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उत्पादकता के क्षेत्र में सुलतानपुर एक कदम आगे, अब मिलेगा रोजगार - सुलतानपुर ताजा खबर

उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर चीनी मिल हाईटेक बनने जा रही है. मिल में गन्ने के शीरे से शराब बनाने की पहल की जा रही है. मिल में शराब बनने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

चीनी मिल.
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Published : Sep 5, 2019, 9:41 PM IST

सुलतानपुर: जनपद की किसान सहकारी चीनी मिल अब उत्पादकता के क्षेत्र में हाईटेक होने जा रही है. गन्ने के कोजन से बिजली बनाने की कवायद के बाद अब डिस्टलरी प्लांट में शराब बनाने की कवायद शुरू की गई है. मेनका गांधी ने सुल्तानपुर चीनी मिल को अपडेट करने के लिए नई पहल शुरू की है. इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्माण के क्षेत्र में सुलतानपुर आत्मनिर्भर होगा.

सुलतानपुर में गन्ने के शीरे से बनेगी शराब.

डिस्टलरी प्लांट में बनेगी शराब-
जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर सुल्तानपुर चीनी मिल स्थित है. चीनी मिल की क्षमता साढ़े 12 सौ से बढ़ाकर 36 टीसीडी करने की तैयारी चल रही है. गन्ने से अधिक सिरे का उत्पादन होगा तो डिस्टलरी प्लांट में अधिक शराब बनाई जा सकेगी, जिसकी पैकिंग कर बाजारों को सप्लाई की जाएगी. इससे कारोबार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

बता दें कि किसान सुलतानपुर सहकारी चीनी मिल की स्थापना संजय गांधी की तरफ से की गई थी. संजय गांधी के निधन के बाद यह उपेक्षित रही. मेनका गांधी ने मिल का जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है. सांसद मेनका गांधी की पहल पर इसकी क्षमता 3 गुना लगभग बढ़ाई जा रही है. इसके साथी शराब प्लांट और कोजन प्लांट तैयार किया जाएगा.

चीनी मिल संचालक मंडल की बैठक कलेक्ट्रेट में हुई थी. बैठक में यह तय हुआ था कि इसकी क्षमता 1250 टीसीडी से बढ़ाकर 3600 टीसीडी कर दी जाए. गन्ने से निकलने वाले शीरे से डिस्टलरी प्लांट के जरिए उत्पाद तैयार किया जाएगा.
रामजी सिंह, महाप्रबंधक, चीनी मिल

सुलतानपुर: जनपद की किसान सहकारी चीनी मिल अब उत्पादकता के क्षेत्र में हाईटेक होने जा रही है. गन्ने के कोजन से बिजली बनाने की कवायद के बाद अब डिस्टलरी प्लांट में शराब बनाने की कवायद शुरू की गई है. मेनका गांधी ने सुल्तानपुर चीनी मिल को अपडेट करने के लिए नई पहल शुरू की है. इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्माण के क्षेत्र में सुलतानपुर आत्मनिर्भर होगा.

सुलतानपुर में गन्ने के शीरे से बनेगी शराब.

डिस्टलरी प्लांट में बनेगी शराब-
जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर सुल्तानपुर चीनी मिल स्थित है. चीनी मिल की क्षमता साढ़े 12 सौ से बढ़ाकर 36 टीसीडी करने की तैयारी चल रही है. गन्ने से अधिक सिरे का उत्पादन होगा तो डिस्टलरी प्लांट में अधिक शराब बनाई जा सकेगी, जिसकी पैकिंग कर बाजारों को सप्लाई की जाएगी. इससे कारोबार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

बता दें कि किसान सुलतानपुर सहकारी चीनी मिल की स्थापना संजय गांधी की तरफ से की गई थी. संजय गांधी के निधन के बाद यह उपेक्षित रही. मेनका गांधी ने मिल का जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है. सांसद मेनका गांधी की पहल पर इसकी क्षमता 3 गुना लगभग बढ़ाई जा रही है. इसके साथी शराब प्लांट और कोजन प्लांट तैयार किया जाएगा.

चीनी मिल संचालक मंडल की बैठक कलेक्ट्रेट में हुई थी. बैठक में यह तय हुआ था कि इसकी क्षमता 1250 टीसीडी से बढ़ाकर 3600 टीसीडी कर दी जाए. गन्ने से निकलने वाले शीरे से डिस्टलरी प्लांट के जरिए उत्पाद तैयार किया जाएगा.
रामजी सिंह, महाप्रबंधक, चीनी मिल

Intro:एक्सक्लुसिव खबर
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शीर्षक : सुल्तानपुर चीनी मिल में गन्ने के सीरे से बनेगी शराब, लगेगा डिस्टलरी प्लांट।



सुल्तानपुर किसान सहकारी चीनी मिल अब उत्पादकता के क्षेत्र से हाईटेक होने जा रही हैं। गन्ने के कोजन से बिजली बनाने की कवायद के बाद अब डिस्टलरी प्लांट में शराब बनाने की कवायद शुरू की गई है। मेनका गांधी ने सुल्तानपुर चीनी मिल को अपडेट करने के लिए नई पहल शुरू की है। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा निर्माण के क्षेत्र में सुल्तानपुर आत्मनिर्भर होगा।


Body:जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर सुल्तानपुर चीनी मिल है। इसकी क्षमता साढे 12 सौ बढ़ाकर 36 टीसीडी करने की तैयारी चल रही है। जिससे इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके। गन्ने से अधिक सिरे का उत्पादन होगा तो डिस्टलरी प्लांट में अधिक शराब बनाई जा सकेगी । जिसकी पैकिंग कर बाजारों को सप्लाई होगी। कारोबार बढ़ने के साथ लोगों को रोजगार मिलेगा।

वीओ : किसान सुल्तानपुर सहकारी चीनी मिल की स्थापना संजय गांधी की तरफ से की गई थी। उनके निधन के बाद यह उपेक्षित रही और सुल्तानपुर के गन्ने की खपत भी पूरा करने में सीने में सक्षम नहीं रही । इसे देखते हुए मेनका गांधी ने इसके जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है। सांसद मेनका गांधी की पहल पर इसकी क्षमता 3 गुना लगभग बढ़ाई जा रही है । इसके साथी शराब प्लांट और कोजन प्लांट तैयार किया जाएगा।


Conclusion:बाइट : चीनी मिल संचालक मंडल की बैठक कलेक्ट्रेट में हुई थी जिसमें यह तय हुआ था कि 1250 टीसीडी से बढ़ाकर इसकी क्षमता 36 00 टीसीडी कर दी जाए। गन्ने से निकलने वाले सीरे से डिस्टलरी प्लांट के जरिए उत्पाद तैयार किया जाएगा।









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