लखनऊ : ’भारत पशुधन ऐप’ के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के 10 हजार पैरावेट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी. 21 अक्टूबर को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा जिससे कृत्रिम गर्भाधान की गुणवत्ता बढ़ सके और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि 'कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. उन्होंने कार्यक्रम में तेजी लाने, नियमित रिपोर्टिंग और पोर्टल पर अंकन करने के सख्त निर्देश दिए हैं. निर्धारित लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिए जाने की बात कही है.'
पशुधन मंत्री ने गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ और अयोध्या मंडल में एलएसडी, संचारी रोग, कृत्रिम गर्भाधान, निराश्रित व छुट्टा गोवंश, गोशालाओं की क्षमता वृद्धि और निर्माण की स्थिति के संबंध में गहन समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए. मंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्यों में शिथिलता और लापरवाही बरतने पर अम्बेडकरनगर और अमेठी के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने योजनाओं में अपेक्षित प्रगति और संतोषजनक स्थिति न होने पर अप्रसन्नता व्यक्त कर कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं और अपने दायित्वों को गंभीरता से लेते हुए कार्य करें. निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य तेजी से संचालित किया जाए. आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि लम्पी रोग के संबंध में टीकाकरण का कार्य तेज गति से किया जाए और पशुधन हानि न होने पाए. उन्होंने टीम-9 से अपेक्षा की है कि पिछले साल की तरह इस साल भी लम्पी रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जाए.'
अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने एलएसडी, संचारी रोग, कृत्रिम गर्भाधान, निराश्रित व छुट्टा गोवंश, गोशालाओं की क्षमता वृद्धि और निर्माण की स्थिति के संबंध में मंत्री को अवगत कराया. आश्वस्त किया कि प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संबंधित अधिकारी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और निर्धारित लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति करें. कार्यों में लापरवाही या उदासीनता किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं होगी.