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सुलतानपुर: कोर्ट ने 34 साल बाद सुनाया फैसला, दो दोषियों को तीन-तीन वर्ष का कारावास

सुलतानपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. यह मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के शोभीपुर-मामपुर गांव का है.

सुलतानपुर कोर्ट
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Published : May 9, 2022, 9:23 AM IST

सुलतानपुर: आम का पेड़ काटने के झगड़े में गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप से जुड़े मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किरन गोंड ने दोषियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास और चार-चार हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के शोभीपुर-मामपुर गांव से जुड़ा है.

लम्भुआ थाना क्षेत्र के शोभीपुर-मामपुर गांव में छह मार्च 1988 को हुई घटना का जिक्र करते हुए शिवकुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप के मुताबिक, गांव के ही आरोपी पवन कुमार सिंह व भोलानाथ यादव शिवकुमार का आम का पेड़ जबरदस्ती काट रहे थे. शिवकुमार के चाचा रामसूरत सिंह व बड़े भाई नागेंद्र कुमार सिंह ने मना किया तो यह बात आरोपियों को नगंवार गुजरी और गुस्से में उन्होंने लाठी व कुल्हाड़ी से दोनों पर हमला बोल दिया.

हमले में दोनों लोगों को गंभीर चोंटे आईं. मामले में शिवकुमार सिंह की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस ने अपनी तफ्तीश पूरी कर आरोपियों के खिलाफ कई आरोपों में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद मामला सीजेएम कोर्ट में चला था. यह मामला 34 वर्षों से कोर्ट में विचाराधीन रहा. लेकिन मामले का हल नहीं निकला.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामला: अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की अर्जी पर सुनवाई आज

यह मामला कई वर्षों से लम्बित होने की वजह से अत्यंत प्राचीनतम वाद की श्रेणी में रखा गया था. इसके विचारण के दौरान अभियोजन अधिकारी विजय कुमार सरोज ने पैरवी करते हुए कुल छह गवाहों को पेश किया. उन्होंने आरोपियों को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दंडित करने की मांग की. वहीं, बचाव पक्ष ने आरोपियों को बेकसूर बताने का भरपूर प्रयास किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीजेएम किरन गोंड ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया. उन्हें अदालत ने तीन-तीन वर्ष के कारावास और चार-चार हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

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सुलतानपुर: आम का पेड़ काटने के झगड़े में गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप से जुड़े मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किरन गोंड ने दोषियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास और चार-चार हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के शोभीपुर-मामपुर गांव से जुड़ा है.

लम्भुआ थाना क्षेत्र के शोभीपुर-मामपुर गांव में छह मार्च 1988 को हुई घटना का जिक्र करते हुए शिवकुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप के मुताबिक, गांव के ही आरोपी पवन कुमार सिंह व भोलानाथ यादव शिवकुमार का आम का पेड़ जबरदस्ती काट रहे थे. शिवकुमार के चाचा रामसूरत सिंह व बड़े भाई नागेंद्र कुमार सिंह ने मना किया तो यह बात आरोपियों को नगंवार गुजरी और गुस्से में उन्होंने लाठी व कुल्हाड़ी से दोनों पर हमला बोल दिया.

हमले में दोनों लोगों को गंभीर चोंटे आईं. मामले में शिवकुमार सिंह की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस ने अपनी तफ्तीश पूरी कर आरोपियों के खिलाफ कई आरोपों में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद मामला सीजेएम कोर्ट में चला था. यह मामला 34 वर्षों से कोर्ट में विचाराधीन रहा. लेकिन मामले का हल नहीं निकला.

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यह मामला कई वर्षों से लम्बित होने की वजह से अत्यंत प्राचीनतम वाद की श्रेणी में रखा गया था. इसके विचारण के दौरान अभियोजन अधिकारी विजय कुमार सरोज ने पैरवी करते हुए कुल छह गवाहों को पेश किया. उन्होंने आरोपियों को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दंडित करने की मांग की. वहीं, बचाव पक्ष ने आरोपियों को बेकसूर बताने का भरपूर प्रयास किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीजेएम किरन गोंड ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया. उन्हें अदालत ने तीन-तीन वर्ष के कारावास और चार-चार हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

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