वाराणसी: काशी में ज्ञानवापी मामले की सुनावई शुरू होने के पहले एक फिर शिवलिंग को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सावन माह में विश्वनाथ मंदिर में मांसाहारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध और ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर जल चढ़ाने की मांग की गई है. बड़ी बात यह है कि ये मांगे काशी धर्म परिषद की बैठक में उठाई गई है, जिसमे काशी के प्रमुख संत, ज्योतिष और विद्वतजन शामिल रहे.
दरअसल, लमही स्थित सुभाष भवन में बैठक के दौरान सावन और उदयपुर की घटना को लेकर चर्चा हुई, जिसमें सरकार से मांग की गई कि कट्टरता पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. साथ ही सन्तों ने सावन में विश्वनाथ मंदिर में मांसाहारियो के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जल्द ही वह इस मामले में पत्र भी लिखेंगे.
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वहीं, पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने बताया कि रविवार को बैठक में सभी सन्तों ने एक स्वर में सावन माह में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर भी जल चढ़ाने की मांग की है. इसके लिए हम सभी कोर्ट का सहारा लेंगे, क्योंकि हम नहीं चाहते कि पवित्र सावन माह में बाबा को पूजन से दूर रखा जाए. ये कही से भी धर्मप्रिय नहीं है.
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