वाराणसी: G-20 देशों के विकास मंत्रियों की वाराणसी 11-13 जून तक बैठक होनी है. 10 जून से जी-20 के डेलीगेट्स वाराणसी पहुंचना शुरू हो जाएंगे. ऐसे में वाराणसी भी उनके स्वागत की तैयारी जोर-शोर से कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही वाराणसी के लोगों ने नई संसद का मॉडल विदेशी मेहमानों के लिए तैयार किया था. इसके बाद अब गुलाबी मीनाकारी के कलाकारों ने मोर तैयार किए हैं. ये मोर वाराणसी आ रहे जी-20 के डेलीगेट्स को भेंट में दिए जाएंगे. इससे वाराणसी की कला की पहचान बाहर जाएगी.
वाराणसी की कला की पूरी दुनिया दीवानी है. यहां बनाई जा रही कलाकृतियां वह चाहे लकड़ी की कला हो, गुलाबी मीनाकारी हो या यहां के कपड़े. हर एक उत्पाद वाराणसी से और देश से बाहर भेजे जाते हैं. इन सभी की डिमांड खूब आती है. ऐसे में योगी सरकार द्वारा ओडीओपी योजना के अंतर्गत इन कलाकृतियों को लाने के बाद इनका प्रचार-प्रसार भी खूब हुआ है. इन्हें एक नई पहचान देने के लिए गुलाबी मीनाकारी के कलाकारों के पास इसके ऑर्डर आए थे.
डेलीगेट्स को भेंट देने के लिए मिला था मोर बनाने का ऑर्डरः गुलाबी मीनाकारी करने वाले कलाकार ने बताया कि G-20 देशों के मेहमानों को काशी की तरफ से भेंट दिए जाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए सरकार की तरफ से भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर चुना गया था. इसको बनाने के लिए हमें ऑर्डर मिला था. ऑर्डर पूरा करने के लिए करीब 100 से अधिक कारीगरों के परिवारों ने मेहनत की है. इस ऑर्डर के बाद हमारे हाथ की कारीगरी विदेश में जाएगी. इससे अच्छा अनुभव हमारे लिए और कुछ नहीं हो सकता है.
20 देशों में पहुंचेगी काशी की कलाः गुलाबी मीनाकारी के बने मोर को भेंटकर वाराणसी में G-20 के डेलीगेट्स का स्वागत किया जाना है. इसके साथ ही उन्हें काशी की संस्कृति से भी अवगत कराया जाएगा. गुलाबी मीनाकारी काशी की पुरातन कला है. इसीलिए इसे विदेशी मेहमानों के सामने रखा जाएगा. वहीं यह कलाकृति 20 देशों में जाएगी, जिससे यहां की कला को पहचान मिलेगी.
पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रयास ला रहे रंगः उद्यम विभाग के उपायुक्त उमेश सिंह ने कहा कि पीएम और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी ने यहां की कला को बाहर ले जाने के लिए जीआई टैग देने का काम किया था. इसके साथ अभी कई उत्पादों को जीआई के लिए फाइल किया जा रहा है. वहीं सीएम योगी ने प्रदेश भर के प्रदेश में बनने वाले उत्पादों को ओडीओपी में लाने का निर्णय लिया. इसी का ही नतीजा है कि काशी में तैयार हो रहे उत्पाद बहुत ही तेजी से बिक रहे हैं और रोजगार भी बढ़ा है. गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौन, हस्तशिल्प से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ी है और रोजगार भी बढ़ा है.