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ज्ञानवापी को लेकर अखिलेश-ओवैसी मामले की कोर्ट में हुई सुनवाई, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को

अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान को गलत बताते हुए कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 1:53 PM IST

वाराणसी: अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान को गलत बताते हुए कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इस मामले में लगातार सुनवाई जा रही है. अपर जिला जज की अदालत में आज इस प्रकरण पर सुनवाई हुई. अखिलेश यादव की तरफ से उनके वकील अनुज यादव ने अपना पक्ष रखा जबकि ओवैसी की तरफ से पर भी करने वाले लोकल वकील की जगह हाई कोर्ट के वकील अपनी आपत्ति दाखिल करते हुए बहस करेंगे. उन्हें आज कोर्ट में आना था लेकिन किन्हीं कारणों से वह कोर्ट नहीं पहुंच सके. इसके वजह से ओवैसी की तरफ से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने और बहस करने के लिए अतिरिक्त वक्त मांगा गया जिस पर कोर्ट ने 15 दिसंबर को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बतौर वादी लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की है. इसमें कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है. उनका दावा है वह स्थान हमारे आराध्य देव शिव का है. यह भी कहा है कि शिवलिंग की आकृति को लेकर एआइएमआइएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. लोअर कोर्ट में खारिज होने के बाद वादी ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की गई.


एडवोकेट हरिशंकर पांडेय का कहना है की इस मामले में उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि इस पर जल्द सुनवाई करते हुए निर्णय दिया जाए. क्योंकि प्रतिवादी पक्ष के द्वारा इस प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई आपत्ति दाखिल नहीं की जा रही है. हालांकि कोर्ट में आज ओवैसी की तरफ से हाई कोर्ट के अधिवक्ता की तरफ से आगे उनका पक्ष रखने की बात करते हुए एक एप्लीकेशन देकर अतिरिक्त वक्त मांगा गया था. जिस पर हरिशंकर पांडे ने भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस मामले में अब अगले सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है.

ये भी पढ़ेंः अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली समेत इन हस्तियों को मिला राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण, 7000 लोग आमंत्रित किए जा रहे

वाराणसी: अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान को गलत बताते हुए कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इस मामले में लगातार सुनवाई जा रही है. अपर जिला जज की अदालत में आज इस प्रकरण पर सुनवाई हुई. अखिलेश यादव की तरफ से उनके वकील अनुज यादव ने अपना पक्ष रखा जबकि ओवैसी की तरफ से पर भी करने वाले लोकल वकील की जगह हाई कोर्ट के वकील अपनी आपत्ति दाखिल करते हुए बहस करेंगे. उन्हें आज कोर्ट में आना था लेकिन किन्हीं कारणों से वह कोर्ट नहीं पहुंच सके. इसके वजह से ओवैसी की तरफ से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने और बहस करने के लिए अतिरिक्त वक्त मांगा गया जिस पर कोर्ट ने 15 दिसंबर को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बतौर वादी लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की है. इसमें कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है. उनका दावा है वह स्थान हमारे आराध्य देव शिव का है. यह भी कहा है कि शिवलिंग की आकृति को लेकर एआइएमआइएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. लोअर कोर्ट में खारिज होने के बाद वादी ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की गई.


एडवोकेट हरिशंकर पांडेय का कहना है की इस मामले में उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि इस पर जल्द सुनवाई करते हुए निर्णय दिया जाए. क्योंकि प्रतिवादी पक्ष के द्वारा इस प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई आपत्ति दाखिल नहीं की जा रही है. हालांकि कोर्ट में आज ओवैसी की तरफ से हाई कोर्ट के अधिवक्ता की तरफ से आगे उनका पक्ष रखने की बात करते हुए एक एप्लीकेशन देकर अतिरिक्त वक्त मांगा गया था. जिस पर हरिशंकर पांडे ने भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस मामले में अब अगले सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है.

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