गरीब बच्चों की प्रतिभा को सलाम, इनके हुनर ने दिलाई अलग पहचान - सिद्धार्थ नगर खबर
सिद्धार्थ नगर जिले के बकरी चराने वाले 2 बच्चों ने एक छोटी स्ट्रीमर बनाकर अपने छिपी प्रतिभा का परिचय दिया है. दोनों लड़कों की उम्र 14 वर्ष है. ये गरीब परिवार से हैं और सिर्फ कक्षा 5 तक की पढ़ाई किए हैं. दोनों बच्चे की इस प्रतिभा की चर्चा हर तरफ हो रही है.
सिद्धार्थ नगर : जिले के बकरी चराने वाले 2 बच्चों ने एक छोटी स्ट्रीमर बनाकर अपने छिपी प्रतिभा का परिचय दिया है. दोनों लड़कों की उम्र 14 वर्ष है. ये गरीब परिवार से हैं और सिर्फ कक्षा 5 तक की पढ़ाई किए हैं. दोनों बच्चे की इस प्रतिभा की चर्चा हर तरफ हो रही है.
गरीबी में किया कमाल
जिले के डुमरियागंज के भड़रिया गांव के रहने वाले तैयब अली और रहमान दोस्त हैं. गरीबी की वजह से दोनों ने सिर्फ पांच तक की ही शिक्षा हासिल की है. दोनों घर की गरीबी की वजह से बकरी चराने का काम करने लगे. लेकिन उनके अंदर छिपी हुई प्रतिभा उन्हें कुछ अलग करने को मजबूर करती थी. वे बकरी चराते हुए इधर-उधर पड़े तार, बैटरी व अन्य चीजों को लेकर जोड़-तोड़ करते रहते थे.
रहमान और तैय्यब ने बताया कि एक दिन दोनों ने सोचा कि क्यों न पानी में बैटरी से चलने वाली नाव बनायी जाय. लेकिन समस्या ये थी कि दोनों पढ़े-लिखे भी नाम मात्र के थे और संसाधन भी नहीं था. फिर भी अपनी दृढ़ इच्छा और सीमित संसाधन से काफी मशक्कत के बाद उनकी कोशिश रंग लाई. और आखिर में दोनों ने पानी में स्वचालित छोटी नाव स्ट्रीमर को बना डाला. दोनों बच्चों ने स्ट्रीमर को गांव की नदी में चलाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
मिले साथ तो बेटा भी बन जाए इंजीनियर
तय्यब अली और रहमान की इस कामयाबी से उसके घरवाले काफी खुश हैं. हालांकि अपनी गरीबी की वजह से उनको इस बात का मलाल है कि अगर उनके पास पैसा होता तो उनके बच्चे भी इंजीनियर बनकर उनके घर की गरीबी को दूर कर देते.
इनके हौसले हैं बुलंद
तैयब अली और रहमान का मनोबल छोटी स्ट्रीमर बनाकर काफी ऊंचा है. दोनों कुछ और बड़ा और अलग चीज बनाने का मन बना रहे हैं. हालांकि इन्हें ज्यादा नहीं पढ़े-लिखे होने का मलाल है. लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं. अगर दोनों को आगे टेक्निकल एजुकेशन मिले तो वह इस फील्ड में अपना और जिले का नाम रोशन कर सकते हैं.