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वाराणसी में सामूहिक हत्याकांड; चाचा के परिवार का कत्ल करने वाला भतीजा गिरफ्तार, जानिए क्यों 5 सदस्यों को गोलियों से भूना था? - VARANASI MASS MURDER REVEALED

वाराणसी पुलिस ने वारदात के 90 दिन बाद दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, इंस्टाग्राम और ईमेल बात करते थे दोनों भाई

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सामूहिक हत्या के आरोपी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 6:57 PM IST

वाराणसीः 5 नवंबर 2023 को दीपावली के एक दिन बाद वाराणसी में एक परिवार के पांच लोगों के हत्या कर दी गई थी. इस नृशंस हत्या ने बनारस को पूरी तरीके से दहला दिया था. यह अब तक की बनारस की सबसे जघन्य हत्या थी, जो कमिश्नरेट पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई थी. क्योंकि हत्यारे ने एक भी सबूत अपने पीछे नहीं छोड़े थे. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर आखिरकार अपराधी को पकड़ लिया है और हत्या का खुलासा कर दिया है. 90 दिन बाद पुलिस ने एक लाख इनामी आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है.

मां बाप की हत्या का लिया बदलाः हत्या को खुलासा करते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि हत्या आरोपी विक्की ने पूछताछ में बताया है कि उसके माता-पिता व बाबा की हत्या चाचा राजेंद्र गुप्ता के जरिए 1997 में गोली मारकर की गई थी. जिसमें उसके छोटे भाई प्रशांत को भी गोली लगी थी. उसी समय से हम लोगों को राजेंद्र व उनके परिवार वालों के द्वारा नौकर की तरह रखा जा रहा था,बार-बार मारा पीटा जा रहा था. हम लोग तंग आ गए थे. 2022 में भी राजेंद्र और उनके बड़े पुत्र ने उसे बुरी तरीके से मारा पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा. इस समय ही इस पूरे परिवार को खत्म करने के इरादे से घर छोड़ दिया था. छोटे भाई प्रशांत के साथ मिलकर घटना की योजना बनाई. जिसके लिए फर्जी आईडी पर चार पांच मोबाइल सिम लिया और बिहार से दो पिस्टल भी खरीदी.

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
सबसे पहले चाचा को मारा था गोलीः प्लान के तहत हम लोग 4–5नवंबर की रात को सबसे पहले 11 बजे चाचा राजेंद्र को रोहनिया उनके निर्माणाधीन मकान पर गोली मारकर उनकी हत्या की. इसके बाद ऑटो के जरिए भदैनी स्थित मकान पर पहुंचा, जहां छत पर जाकर के छुप गया और सुबह 5:00 से 7:00 बजे के बीच चाची नीतू व चचेरे भाई नवेंदु, शुभेंदु और बहन गौरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद भाई को फोन कर बताया और उसके बाद मुगलसराय रेलवे स्टेशन से ट्रेन से बिहार निकल गया. वहां के बाद कोलकाता गया और अलग-अलग स्थान पर भ्रमण करता रहा.
इन लोगों की हत्या की थी.
इन लोगों की हत्या की थी. (Photo Credit; ETV Bharat)
इंस्टाग्राम बना सबसे बड़ा ट्रैकरः पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपी विक्की अपने भाई प्रशांत से इंस्टाग्राम पर मैसेज के जरिए बातचीत करता था, यही से इसकी जानकारी भी मिली थी. विक्की गुरुवार अपने भाई से पैसा लेने बनारस आया था, तभी मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के पास से पांच मोबाइल, सिम कार्ड, 26000 हजार रुपए बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही खुलासा करने वाली टीम को एक लाख का पुरस्कार भी दिया गया है.ये था पूरा मामलाः बताते चलें कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी निवासी राजेंद्र कुमार गुप्ता,उनकी पत्नी नीतू, बेटी गौरंगी और बेटू नवेंद्र, शुभेंदु का शव 5 नवंबर को उनके घर पर मिला था. चारों की गोली मारकर हत्या की गई थी. वहीं, राजेंद्र का शव रोहनिया थाना क्षेत्र के मीरपुर रामपुर स्थित उनके निर्माणाधीन मकान पर मिला था और उनकी भी गोली मारकर हत्या की थी. हत्या का शक पुलिस को उनके भतीजे विक्की पर था. इसको लेकर के पुलिस कमिश्नर ने पांच टीम में बनाकर अलग-अलग राज्यों में अपराधी की तलाश में डटी हुई थी. इसके साथ ही एक लाख रुपये इनाम भी घोषित किया था.भतीजों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए की थी पैरवी : पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मृतक राजेंद्र ने अपने भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी, पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की 1996-97 में हत्या की थी. उस वक्त कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की छोटे थे. बाद में इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लगातार पैरवी की. अपने बयान भी दर्ज करवाये थे, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई. वह बाहर आ गया.

इसे भी पढ़ें-बनारस सामूहिक हत्याकांड; पेशेवर शूटर ने मारीं 11 गोलियां, क्या 5 परिजनों के मर्डर के पीछे 22 साल पुरानी रंजिश?

वाराणसीः 5 नवंबर 2023 को दीपावली के एक दिन बाद वाराणसी में एक परिवार के पांच लोगों के हत्या कर दी गई थी. इस नृशंस हत्या ने बनारस को पूरी तरीके से दहला दिया था. यह अब तक की बनारस की सबसे जघन्य हत्या थी, जो कमिश्नरेट पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई थी. क्योंकि हत्यारे ने एक भी सबूत अपने पीछे नहीं छोड़े थे. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर आखिरकार अपराधी को पकड़ लिया है और हत्या का खुलासा कर दिया है. 90 दिन बाद पुलिस ने एक लाख इनामी आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है.

मां बाप की हत्या का लिया बदलाः हत्या को खुलासा करते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि हत्या आरोपी विक्की ने पूछताछ में बताया है कि उसके माता-पिता व बाबा की हत्या चाचा राजेंद्र गुप्ता के जरिए 1997 में गोली मारकर की गई थी. जिसमें उसके छोटे भाई प्रशांत को भी गोली लगी थी. उसी समय से हम लोगों को राजेंद्र व उनके परिवार वालों के द्वारा नौकर की तरह रखा जा रहा था,बार-बार मारा पीटा जा रहा था. हम लोग तंग आ गए थे. 2022 में भी राजेंद्र और उनके बड़े पुत्र ने उसे बुरी तरीके से मारा पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा. इस समय ही इस पूरे परिवार को खत्म करने के इरादे से घर छोड़ दिया था. छोटे भाई प्रशांत के साथ मिलकर घटना की योजना बनाई. जिसके लिए फर्जी आईडी पर चार पांच मोबाइल सिम लिया और बिहार से दो पिस्टल भी खरीदी.

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
सबसे पहले चाचा को मारा था गोलीः प्लान के तहत हम लोग 4–5नवंबर की रात को सबसे पहले 11 बजे चाचा राजेंद्र को रोहनिया उनके निर्माणाधीन मकान पर गोली मारकर उनकी हत्या की. इसके बाद ऑटो के जरिए भदैनी स्थित मकान पर पहुंचा, जहां छत पर जाकर के छुप गया और सुबह 5:00 से 7:00 बजे के बीच चाची नीतू व चचेरे भाई नवेंदु, शुभेंदु और बहन गौरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद भाई को फोन कर बताया और उसके बाद मुगलसराय रेलवे स्टेशन से ट्रेन से बिहार निकल गया. वहां के बाद कोलकाता गया और अलग-अलग स्थान पर भ्रमण करता रहा.
इन लोगों की हत्या की थी.
इन लोगों की हत्या की थी. (Photo Credit; ETV Bharat)
इंस्टाग्राम बना सबसे बड़ा ट्रैकरः पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपी विक्की अपने भाई प्रशांत से इंस्टाग्राम पर मैसेज के जरिए बातचीत करता था, यही से इसकी जानकारी भी मिली थी. विक्की गुरुवार अपने भाई से पैसा लेने बनारस आया था, तभी मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के पास से पांच मोबाइल, सिम कार्ड, 26000 हजार रुपए बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही खुलासा करने वाली टीम को एक लाख का पुरस्कार भी दिया गया है.ये था पूरा मामलाः बताते चलें कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी निवासी राजेंद्र कुमार गुप्ता,उनकी पत्नी नीतू, बेटी गौरंगी और बेटू नवेंद्र, शुभेंदु का शव 5 नवंबर को उनके घर पर मिला था. चारों की गोली मारकर हत्या की गई थी. वहीं, राजेंद्र का शव रोहनिया थाना क्षेत्र के मीरपुर रामपुर स्थित उनके निर्माणाधीन मकान पर मिला था और उनकी भी गोली मारकर हत्या की थी. हत्या का शक पुलिस को उनके भतीजे विक्की पर था. इसको लेकर के पुलिस कमिश्नर ने पांच टीम में बनाकर अलग-अलग राज्यों में अपराधी की तलाश में डटी हुई थी. इसके साथ ही एक लाख रुपये इनाम भी घोषित किया था.भतीजों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए की थी पैरवी : पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मृतक राजेंद्र ने अपने भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी, पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की 1996-97 में हत्या की थी. उस वक्त कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की छोटे थे. बाद में इन दोनों बेटों ने राजेंद्र को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लगातार पैरवी की. अपने बयान भी दर्ज करवाये थे, लेकिन राजेंद्र को जमानत मिल गई. वह बाहर आ गया.

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