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महाकुंभ में 27 पीपा पुल बंद, सिर्फ 3 ही खुले, संगम के करीब से लौटाए जा रहे श्रद्धालु - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025

भीड़ का लगातार बढ़ रहा दबाव, एसएसपी बोले- सभी 10 करोड़ को नहीं नहला सकते संगम

महाकुंभ में सिर्फ 3 पीपा पुल ही चालू.
महाकुंभ में सिर्फ 3 पीपा पुल ही चालू. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 28, 2025, 2:28 PM IST

Updated : Jan 28, 2025, 3:24 PM IST

प्रयागराज: महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही पूरा मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर चुका है. प्रयागराज की सड़कों पर लोगों का रेला लगा है. हर सड़क, गली में भीड़ है. होटल, लॉज और धर्मशालाएं तो पहले ही फुल हो चुकी हैं. इधर, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए हैं. संगम नोज पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला विकास प्राधिकरण ने सोमवार को सभी पांटून पुलों को बंद कर रखा था. आज भी विकास प्राधिकरण ने 30 पीपा पुलों में से केवल 3 को ही खोल रखा है. श्रद्धालुओं में इस बात को लेकर आक्रोश है कि 8 से 10 किमी तक चलकर संगम पहुंचने के बाद उन्हें लौटा दिया जा रहा है.

महाकुंभ में उमड़ी भीड़. (Video Credit; ETV Bharat)

ये पीपा पुल ही खोले गए: झूंसी से अरैल साइड जाने के लिए केवल 27 नंबर का पीपा पुल ही खोला गया है. इसी तरह झूंसी से संगम की ओर आने के लिए केवल 15 व 16 नंबर का ही पीपापुल खोला गया है. बावजूद उसके संगम नोज पर लाखों की की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे हैं. संगम पर बढ़ रहे भीड़ के दबाव और पीपा पुल बंद होने से श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं. सोमवार को पीपा पुल नंबर 7 पर न जाने देने से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और एसडीएम की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी थी. इसका वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट करने के बाद तेजी से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं के पीपा पुल बंद होने और व्यवस्था को लेकर भी कई सारे वीडियो वायरल हो रहे हैं. लोगों का गुस्सा प्रशासनिक अधिकारियों और व्यवस्था के खिलाफ फूटता दिख रहा है.

27 को बंद कर दिए थे सारे पीपा पुल, भड़के श्रद्धालु: माघ मेला प्रशासन ने 25 किलोमीटर और 25 सेक्टर में फैले महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं के गंगा और यमुना को पार करने के लिए 30 पांटून पुलों का निर्माण किया है. 30 पांटून पुलों को बनाने में सरकार ने कुल 17 करोड़ 31 लाख रुपए का बजट जारी किया है. इन पांटून पुलों से प्रयागराज शहर की ओर से आने वाले श्रद्धालु झूंसी की ओर आ- जा सकते हैं. इसके अलावा संगम और झूंसी क्षेत्र से नैनी की ओर जाने के लिए भी 6 पांटून पुल तैयार किए गए हैं. शास्त्री ब्रिज के नीचे से फाफामऊ तक श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए कई पांटून पुल बनाए गए हैं. हालांकि, संगम पर लगातार बढ़ रही भीड़ को मैनेज करने के लिए प्रशासन ने सोमवार को प्रयागराज शहर से झूंसी की ओर जाने वाले सारे पांटून पुलों को बंद कर दिया था. इसी कारण से लोगों का गुस्सा पुलिस प्रशासन के ऊपर भड़क उठा था. पुलिस के साथ श्रद्धालुओं के साथ झड़प के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. एक वीड़ियाे जो कि पीपा पुल 7 का बताया जा रहा है, उसमें आक्रामक भीड़ एसडीएम की गाड़ी में तोड़फोड़ करती दिख रही है.

हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष स्कूटी रोकने पर भड़के: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह को भी सोमवार को परिचय बताने के बाद भी जब पुलिस ने परेड ग्राउंड से अंदर नहीं जाने दिया तो उनका गुस्सा प्रशासनिक अधिकारियों पर फूट पड़ा. इसका एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ है.
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के चक्कर में पूरा मेला डिस्टर्ब हो रहा है. केवल वीआईपी ट्रीटमेंट देने में इस मेले की भव्यता को खराब किया जा रहा है. उन्होंने पुलिस कमिश्नर और मेलाधिकारी को चेतावनी दी. साथ ही कहा कि सीएम इन अधिकारियों को निर्देशित करें और वीआईपी ट्रीटमेंट देना बंद करें. कौन हैं वो वीआईपी, जिनके लिए रास्ते रोके जा रहे हैं.

आठ किलोमीटर चलने के बाद रोका जाता है कि आप संगम नहीं जा सकते: पुलिस की व्यवस्था पर भड़के एक श्रद्धालु ने कहा कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही साफसामने आ रही है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. इसके लिए 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं, भूखे रहते हैं, परेशान होते हैं, जमीन पर सो जाते हैं. जब हम 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलकर संगम के करीब पहुंचते हैं तो हमें कहा जाता है कि आपको संगम नहीं जाने दिया जाएगा. यह जानकारी संगम के करीब पहुंचने पर ही क्यों दी जाती है. इसका अनाउंसमेंट शुरू में ही क्यों नहीं कर दिया जाता है. रेलवे स्टेशन पर ही क्यों नहीं बताया जाता है कि संगम फुल है, आप गंगा-यमुना में ही नहा लें.

सभी 10 करोड़ लोगों को संगम नहीं नहलाया जा सकता: एसएसपी महाकुंभ नगर, राजेश द्विवेदी ने कहा कि इसका मकसद है कि श्रद्धालु अपने-अपने टेंट में और धर्म गुरुओं के शिविरों में आराम से जा सकें. भीड़ का संगम पर दबाव न बढ़े और कोई हादसा न हो. इसलिए हमारी प्लानिंग है कि जो जिस क्षेत्र से संगम की ओर आए, उसी क्षेत्र में गंगा नहाकर जाए. सभी 10 करोड़ लोगों को संगम में नहीं नहलाया जा सकता है. इसीलिए पांटून पुलाें को बंद रखा गया है. सामान्य दिनों में ये खुले रहते हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ का महा अमृत स्नान कल, अभी से ही प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, 10 करोड़ लोग लगाएंगे पुण्य की डुबकी - MAHAKUMBH MAUNI AMAVASYA

प्रयागराज: महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही पूरा मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर चुका है. प्रयागराज की सड़कों पर लोगों का रेला लगा है. हर सड़क, गली में भीड़ है. होटल, लॉज और धर्मशालाएं तो पहले ही फुल हो चुकी हैं. इधर, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए हैं. संगम नोज पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला विकास प्राधिकरण ने सोमवार को सभी पांटून पुलों को बंद कर रखा था. आज भी विकास प्राधिकरण ने 30 पीपा पुलों में से केवल 3 को ही खोल रखा है. श्रद्धालुओं में इस बात को लेकर आक्रोश है कि 8 से 10 किमी तक चलकर संगम पहुंचने के बाद उन्हें लौटा दिया जा रहा है.

महाकुंभ में उमड़ी भीड़. (Video Credit; ETV Bharat)

ये पीपा पुल ही खोले गए: झूंसी से अरैल साइड जाने के लिए केवल 27 नंबर का पीपा पुल ही खोला गया है. इसी तरह झूंसी से संगम की ओर आने के लिए केवल 15 व 16 नंबर का ही पीपापुल खोला गया है. बावजूद उसके संगम नोज पर लाखों की की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे हैं. संगम पर बढ़ रहे भीड़ के दबाव और पीपा पुल बंद होने से श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं. सोमवार को पीपा पुल नंबर 7 पर न जाने देने से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और एसडीएम की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी थी. इसका वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट करने के बाद तेजी से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं के पीपा पुल बंद होने और व्यवस्था को लेकर भी कई सारे वीडियो वायरल हो रहे हैं. लोगों का गुस्सा प्रशासनिक अधिकारियों और व्यवस्था के खिलाफ फूटता दिख रहा है.

27 को बंद कर दिए थे सारे पीपा पुल, भड़के श्रद्धालु: माघ मेला प्रशासन ने 25 किलोमीटर और 25 सेक्टर में फैले महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं के गंगा और यमुना को पार करने के लिए 30 पांटून पुलों का निर्माण किया है. 30 पांटून पुलों को बनाने में सरकार ने कुल 17 करोड़ 31 लाख रुपए का बजट जारी किया है. इन पांटून पुलों से प्रयागराज शहर की ओर से आने वाले श्रद्धालु झूंसी की ओर आ- जा सकते हैं. इसके अलावा संगम और झूंसी क्षेत्र से नैनी की ओर जाने के लिए भी 6 पांटून पुल तैयार किए गए हैं. शास्त्री ब्रिज के नीचे से फाफामऊ तक श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए कई पांटून पुल बनाए गए हैं. हालांकि, संगम पर लगातार बढ़ रही भीड़ को मैनेज करने के लिए प्रशासन ने सोमवार को प्रयागराज शहर से झूंसी की ओर जाने वाले सारे पांटून पुलों को बंद कर दिया था. इसी कारण से लोगों का गुस्सा पुलिस प्रशासन के ऊपर भड़क उठा था. पुलिस के साथ श्रद्धालुओं के साथ झड़प के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. एक वीड़ियाे जो कि पीपा पुल 7 का बताया जा रहा है, उसमें आक्रामक भीड़ एसडीएम की गाड़ी में तोड़फोड़ करती दिख रही है.

हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष स्कूटी रोकने पर भड़के: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह को भी सोमवार को परिचय बताने के बाद भी जब पुलिस ने परेड ग्राउंड से अंदर नहीं जाने दिया तो उनका गुस्सा प्रशासनिक अधिकारियों पर फूट पड़ा. इसका एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ है.
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के चक्कर में पूरा मेला डिस्टर्ब हो रहा है. केवल वीआईपी ट्रीटमेंट देने में इस मेले की भव्यता को खराब किया जा रहा है. उन्होंने पुलिस कमिश्नर और मेलाधिकारी को चेतावनी दी. साथ ही कहा कि सीएम इन अधिकारियों को निर्देशित करें और वीआईपी ट्रीटमेंट देना बंद करें. कौन हैं वो वीआईपी, जिनके लिए रास्ते रोके जा रहे हैं.

आठ किलोमीटर चलने के बाद रोका जाता है कि आप संगम नहीं जा सकते: पुलिस की व्यवस्था पर भड़के एक श्रद्धालु ने कहा कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही साफसामने आ रही है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. इसके लिए 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं, भूखे रहते हैं, परेशान होते हैं, जमीन पर सो जाते हैं. जब हम 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलकर संगम के करीब पहुंचते हैं तो हमें कहा जाता है कि आपको संगम नहीं जाने दिया जाएगा. यह जानकारी संगम के करीब पहुंचने पर ही क्यों दी जाती है. इसका अनाउंसमेंट शुरू में ही क्यों नहीं कर दिया जाता है. रेलवे स्टेशन पर ही क्यों नहीं बताया जाता है कि संगम फुल है, आप गंगा-यमुना में ही नहा लें.

सभी 10 करोड़ लोगों को संगम नहीं नहलाया जा सकता: एसएसपी महाकुंभ नगर, राजेश द्विवेदी ने कहा कि इसका मकसद है कि श्रद्धालु अपने-अपने टेंट में और धर्म गुरुओं के शिविरों में आराम से जा सकें. भीड़ का संगम पर दबाव न बढ़े और कोई हादसा न हो. इसलिए हमारी प्लानिंग है कि जो जिस क्षेत्र से संगम की ओर आए, उसी क्षेत्र में गंगा नहाकर जाए. सभी 10 करोड़ लोगों को संगम में नहीं नहलाया जा सकता है. इसीलिए पांटून पुलाें को बंद रखा गया है. सामान्य दिनों में ये खुले रहते हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ का महा अमृत स्नान कल, अभी से ही प्रयागराज में उमड़ा जनसैलाब, 10 करोड़ लोग लगाएंगे पुण्य की डुबकी - MAHAKUMBH MAUNI AMAVASYA

Last Updated : Jan 28, 2025, 3:24 PM IST
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