आगरा : सदर तहसील में फर्जी बैनामा बनाकर ठगी का खेल जोरों से चल रहा था. आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने बुधवार को फर्जी दस्तावेजों से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह में शामिल हाथरस के एक प्रॉपर्टी डीलर ने आगरा की भोला डेयरी के मालिक हरिशंकर की फरह सीमा पर स्थित करोड़ों की 15 बीघा जमीन का फर्जी दस्तावेज की मदद से सौदा कर दिया था. जमीन की बिक्री से पहले डेयरी मालिक को भनक लगी तो पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. पुलिस ने जांच की और अब हरीपर्वत थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से जमीन का सौदा करने वाले गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त हरिशंकर पुत्र राजवीर सिंह निवासी शहपउ, हाथरस, सचिन पुत्र रामवीर सिंह निवासी रामगढ़ हरिया, सादाबाद, हाथरस, ओम प्रकाश पुत्र शंकर लाल निवासी गांव टिकैत विसावर, हाथरस और अशीष पुत्र राकेश कुमार निवासी अजीतनगर, खेरिया मोड आगरा हैं. गैंग का मास्टर माइंड सचिन है. चारों से पूछताछ की जा रही है. गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं. इसके बारे में जानकारी जुटाई गई है.
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि हरिपर्वत थाना के नेहरू नगर निवासी हरिशंकर अग्रवाल ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. जिस पर हरिपर्वत थाना पुलिस ने जांच की. वादी हरिशंकर अग्रवाल ने बताया कि मेरा डेयरी कारोबार है. मेरी भोले बाबा नाम से डेयरी है. मेरी मथुरा जिले की फरह तहसील में स्थित करोड़ों रुपये की जमीन है. जिके फर्जी दस्तावेज और मालिक बनाकर जमीन बेची जा रही है. इस पर जांच की और गिरोह को दबोचा किया है.
पुलिस की गिरफ्त में सचिन और हरिशंकर ने पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी दी. सचिन ने बताया कि मैंने रुपये का लालच देकर गिरोह में मजदूर हरिशंकर को शामिल किया था. इसके बाद दस्तावेजों में हेरफेर करके जमीन का मालिक मजदूर हरिशंकर को बनाया. मजदूर को करोड़ों रुपये की जमीन का फर्जी मालिक बनाने में आधार कार्ड, फर्जी दस्तावेज के माध्यम से आधार सेवा केंद्र के कर्मचारी आशीष ने मदद की. उसने ही दस्तावजों को अपडेट किया.
गिरोह का फाइनेंसर निकाला शिक्षक: डीसीपी सिटी सूरज राय के अनुसार फर्जीवाड़ा गिरोह के मास्टरमाइंड सचिन ने पैन कार्ड बनवा कर एग्रीमेंट सचिन के नाम तैयार कर दिया. इसमें शिक्षक ओम प्रकाश ने गिरोह की रुपयों से मदद की. इसके बाद मथुरा के व्यापारियों से 20 करोड़ में जमीन खरीदने की बातचीत शुरू की. जमीन बेचे जाने की जानकारी जब वादी हरिशंकर को हुई तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. जिस पर छानबीन की गई और आरोपियों को दबोचा गया है.