लखनऊ : रहमानखेड़ा में कई दिनों से घूम रहे बाघ को पकड़ने के लिए अब वन विभाग गड्ढे खोद रहा है. इन गड्ढों को झाड़ियों से ढंका जाएगा. मूवमेंट होने पर बाघ गड्ढे में फंस जाएगा. इसका अलर्ट ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए सीधे मोबाइल पर पहुंच जाएगा. एक्सपर्ट टीम का कहना है कि जिस इलाके में बाघ के सबसे ज्यादा पगचिह्न मिले हैं, वहां हाईटेक कैमरे और ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं. वन विभाग और डॉक्टर की टीमों को 3 हिस्सों में बांटा गया है. संस्थान के जंगल सहित आसपास के इलाकों में भी कांबिंग कराई जा रही है. बुधवार की दोपहर बाद मीठेनगर के जंगल में हथिनियों डायना और सुलोचना से कांबिंग कराई गई, लेकिन बाघ का पता नहीं चल सका.
रहमानखेड़ा के जंगल से निकलकर बाघ ने गांवों का रुख कर लिया है. बाघ रेलवे लाइन पार करके उलरापुर के जंगल में घूमता रहा. बुधवार को रहमानखेड़ा जंगल के अंदर बाघ की गतिविधियां नहीं पाई गई. सुबह बाघ के पगचिह्न CISH परिसर में मिलने के बाद वन विभाग ने रणनीति बदली, मचान के पास पड़वे को बांधकर बाघ का इंतजार किया जा रहा है. कुछ दूरी पर मचान पर ट्रेंकुलाइजर टीम तैनात की गई है. 500 मीटर दूर लखीमपुर से मंगाया गया. डबल ट्रैप पिंजरा भी लगाया गया है.
बुधवार को रहमानखेड़ा जंगल के अंदर बाघ की गतिविधियां नहीं पाई गई. जंगलों के बाहरी इलाकों में गड्ढा खोदकर उसपर झाड़ियां रखी जाएंगी. जिससे बाघ के जंगल जाने और जंगल से बाहर निकलने समय गड्ढे में गिर जाए और इससे उसे पकड़ा जा सके. डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि रहमानखेडा संस्थान में टीम 1 के द्वारा पेट्रोलिंग की गई. बाघ, वन्य जीव के कोई ताजे पगमार्क नहीं मिले.
टीम ने रहमानखेड़ा एवं ग्राम मीठेनगर के आसपास ट्रैकिंग की. केज के सामने लगे ट्रैप कैमरे चेक किए गए. कोई बाघ, वन्य जीव की कोई हलचल नहीं पाई गई. डब्लूटीआई की टीम द्वारा भी समस्त कैमरा ट्रैप को चेक किया गया, जिसमें बाघ, वन्य जीव का कोई मूवमेंट नहीं पाया गया।
टीम-2 ने हथिनी सुलोचना एवं डायना के द्वारा ग्राम मीठेनगर में कांबिंग की, लेकिन बाघ का लोकेशन नहीं मिला. टीम ने ग्राम सैलामऊ, मीठेनगर सहित अन्य ग्रामों में ग्रामीणों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया. जन-जागरूकता एवं सुरक्षा के बारे में ग्रामवासियों को बताया गया.
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह व सीतापुर के डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने संस्थान में चल रहे बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. रेणु सिंह ने बताया कि बाघ को जोन एक में घेरकर रणनीति के तहत ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है.
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