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वाराणसी: अस्पतालों में मारपीट पर सरकार सख्त, बना सकती है कानून

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर दो नए बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ही कानूनी मुकदमा लड़ना होगा. इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान हमलावरों के लिए किया जा रहा है.

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Published : Nov 18, 2019, 7:29 PM IST

अस्पतालों में मारपीट को लेकर दो नए बिल लाएगी सरकार.

वाराणसी: देश में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को लेकर अब सरकार दो बड़े बिल लाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में सरकार दो ऐसे बिल ला सकती है, जिसमें डॉक्टर नर्स के साथ मारपीट होने पर अस्पताल प्रबंधन को कानूनी मुकदमा लड़ना होगा.

जानकारी देते डाक्टर.

अस्पतालों में मारपीट की घटनाओं पर बन सकता है कानून

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर दो नए बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ही कानूनी मुकदमा लड़ना होगा. इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान हमलावरों के लिए किया जा रहा है. इस मामले की जांच भी एसपी स्तर के अधिकारी को करनी है. इस सत्र में स्वास्थ्य महकमे के इन बड़े बिलों पर सभी की नजरें हैं.

वहीं इस बिल को लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि सरकार जो बिल लेकर आ रही है, वह बहुत सही है. क्योंकि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर की जिम्मेदारी भी तय होनी आवश्यक है. अगर कोई डॉक्टरों पर हमला करता है तो वह गलत है. उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है और उनके साथ लापरवाही हो रही है ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन के साथ डॉक्टर की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें:-फर्रुखाबादः नहीं थे इलाज के लिये पैसे, बुग्गी चालक ने की खुदकुशी

अस्पतालों और डॉक्टरों का काम इलाज करना है ना कि कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाकर मुकदमा लड़ना. ऐसे मामलों में अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ पर हमला करता है तो उन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी चाहिए ना कि अस्पतालों की.
-डॉ. विकास अग्रवाल, डॉक्टर

वाराणसी: देश में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को लेकर अब सरकार दो बड़े बिल लाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में सरकार दो ऐसे बिल ला सकती है, जिसमें डॉक्टर नर्स के साथ मारपीट होने पर अस्पताल प्रबंधन को कानूनी मुकदमा लड़ना होगा.

जानकारी देते डाक्टर.

अस्पतालों में मारपीट की घटनाओं पर बन सकता है कानून

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर दो नए बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ही कानूनी मुकदमा लड़ना होगा. इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान हमलावरों के लिए किया जा रहा है. इस मामले की जांच भी एसपी स्तर के अधिकारी को करनी है. इस सत्र में स्वास्थ्य महकमे के इन बड़े बिलों पर सभी की नजरें हैं.

वहीं इस बिल को लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि सरकार जो बिल लेकर आ रही है, वह बहुत सही है. क्योंकि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर की जिम्मेदारी भी तय होनी आवश्यक है. अगर कोई डॉक्टरों पर हमला करता है तो वह गलत है. उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है और उनके साथ लापरवाही हो रही है ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन के साथ डॉक्टर की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें:-फर्रुखाबादः नहीं थे इलाज के लिये पैसे, बुग्गी चालक ने की खुदकुशी

अस्पतालों और डॉक्टरों का काम इलाज करना है ना कि कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाकर मुकदमा लड़ना. ऐसे मामलों में अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ पर हमला करता है तो उन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी चाहिए ना कि अस्पतालों की.
-डॉ. विकास अग्रवाल, डॉक्टर

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: देश में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को लेकर अब सरकार दो बड़े भी लाने की तैयारी में है माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में सरकार दो ऐसे भी ला सकती है जिसमें डॉक्टर नर्स के साथ मारपीट होने पर अस्पताल प्रबंधन को कानूनी मुकदमा लड़ना होगा. इस मामले में क्या कहना है डॉक्टर और नर्सेज के साथ कानूनी पक्ष का रोड़ा यह जानने की कोशिश ईटीवी भारत में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डॉक्टर इस बात को लेकर संतुष्ट दिखे कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कुछ नया करने जा रही है, लेकिन ऐसे मामलों में सिर्फ अस्पताल प्रबंधन या डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय कर मुकदमा लड़ने के लिए छोड़ देना उचित नहीं है.


Body:वीओ-01 दरअसल केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर दो नए बिल लाने की तैयारी कर रही है जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ही कानूनी मुकदमा लड़ना होगा इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान हमलावरों के लिए किया जा रहा है और इस मामले की जांच भी डीसीपीएस एसपी स्तर के अधिकारी को करनी है. इस सत्र में स्वास्थ्य महकमे के इन बड़े बिलों पर सभी की नजरें हैं. इन सब के बीच क्या कहना है इस बिल को लेकर डॉक्टर्स का यह जानने की कोशिश हमने कि डॉक्टर का कहना था कि अस्पतालों और डॉक्टरों का काम इलाज करना है ना कि कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाकर मुकदमा डॉक्टर का कहना है कि ऐसे मामलों में अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ पर हमला करता है तो उन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी चाहिए ना कि अस्पतालों की, क्योंकि अस्पताल इलाज करते हैं और कोई भी अस्पताल या डॉक्टर यह नहीं चाहता कि उनका मरीज किसी खराब स्थिति में ऐसी स्थिति में अस्पतालों से ज्यादा प्रशासनिक स्तर पर जिम्मेदारियां तय होनी चाहिए.

बाईट- डॉ विकास अग्रवाल, डॉक्टर
बाईट- अनिता कुमारी, नर्स
बाईट- डॉ एके पांडेय, डॉक्टर


Conclusion:वीओ-02 वही इस बिल को लेकर कानूनी जानकारों का कहना है की सरकार जो बिल लेकर आ रही है वह बहुत सही है क्योंकि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर की जिम्मेदारी भी तय होनी आवश्यक है अगर कोई डॉक्टरों पर हमला करता है तो वह गलत है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन अगर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है और उनके साथ लापरवाही हो रही है ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन के साथ डॉक्टर की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए क्योंकि हर जगह अस्पताल प्रबंधन अपना पक्ष रखने नहीं जाएगा इलाज करने वाले डॉक्टर हैं डॉक्टर भी इस दिल में कोई बड़ा फैसला लिया जाना चाहिए.

बाईट- पीएन राय, एडवोकेट
बाईट- सीपी सिंह, एडवोकेट
बाईट- प्रमोद कुमार सिंह, एडवोकेट
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