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7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, 52 हजार अर्थदंड

सुलतानपुर में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने 7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी श्यामलाल मौर्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 52 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

परिजन.
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Published : Jun 1, 2022, 11:56 AM IST

Updated : Jun 1, 2022, 12:03 PM IST

सुलतानपुर: 7 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी श्यामलाल मौर्य को दोषी ठहराया है. स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी श्यामलाल मौर्य को आजीवन कारावास व 52 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

उल्लेखनीय है कि पीड़िता के दादा ने 18 फरवरी, 2020 के इस मामले में जगदीशपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्यामलाल मौर्य ने बच्ची को घर में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था.

मामले में आरोपी श्यामलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई और विवेचक ने तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया. 7 नवंबर 2020 को कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चार्ज-फ्रेम कर मामले का ट्रायल शुरू किया. मामले का विचारण स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चला. मालूम हो कि घटना के बाद श्यामलाल को जेल भेजा गया, जिसे काफी प्रयासों व पैरवी के बाद भी जमानत ही नहीं मिल सकी और इधर ट्रायल पूरा भी हो गया.

ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया. वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक ने अभियोजन गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी श्यामलाल मौर्य को घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की.

स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी श्यामलाल को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा भुगतने एवं 52 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने अर्थदंड के धनराशि की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है.

इसे भी पढे़ं- लखीमपुर खीरी: 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

सुलतानपुर: 7 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी श्यामलाल मौर्य को दोषी ठहराया है. स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी श्यामलाल मौर्य को आजीवन कारावास व 52 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

उल्लेखनीय है कि पीड़िता के दादा ने 18 फरवरी, 2020 के इस मामले में जगदीशपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्यामलाल मौर्य ने बच्ची को घर में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था.

मामले में आरोपी श्यामलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई और विवेचक ने तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया. 7 नवंबर 2020 को कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चार्ज-फ्रेम कर मामले का ट्रायल शुरू किया. मामले का विचारण स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चला. मालूम हो कि घटना के बाद श्यामलाल को जेल भेजा गया, जिसे काफी प्रयासों व पैरवी के बाद भी जमानत ही नहीं मिल सकी और इधर ट्रायल पूरा भी हो गया.

ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया. वहीं, अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक ने अभियोजन गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपी श्यामलाल मौर्य को घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की.

स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी श्यामलाल को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा भुगतने एवं 52 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने अर्थदंड के धनराशि की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है.

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Last Updated : Jun 1, 2022, 12:03 PM IST
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