वाराणसी: जनपद में बड़ागांव थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में मारे गए बिहार के दो सगे भाइयों के शव लेने से उनके पिता ने इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि वे कभी घर नहीं आते थे और हम शव लेने वाराणसी नहीं जाएंगे. उधर, पुलिस की टीमें तीसरे आरोपी लल्लन सिंह की सरगर्मी से तलाश कर रही है. पुलिस कमिश्नरेट ने लल्लन सिंह की गिरफ्तारी पर एक लाख रूपए का ईनाम घोषित कर दिया है. इसके साथ ही पुलिस की कुछ टीमें बिहार रवाना की जा चुकी हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने बिहार की जूडिशियल कस्टडी से भागे दो आरोपियों को वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में सोमवार को मार गिराया था. वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि सोमवार सुबह वाराणसी अपराध शाखा और बड़ागांव थाने की पुलिस ने शातिर बदमाशों की घेराबंदी की. इसके बाद बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की और पुलिस ने भी आत्मरक्षा में फायरिंग कर दी, जिसमें दो बदमाश घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि मारे गए बदमाशों की पहचान हो गई है. दोनों बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर थाना क्षेत्र के गोलवा निवासी रजनीश उर्फ बऊवा और मनीष के रूप में (Encounter of two who escaped from Patna jail) हुई है. दोनों सगे भाई थे. रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में दरोगा अजय यादव को गोली मारकर आरोपियों ने उनकी पिस्टल लूटी थी. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस (Varanasi Commissionerate Police) फरार तीसरे आरोपी लल्लन सिंह की तलाश में जुट गई है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को सोमवार को बड़ागांव थाना क्षेत्र के भेलखा गांव के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. मुठभेड़ के दौरान इनका तीसरा भाई लल्लन सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था.
वहीं, इसे लेकर पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि मंगलवार को SIT और ऑपरेशनल टीम के साथ आगे की रणनीति पर विस्तृत ब्रीफिंग की गई है. कुछ टीमें बिहार रवाना की गई हैं.
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अब तक की इन्वेस्टिगेशन की प्रगति की समीक्षा की गई है. फरार अभियुक्त लल्लन सिंह के बारे में जानकारी साझा करने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. इस गैंग की स्थानीय मदद करने वालों की पहचान कर ली गई है. उनके विरुद्ध भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एनकाउंटर (Encounter in Varanasi) में मारे गए दोनों सगे बेटों के शव लेने से पिता ने इनकार कर दिया. मनीष और रजनीश के पिता शिव शंकर ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए दोनों सक्रिय अपराधी थे. कभी घर नहीं आते थे. हमारा उनसे कोई लेना देना नहीं है और ना ही हम उनका शव लेने वाराणसी जाएंगे. वहीं, पुलिस कमिश्नर ने कहा कि स्थानीय थाने मोहिनुद्दीनगर को वाराणसी के बड़ागांव पुलिस ने नोटिस भेजा था. बिहार पुलिस ने जब मृतक भाइयों के गांव में परिवार को नोटिस थमाया, तो पिता ने लिखित जवाब दिया.
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