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आगरा नगर निगम की गोशाला निर्माण में फर्जीवाड़ा, महापौर ने 2.44 करोड़ के भुगतान पर उठाए सवाल - AGRA NAGAR NIGAM

आगरा नगर निगम की गोशाला निर्माण में फर्जीवाड़ा सामने आया है. महापौर ने अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह (pic credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 18, 2025, 9:09 PM IST

आगरा: नगर निगम में गोशाला निर्माण में फर्जीवाड़ा और अवैध रूप से 2.44 करोड़ रुपये का भुगतान करने का मामला सामने आया है. यहां नियमों को ताक पर रखकर पहले नगर निगम में गैर पंजीकृत ठेकेदार को टेंडर दिया गया. तय समय सीमा में भी ठेकेदार ने पंजीकरण नहीं कराया. इसके बाद भी ठेकेदार को अवैध रूप से दो किस्त में भुगतान ​किया गया. इस मामले में महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जिम्मेदारों अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश और रिपोर्ट मांगी है. इसमें महापौर ने निगम के ऐसे अन्य कार्यों का ब्योरा भी मांगा है. नगर निगम में कई गैर पंजीकृत ठेकेदारों को इसी तरह से टेंडर दिए गए हैं.


आगरा महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने वार्ड संख्या-55 शाहदरा में गोशाला के निर्माण पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसके लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि निगम की ओर से गोशाला के टेंडर आमंत्रित किए गए. मगर, नगर निगम में अपंजीकृत ठेकेदार को नियमों को दरकिनार करके ठेका दिया गया. इनता ही नहीं, उसे करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया.

इसे भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने आगरा नगर निगम की याचिका की खारिज, एनजीटी का 58.39 करोड़ के मुआवजा आदेश रखा बरकरार - SUPREME COURT

ये है पूरा मामला : नगर निगम की ओर से गोशाला निर्माण के लिए टेंडर किया गया. इसमें प्रथम क्रमांक पर प्राप्त मेसर्स दिनेश कुमार सिंह निविदादाता की निविदा स्वीकार करके वर्क ऑर्डर जारी किया गया. लेकिन इस निविदादाता का नगर निगम में कार्यों के लिए पंजीकरण नहीं था. नगर निगम एवं निविदादाता के मध्य हुए अनुबंध में निविदा की शर्त के अनुसार 15 दिन में मेसर्स दिनेश कुमार सिंह को पंजीकरण कराने का समय प्रदान किया गया था. मगर ठेकेदार ने नौ माह बाद भी पंजीकरण नहीं कराया. इसी दौरान मेसर्स दिनेश कुमार सिंह को पहली किस्त 30 मार्च 2024 को 1.37 करोड़ की दी गई. दूसरी किस्त 27 जून 2024 को 1.07 करोड़ की दी गई.

कई अपंजीकृत ठेकेदार कर रहे काम : महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने बताया कि नगर निगम में कई अपंजीकृत ठेकेदार काम कर रहे हैं. कई प्रकरणों में गैर पंजीकृत ठेकेदारों को भुगतान किए जा चुके हैं. ऐसे अपंजीकृत ठेकेदारों को आवंटित कार्यों की सूची बनाने के साथ ही उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारियों को चिह्नित करके तीन दिन में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश नगर आयुक्त को दिए हैं. क्योंकि, पहले ही लोहामंडी में कराए जा रहे कार्यों में भी अपंजीकृत ठेकेदार से कार्य कराने की शिकायत पार्षदों ने की है. इसकी भी जांच कराई जा रही है. नगर आयुक्त ने कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है.

इन कार्यों के लिए भुगतान: महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने शहर में हाल में किए गए आरसीसी, रॉफ्ट फाउंडेशन, स्टोन बैलास्ट, स्लैब, स्टोन डस्ट, कंसोलिडेशन व काम्पैक्टिंग, सबमर्सिबल पंप, टाइल्स वर्क, पीवीसी पाइप लाइन, सैंड फिलिंग, चाइना वॉल टाइल्स और वायर फेसिंग का कार्य कराने के लिए भुगतान किया गया.


यह भी पढ़ें - आगरा नगर निगम ने सवा लाख लोगों को भेजे बकाया हाउस टैक्स के नोटिस, जमा करने पर 10 फीसदी छूट - House Tax Notice in Agra - HOUSE TAX NOTICE IN AGRA

आगरा: नगर निगम में गोशाला निर्माण में फर्जीवाड़ा और अवैध रूप से 2.44 करोड़ रुपये का भुगतान करने का मामला सामने आया है. यहां नियमों को ताक पर रखकर पहले नगर निगम में गैर पंजीकृत ठेकेदार को टेंडर दिया गया. तय समय सीमा में भी ठेकेदार ने पंजीकरण नहीं कराया. इसके बाद भी ठेकेदार को अवैध रूप से दो किस्त में भुगतान ​किया गया. इस मामले में महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जिम्मेदारों अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश और रिपोर्ट मांगी है. इसमें महापौर ने निगम के ऐसे अन्य कार्यों का ब्योरा भी मांगा है. नगर निगम में कई गैर पंजीकृत ठेकेदारों को इसी तरह से टेंडर दिए गए हैं.


आगरा महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने वार्ड संख्या-55 शाहदरा में गोशाला के निर्माण पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसके लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि निगम की ओर से गोशाला के टेंडर आमंत्रित किए गए. मगर, नगर निगम में अपंजीकृत ठेकेदार को नियमों को दरकिनार करके ठेका दिया गया. इनता ही नहीं, उसे करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया.

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ये है पूरा मामला : नगर निगम की ओर से गोशाला निर्माण के लिए टेंडर किया गया. इसमें प्रथम क्रमांक पर प्राप्त मेसर्स दिनेश कुमार सिंह निविदादाता की निविदा स्वीकार करके वर्क ऑर्डर जारी किया गया. लेकिन इस निविदादाता का नगर निगम में कार्यों के लिए पंजीकरण नहीं था. नगर निगम एवं निविदादाता के मध्य हुए अनुबंध में निविदा की शर्त के अनुसार 15 दिन में मेसर्स दिनेश कुमार सिंह को पंजीकरण कराने का समय प्रदान किया गया था. मगर ठेकेदार ने नौ माह बाद भी पंजीकरण नहीं कराया. इसी दौरान मेसर्स दिनेश कुमार सिंह को पहली किस्त 30 मार्च 2024 को 1.37 करोड़ की दी गई. दूसरी किस्त 27 जून 2024 को 1.07 करोड़ की दी गई.

कई अपंजीकृत ठेकेदार कर रहे काम : महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने बताया कि नगर निगम में कई अपंजीकृत ठेकेदार काम कर रहे हैं. कई प्रकरणों में गैर पंजीकृत ठेकेदारों को भुगतान किए जा चुके हैं. ऐसे अपंजीकृत ठेकेदारों को आवंटित कार्यों की सूची बनाने के साथ ही उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारियों को चिह्नित करके तीन दिन में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश नगर आयुक्त को दिए हैं. क्योंकि, पहले ही लोहामंडी में कराए जा रहे कार्यों में भी अपंजीकृत ठेकेदार से कार्य कराने की शिकायत पार्षदों ने की है. इसकी भी जांच कराई जा रही है. नगर आयुक्त ने कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है.

इन कार्यों के लिए भुगतान: महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने शहर में हाल में किए गए आरसीसी, रॉफ्ट फाउंडेशन, स्टोन बैलास्ट, स्लैब, स्टोन डस्ट, कंसोलिडेशन व काम्पैक्टिंग, सबमर्सिबल पंप, टाइल्स वर्क, पीवीसी पाइप लाइन, सैंड फिलिंग, चाइना वॉल टाइल्स और वायर फेसिंग का कार्य कराने के लिए भुगतान किया गया.


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