सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले का गन्ना बाराबंकी जिले के हैदर गढ़ मिल भेजे जाने को किसानों ने मुद्दा बना लिया और सड़क पर उतर गए. इस दौरान किसानों ने प्रदर्शन भी किया. गन्ना कार्यालय के सामने हुए प्रदर्शन और मुर्दाबाद के नारे को देखते हुए कार्यालय से अधिकारी फरार हो गए. किसानों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न करते हुए गन्ना अधिकारी मिल संचालकों से सांठगांठ कर लिए हैं.
मामला सुलतानपुर जिले के किसान सहकारी चीनी मिल से जुड़ा हुआ है. सुलतानपुर जिले में सैकड़ों एकड़ जमीन गन्ने के लिए आरक्षित है. जहां गन्ना किसान अपनी खेती करते हैं और उपज चीनी मिल पर लेकर जाते हैं. संजय गांधी ने सुलतानपुर चीनी मिल की स्थापना कराई थी. इसके उद्धार और जीर्णोद्धार के लिए मौजूदा सांसद मेनका गांधी ने भी बड़ा प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी किसानों का गन्ना हैदरगढ़ मिल भेजा जा रहा है. 80 किलोमीटर लंबी दूरी तय कर वहां जाने को किसान तैयार नहीं है. इसके लिए किसान आंदोलित हैं. जहां किसान गन्ना कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. गन्ना किसानों के उग्र रूप को देखकर अधिकारी मौके से फरार हो गए. किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और अन्नदाताओं की तरफ से आंदोलन की चेतावनी दी गई है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुड्डू सिंह का आरोप है कि गन्ना अधिकारी चीनी मिल संचालकों से सांठगांठ कर लिए हैं. ऐसे में किसानों को 80 किलोमीटर दूर बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ चीनी मिल भेजा जा रहा है. जबकि 7 किलोमीटर की दूरी पर सुलतानपुर सहकारी चीनी मिल स्थापित है. गन्ना की तौल हैदरगढ़ के लिए तब तक नहीं होने दी जाएगी. जब तक हमारा गन्ना सुलतानपुर चीनी मिल भेजने के लिए स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है. इसलिए हम धरना पर बैठे हैं और आरपार आंदोलन की रणनीति बनाए हुए हैं.
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