वाराणसीः सिविल जज कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में लंबित प्रार्थना पत्र पर पुरातात्विक सर्वेक्षण वादी पक्ष की तरफ से दाखिल किया गया था. जिसकी सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय थी. लेकिन यह तारीख अब न्यायालय की तरफ से 4 फरवरी को तय की गई है. इस संबंध में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में लंबित प्रार्थना पत्र पर पुरातात्विक सर्वेक्षण वादी पक्ष की तरफ से दाखिल किया गया था. जिसकी सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख को थी.
हाईकोर्ट में दो रिट याचिकाओं पर सुनवाई
इस संबंध में उच्च न्यायालय में इसी बात से संबंधित दो रिट याचिकाएं यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के द्वारा 1998 में फाइल किया गया था. यहां के दो निर्णय के खिलाफ उस याचिका में सुनवाई कोर्ट नंबर 10 उच्च न्यायालय में 18 जनवरी को शुरू हो गई हो चुकी है. जिसमें डेढ़ घंटे की सुनवाई होने के बाद उच्च न्यायालय ने यह कहा कि यह उचित होगा कि दोनों पक्ष निचली अदालत में मूल वाद में सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे. ताकि न्यायालय दोनों रिट याचिकाओं की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करके इसका निस्तारण कर सके. आपको बता दें कि ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार देने को लेकर साल 1991 में मुकदमा दायर किया गया था.