूर्ति करने में जुटा हुआ है. गुरुवार की देर शाम पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के अधीन संचालित होने वाली माल गाड़ियों के जरिए उत्तर प्रदेश और बिहार में खाद्यान्न व अन्य जरूरत की सामग्रियों को लेकर ट्रेन वाराणसी पहुंची. इसमें चावल, गेहूं समेत अन्य खाद्यान्न और चिकित्सकीय सेवाओं से जुड़ी सामग्री मौजूद थी. इन्हें प्रदेश के 12 जिलों में पहुंचाया जाएगा.

दरसअल वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, जौनपुर, गोरखपुर के साथ ही बिहार के पांच जिलों सारण, सीवान, महाराजगंज, गोपालगंज और चंपारण तक सामग्री पहुचाने में पूर्वोत्तर रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन में कुल 85 रैकों की अनलोडिंग हुई है. इनमें 28 रैक (करीब 19,58,544 टन) खाद्यान्न के रूप में गेहूं व चावल आदि थे. 15 रैक (करीब 3,94,110 टन) उर्वरक, 10 रैक पेट्रोल-डीजल, 09 रैक (करीब 2,82,420 टन) कोयला, 14 रैक (3,22,210 टन) सीमेंट, 07 रैक (करीब 1,26,266 टन) बैलास्ट, 01 रैक (करीब 3364 टन) नमक, 01 रैक (करीब 3364 टन) क्लिंकर तथा 5000 किलो छोटे पार्सल उतारे गए हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल से जुड़े जिलों की करीब सात करोड़ आबादी तक यह सामग्री पहुंच रही है, जो सामाजिक व आर्थिक गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों और ट्रकों की कमी के बावजूद माल गोदामों पर लोडिंग और अनलोडिंग सुनिश्चित की जा रही है. वहीं 6 रैक (करीब 4,19,688 टन) चावल लोड किया गया है. इसके साथ ही देश के विभिन्न भागों में लगभग 6500 किलोग्राम छोटे पार्सल और 250 किलोग्राम कोविड-चिकित्सकीय सामग्री भेजी गई हैं. इस प्रक्रिया में औसतन प्रतिदिन चार सौ दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में वाराणसी मंडल के सेक्शन कंट्रोलर, स्टेशन मास्टर, गार्ड्स, शंटिंग स्टाफ, पॉइंट्समैन और क्रू स्टाफ के साथ रेलवे अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं.

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