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झाड़ियों में फेंका गया भारत के प्रथम राष्ट्रपति के नाम का शिलापट्ट

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Published : Jul 6, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 6:17 PM IST

सुलतानपुर में नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम का शिलापट्ट हटवा दिया और अपने नाम का शिलापट्ट वहां लगवा दिया. इस घटना के बाद जिले के सभासद आक्रोशित है. उन्होंने राजेंद्र प्रसाद के नाम की शिलापट्ट को फिर से लगाने की मांग की है.

भारत के प्रथम राष्ट्रपति के नाम का शिलापट्ट
भारत के प्रथम राष्ट्रपति के नाम का शिलापट्ट

सुलतानपुर : जिले में भारत के प्रथम राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम का शिलापट्ट झाड़ियों में फेंके जाने का मामला सामने आया है. नगर पालिका चेयरमैन ने राष्ट्रपति की गरिमा का अपमान करते हुए शिलापट के स्थान पर अपने नाम का शिलापट्ट लगवा दिया. शिलापट्ट बदलने की जानकारी मिलने पर आक्रोशित सभासदों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम की शिलापट्ट को फिर से लगाने की मांग की. स्थानीय लोगों ने भी कड़े शब्दों में इस कदम की निंदा की है.

महाधिवक्ता ने स्थापित कराया था शिलापट्ट

दिसंबर 2008 में नगर पालिका की तरफ से यह शिलापट्ट जिला सत्र न्यायालय के पास सीता कुंड क्षेत्र की तरफ जाने वाली सड़क पर स्थापित किया गया था. भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद मार्ग घोषित करते हुए इसका नया नामकरण किया गया था. महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश ज्योतिंद्र मिश्रा के कर कमलों से इसका शुभारंभ किया गया था, जिसमें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तत्कालीन करुणा शंकर द्विवेदी का नाम भी शिलापट्ट में शामिल था. इसके अलावा अधिशासी अधिकारी बीपी सिंह और स्थानीय सभासद का नाम भी शिलापट्ट में दर्ज किया गया था.

नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल पर आरोप

इसे भी पढ़ें- लापरवाही: किधर है ध्यान, नगर पालिका के मालखाने में कंडम हो रहा सामान

गायब हुआ शिलापट्ट

सभासद नगर पालिका परिषद अमोल बाजपेई ने कहा - "यह भारत के प्रथम राष्ट्रपति के सम्मान और उनकी मर्यादा का अपमान है. शिलापट्ट उठाकर झाड़ियों में फेंक दिया गया था, जिसे वापस इस स्थान पर रखा गया. हम मांग करते हैं कि दोबारा शिलापट्ट किया जाए. डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम से इस सड़क का लोकार्पण किया गया था. उस समय मेरी पत्नी स्थानीय सभासद थी. नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल की तरफ से शिलापट्ट उठाकर झाड़ियों में फेंकवा दिया गया। सभासद की सूचना पर इसे दोबारा रखा गया. चेयरमैन की तरफ से यह बहुत ही घृणित कार्य किया गया है."

पूर्व उपाध्यक्ष होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड डॉ. शैलेंद्र तिपाठी ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति का अपमान ही नहीं, यह देश और संवैधानिक व्यवस्था का भी अपमान है. सरकारें तो आती जाती रहती हैं और नगरपालिका के चेयरमैन भी बदलते रहते हैं, लेकिन संवैधानिक व्यवस्था का मखौल नहीं उड़ाना चाहिए. सुलतानपुर के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने इस पर कहा कि "कार्यदाई संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सब का सम्मान रखा जाए. सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है."

सुलतानपुर : जिले में भारत के प्रथम राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम का शिलापट्ट झाड़ियों में फेंके जाने का मामला सामने आया है. नगर पालिका चेयरमैन ने राष्ट्रपति की गरिमा का अपमान करते हुए शिलापट के स्थान पर अपने नाम का शिलापट्ट लगवा दिया. शिलापट्ट बदलने की जानकारी मिलने पर आक्रोशित सभासदों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम की शिलापट्ट को फिर से लगाने की मांग की. स्थानीय लोगों ने भी कड़े शब्दों में इस कदम की निंदा की है.

महाधिवक्ता ने स्थापित कराया था शिलापट्ट

दिसंबर 2008 में नगर पालिका की तरफ से यह शिलापट्ट जिला सत्र न्यायालय के पास सीता कुंड क्षेत्र की तरफ जाने वाली सड़क पर स्थापित किया गया था. भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद मार्ग घोषित करते हुए इसका नया नामकरण किया गया था. महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश ज्योतिंद्र मिश्रा के कर कमलों से इसका शुभारंभ किया गया था, जिसमें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तत्कालीन करुणा शंकर द्विवेदी का नाम भी शिलापट्ट में शामिल था. इसके अलावा अधिशासी अधिकारी बीपी सिंह और स्थानीय सभासद का नाम भी शिलापट्ट में दर्ज किया गया था.

नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल पर आरोप

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गायब हुआ शिलापट्ट

सभासद नगर पालिका परिषद अमोल बाजपेई ने कहा - "यह भारत के प्रथम राष्ट्रपति के सम्मान और उनकी मर्यादा का अपमान है. शिलापट्ट उठाकर झाड़ियों में फेंक दिया गया था, जिसे वापस इस स्थान पर रखा गया. हम मांग करते हैं कि दोबारा शिलापट्ट किया जाए. डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम से इस सड़क का लोकार्पण किया गया था. उस समय मेरी पत्नी स्थानीय सभासद थी. नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल की तरफ से शिलापट्ट उठाकर झाड़ियों में फेंकवा दिया गया। सभासद की सूचना पर इसे दोबारा रखा गया. चेयरमैन की तरफ से यह बहुत ही घृणित कार्य किया गया है."

पूर्व उपाध्यक्ष होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड डॉ. शैलेंद्र तिपाठी ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति का अपमान ही नहीं, यह देश और संवैधानिक व्यवस्था का भी अपमान है. सरकारें तो आती जाती रहती हैं और नगरपालिका के चेयरमैन भी बदलते रहते हैं, लेकिन संवैधानिक व्यवस्था का मखौल नहीं उड़ाना चाहिए. सुलतानपुर के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने इस पर कहा कि "कार्यदाई संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सब का सम्मान रखा जाए. सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है."

Last Updated : Jul 6, 2021, 6:17 PM IST
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