वाराणसी: देश में डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को लेकर अब सरकार दो बड़े बिल लाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में सरकार दो ऐसे बिल ला सकती है, जिसमें डॉक्टर नर्स के साथ मारपीट होने पर अस्पताल प्रबंधन को कानूनी मुकदमा लड़ना होगा.
अस्पतालों में मारपीट की घटनाओं पर बन सकता है कानून
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर दो नए बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ही कानूनी मुकदमा लड़ना होगा. इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान हमलावरों के लिए किया जा रहा है. इस मामले की जांच भी एसपी स्तर के अधिकारी को करनी है. इस सत्र में स्वास्थ्य महकमे के इन बड़े बिलों पर सभी की नजरें हैं.
वहीं इस बिल को लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि सरकार जो बिल लेकर आ रही है, वह बहुत सही है. क्योंकि ऐसे मामलों में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर की जिम्मेदारी भी तय होनी आवश्यक है. अगर कोई डॉक्टरों पर हमला करता है तो वह गलत है. उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है और उनके साथ लापरवाही हो रही है ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन के साथ डॉक्टर की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
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अस्पतालों और डॉक्टरों का काम इलाज करना है ना कि कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाकर मुकदमा लड़ना. ऐसे मामलों में अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ पर हमला करता है तो उन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी चाहिए ना कि अस्पतालों की.
-डॉ. विकास अग्रवाल, डॉक्टर