सुलतानपुरः खाद्य अफसरों का वसूली सिस्टम सुल्तानपुर डीएम के सामने बेनकाब हुआ है. व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ने अपना दर्द डीएम रवीश गुप्ता को सुनाया. उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि 'जो लोग पैसा नहीं देते हैं, उन्हीं की दुकानों को चिन्हित कर नमूना भरा जाता है. इस अवैध वसूली को डीएम साहब बंद करवा दीजिए'.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सोमवार को डीएम रवीश गुप्ता को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में यह आरोप लगाया है कि 'इंस्पेक्टर निजी कर्मचारियों को अपने पास रखे हुए हैं और उन्हीं से वसूली करवाते हैं. वसूली नहीं देने वाले व्यापारियों का नमूना भरा जाता है और उन्हें विभागीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.लंभुआ और कादीपुर तहसील क्षेत्र में वसूली चरम पर देखी जा रही है. व्यापारी बस मुंह खोल नहीं पा रहे हैं, इसलिए हम आपसे इस अवैध वसूली को बंद कराने की मांग करने आए हैं'.
डीएम रवीश गुप्ता भी थोड़ी देर तक मामले को सुनकर स्तब्ध रह गए. हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसे दोषी अफसरों के खिलाफ मामले की जांच कर ठोस कार्रवाई की जाएगी. व्यापारियों की तरफ से यह मामला उठाए जाने पर कलेक्ट्रेट में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. वहीं, खाद्य विभाग के अफसरों की किरकिरी करने के लिए कई व्यापारी और लामबंद होने लगे हैं.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री रवींद्र त्रिपाठी ने बताया कि 'शहर के पयागीपुर चौराहे पर शौचालय नहीं है. इसकी वजह से लगभग 5,000 की आबादी को शौच की समस्या से जूझना पड़ता है. महिलाओं और पुरुषों को समस्या का सामना करना पड़ता है. खाद्य अफसरों ने निजी कर्मचारी लगा रखे हैं वसूली करने के लिए. कादीपुर और लंभुआ तहसील में इसकी सबसे खराब स्थिति देखी जा रही है, जो लोग खासकर व्यापारी अवैध वसूली में हमराह नहीं बनते हैं. शिकायत करने के बाद भी उन्हें चिन्हित किया जाता है और उन्हें चिन्हित कर उनके यहां नमूना लिया जाता है.