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खिलाड़िया ने कहा, नियमों को ताक पर रख हुआ फुटबाॅल संघ का चुनाव - वाराणसी की ताजा खबर

फुटबाॅल के खिलाड़ियों ने हाल ही में यूपी फुटबॉल संघ के चुनाव को अवैध बताते हुए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से मामले की जांच की मांग की है. खिलाड़ियों का कहना है कि बिना फेडरेशन के अनुमति के ही चुनाव कराया गया है.

नियमों को ताक पर रख हुआ फुटबाॅल संघ का चुनाव .
नियमों को ताक पर रख हुआ फुटबाॅल संघ का चुनाव .
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Published : Dec 1, 2020, 8:30 PM IST

वाराणसी: यूपी फुटबॉल संघ के महासचिव समेत अन्य पूर्व पदाधिकारियों ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की अनुमति के बिना रविवार को हुई वार्षिक बैठक और चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे अवैध करार दिया है. यूपी फुटबॉल संघ की एजीएम में भाजपा बंगाल के नेता अरविंद मेनन को अध्यक्ष चुना गया था. जिसके बाद इसे लेकर फुटबॉल के नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी और नेशनल अवॉर्डी खिलाड़ियों के साथ कई अन्य लोगों ने इसका विरोध करते हुए इसे अवैध करा दिया है. जिले में फुटबाल संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जांच कराने की शासन से मांग की है.

नियमों को ताक पर रख हुआ फुटबाॅल संघ का चुनाव .


जिले के एक होटल में फेडरेशन की ओर से बैठक पर पदाधिकारियों का चयन किया गया था. वहीं खिलाड़ियों कहा कहना है कि 27 नवंबर को इस प्रकरण में यूपी फुटबॉल संघ और ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की तरफ से लेटर जारी कर ऐसी कोई बैठक नहीं करने की बात कही गई थी. नियम के मुताबिक फुटबॉल संघ की किसी भी बैठक में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के किसी एक सदस्य पदाधिकारी का होना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा इस बैठक में नहीं हुआ. सारे नियमों को ताक पर रखा गया. मौजूदा समय में संजय सिंह यूपी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष है और इसके बाद भी अरविंद मेनन को अध्यक्ष चुना गया. वहीं संजय सिंह ने भी इस बात से इंकार कर दिया था.


शासन करे मामले की जांच की मांग
फुटबॉल के पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि फेडरेशन का विधिवत चुनाव नहीं किया गया है. साथ ही बेहद जरूरी है कि समिति का गठन सही ढंग से किया जाए और खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिले. फुटबॉल का नियमानुसार संचालन हो. वहीं खिलाड़ियों कहना है कि यदि जल्द ही ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वह सीएम योगी और पीएम मोदी को इस पूरे मामले से अवगत कराएंगे.

वाराणसी: यूपी फुटबॉल संघ के महासचिव समेत अन्य पूर्व पदाधिकारियों ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की अनुमति के बिना रविवार को हुई वार्षिक बैठक और चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे अवैध करार दिया है. यूपी फुटबॉल संघ की एजीएम में भाजपा बंगाल के नेता अरविंद मेनन को अध्यक्ष चुना गया था. जिसके बाद इसे लेकर फुटबॉल के नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी और नेशनल अवॉर्डी खिलाड़ियों के साथ कई अन्य लोगों ने इसका विरोध करते हुए इसे अवैध करा दिया है. जिले में फुटबाल संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जांच कराने की शासन से मांग की है.

नियमों को ताक पर रख हुआ फुटबाॅल संघ का चुनाव .


जिले के एक होटल में फेडरेशन की ओर से बैठक पर पदाधिकारियों का चयन किया गया था. वहीं खिलाड़ियों कहा कहना है कि 27 नवंबर को इस प्रकरण में यूपी फुटबॉल संघ और ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की तरफ से लेटर जारी कर ऐसी कोई बैठक नहीं करने की बात कही गई थी. नियम के मुताबिक फुटबॉल संघ की किसी भी बैठक में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के किसी एक सदस्य पदाधिकारी का होना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा इस बैठक में नहीं हुआ. सारे नियमों को ताक पर रखा गया. मौजूदा समय में संजय सिंह यूपी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष है और इसके बाद भी अरविंद मेनन को अध्यक्ष चुना गया. वहीं संजय सिंह ने भी इस बात से इंकार कर दिया था.


शासन करे मामले की जांच की मांग
फुटबॉल के पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि फेडरेशन का विधिवत चुनाव नहीं किया गया है. साथ ही बेहद जरूरी है कि समिति का गठन सही ढंग से किया जाए और खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिले. फुटबॉल का नियमानुसार संचालन हो. वहीं खिलाड़ियों कहना है कि यदि जल्द ही ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वह सीएम योगी और पीएम मोदी को इस पूरे मामले से अवगत कराएंगे.

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