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अधिवक्ताओं ने दिखाई आस्था, समर्पण निधि के लिए दान दिया

वाराणसी में श्रीराम जन्मभूमि समर्पण निधि के तहत सोमवार को अधिवक्ताओं ने धनराशि दान दी. इस दौरान स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि लगभग 500 वर्षों के बाद हिंदुओं को उनका अधिकार मिला है.

श्रीराम मंदिर निर्माण निधि के लिए दी समर्पण राशि
श्रीराम मंदिर निर्माण निधि के लिए दी समर्पण राशि
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Published : Jan 25, 2021, 5:29 PM IST

Updated : Jan 25, 2021, 5:54 PM IST

वाराणसी: कचहरी परिसर में रविवार को स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती और अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान चलाया गया. कचहरी में अधिवक्ताओं ने भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में आस्था दिखाते हुए चेक और नकद के माध्यम से धनराशि दान दी.

रामजन्मभूमि पर मिला हिन्दुओं को अधिकार
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि 492 वर्षों के श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष में से पिछले 70 वर्ष न्यायालय प्रक्रिया में ही बीते हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच के सर्वसम्मति फैसले से श्रीराम जन्मभूमि पर यह अधिकार हिंदुओं को प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सबसे सहयोग की अपेक्षा है. कोई हिंदू छूटना नहीं चाहिए.

हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि को प्राप्त करने में अधिवक्ताओं का ही सहयोग रहा है, फिर भी उनका आर्थिक सहयोग भी रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में मिले. इसके लिए अधिवक्ताओं द्वारा समर्पण राशि दी जा रही है.

पूर्व अध्यक्ष और अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि प्राप्त करने में अधिवक्ता समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है. अब पक्ष में फैसला आने के बाद राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण प्रस्तावित है. इसी के निमित्त अधिवक्ताओं ने भी आर्थिक सहयोग का निर्णय किया है. समर्पण निधि को चेक या नकद के माध्यम से दिया गया.

वाराणसी: कचहरी परिसर में रविवार को स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती और अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान चलाया गया. कचहरी में अधिवक्ताओं ने भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में आस्था दिखाते हुए चेक और नकद के माध्यम से धनराशि दान दी.

रामजन्मभूमि पर मिला हिन्दुओं को अधिकार
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि 492 वर्षों के श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष में से पिछले 70 वर्ष न्यायालय प्रक्रिया में ही बीते हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच के सर्वसम्मति फैसले से श्रीराम जन्मभूमि पर यह अधिकार हिंदुओं को प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सबसे सहयोग की अपेक्षा है. कोई हिंदू छूटना नहीं चाहिए.

हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि को प्राप्त करने में अधिवक्ताओं का ही सहयोग रहा है, फिर भी उनका आर्थिक सहयोग भी रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में मिले. इसके लिए अधिवक्ताओं द्वारा समर्पण राशि दी जा रही है.

पूर्व अध्यक्ष और अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि प्राप्त करने में अधिवक्ता समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है. अब पक्ष में फैसला आने के बाद राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण प्रस्तावित है. इसी के निमित्त अधिवक्ताओं ने भी आर्थिक सहयोग का निर्णय किया है. समर्पण निधि को चेक या नकद के माध्यम से दिया गया.

Last Updated : Jan 25, 2021, 5:54 PM IST
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