सोनभद्रः बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए और उन्हें हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए इस माह की 7 तारीख से पोषण माह मनाएगा. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों, गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरियों को स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक करेंगी. इस दौरान कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी और उन्हें कुपोषण से बचाया जाएगा.
जनपद में कुल 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या एक लाख 90 हजार है. इनमें 29211 बच्चे कुपोषित और 3166 बच्चे अति कुपोषित हैं. जनपद में 26154 गर्भवती महिलाएं एवं 24215 धात्री महिला हैं, जिन्हें हर महीने शासन की तरफ से मिलने वाले पोषाहार को वितरित किया जाता है, इसके बावजूद भारी संख्या में बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.
7 सितंबर से पोषण माह मनाए जाने के पीछे उद्देश्य है कि आने वाले समय में कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे और जो कुपोषित हैं, उन्हें स्वस्थ किया जा सके. इसके लिए जनपद के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस जागरूकता अभियान में लगाया गया है, ताकि वे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक घरों में जाकर लोगों को कुपोषण से बचाव के बारे में जागरूक कर सकें और कुपोषितों को चिन्हित कर सकें.
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि सितंबर की शुरुआत से ही पोषण माह मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण बीते 7 सितंबर से मनाया जाएगा. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं और स्कूल में जाने वाली किशोरियों और उनके अभिभावकों को कुपोषण के विषय में बताएंगी. इसके साथ ही अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित भी करेंगी. पोषण माह के अंतर्गत जनपद के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा.
इसके साथ ही अभियान चलाकर किशोरियों में एनीमिया की जांच करने के साथ ही जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन कराया जाएगा और उनकी लंबाई भी नापी जाएगी. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से मिलकर बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा, जिससे उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 का पालन करते हुए लोगों को जागरूक करेंगी और उन्हें कोविड-19 के प्रति भी जागरूक किया जाएगा.